अब शेयर बाजार में ठगी का रास्ता बंद! SEBI ने पेमेंट के लिए जारी किया UPI हैंडल, ट्रांजैक्शन से पहले देखें ये सिंबल

निवेशकों के लिए डिजिटल लेन-देन को और सुरक्षित बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है. अब अगर आप ब्रोकर या म्यूचुअल फंड को पैसा ट्रांसफर करेंगे तो कुछ नया और अलग नजर आएगा. यह बदलाव आपके पैसे को सही जगह पहुंचाने में अहम भूमिका निभाएगा.

बड़े सुधारों को मंजूरी दे सकता है सेबी. Image Credit: Getty image

शेयर बाजार में निवेश करने वाले लाखों लोगों के लिए अब पैसे ट्रांसफर करना और सुरक्षित हो गया है. सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने डिजिटल पेमेंट में धोखाधड़ी रोकने के लिए दो बड़े कदम उठाए हैं. इनमें पहला है स्पेशल UPI हैंडल “@valid” और दूसरा है वेरिफिकेशन टूल “SEBI Check”. इन दोनों उपायों का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि निवेशक का पैसा सिर्फ रजिस्टर्ड और अधिकृत संस्थाओं तक ही पहुंचे.

क्या है नया @valid UPI हैंडल?

SEBI ने नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के साथ मिलकर सभी निवेशक-फेसिंग इंटरमीडियरी यानी ब्रोकर्स और म्यूचुअल फंड्स को विशेष UPI हैंडल जारी किए हैं. इन UPI IDs के आखिर में “@valid” जुड़ा होगा. उदाहरण के लिए ब्रोकर्स के लिए abc.brk@validhdfc और म्यूचुअल फंड्स के लिए xyz.mf@validicici जैसे हैंडल इस्तेमाल होंगे.

अभी तक 90 फीसदी से ज्यादा ब्रोकर्स और सभी म्यूचुअल फंड कंपनियां इस सिस्टम को अपना चुकी हैं. यह सुविधा नेट बैंकिंग और अन्य मौजूदा पेमेंट विकल्पों के साथ अतिरिक्त सुरक्षा परत के तौर पर उपलब्ध रहेगी.

कैसे मिलेगी पहचान?

जब भी कोई निवेशक @valid हैंडल पर पेमेंट करेगा तो उसके मोबाइल स्क्रीन पर एक हरे त्रिकोण में “थंब्स-अप” का निशान दिखाई देगा. यह संकेत होगा कि पैसा सही और रजिस्टर्ड संस्था को जा रहा है. अगर यह निशान नहीं दिखे, तो निवेशक को तुरंत सतर्क हो जाना चाहिए. इसके अलावा, ऐसे हैंडल्स के लिए अलग QR कोड भी उपलब्ध होगा, जिस पर यही चिन्ह होगा.

‘SEBI Check’ से करें खातों की जांच

UPI के साथ-साथ SEBI ने एक नया सेल्फ-वेरिफिकेशन टूल “SEBI Check” भी शुरू किया है. इस टूल से निवेशक किसी भी रजिस्टर्ड इंटरमीडियरी के बैंक अकाउंट नंबर, IFSC कोड या @valid UPI ID की पुष्टि कर सकते हैं. यह सुविधा SEBI की वेबसाइट के लिंक (https://siportal.sebi.gov.in/intermediary/sebi-check) और SEBI के Saarthi मोबाइल ऐप पर उपलब्ध है. यह NEFT, RTGS और IMPS जैसे ट्रांजैक्शन पर भी लागू होगी.

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निवेशकों को क्या फायदा होगा?

SEBI का मानना है कि यह नया ढांचा धोखाधड़ी की संभावना को काफी हद तक खत्म कर देगा और फंड्स के अनधिकृत संस्थाओं तक जाने का खतरा नहीं रहेगा. विजुअल संकेत और वेरिफिकेशन सुविधा निवेशकों को त्वरित भरोसा और पारदर्शिता देंगे. इससे डिजिटल ट्रांजैक्शंस में निवेशकों का आत्मविश्वास बढ़ेगा और पूरे सिक्योरिटीज मार्केट में सुरक्षित पेमेंट सिस्टम को मजबूती मिलेगी.