चार दिन बाद खुल रहा Tata Capital का IPO, लगाने जा रहे हैं दांव तो इन रिस्क फैक्टर पर डालें नजर
टाटा ग्रुप की NBFC कंपनी, टाटा कैपिटल, का IPO 6 अक्टूबर 2025 को खुलेगा, जो इस साल का सबसे बड़ा IPO है. कंपनी 15,511.87 करोड़ रुपये जुटाएगी. प्राइस बैंड 310-316 रुपये और लॉट साइज 46 शेयर का है. ग्रे मार्केट प्रीमियम 21 रुपये पर है, जो 6.44% मुनाफे का संकेत देता है. निवेश से पहले रिस्क फैक्टर जरूर समझें.

Tata Capital IPO Details: टाटा ग्रुप की NBFC कंपनी TATA Capital जल्द ही बाजार में दस्तक देने जा रही है. कंपनी का IPO 6 अक्टूबर से खुल रहा है. यह इस साल का अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ होने वाला है. कंपनी इस इश्यू के जरिए बाजार से 15,511.87 करोड़ रुपये जुटाएगी. इसमें 6,846 करोड़ रुपये का फ्रेश इश्यू और 8,665.87 करोड़ रुपये के पुराने शेयर शामिल हैं. यानी इश्यू के जरिए जुटाई जाने वाली रकम सिर्फ कंपनी के पास नहीं जाएगी. इश्यू खुलने में अभी 4 दिन बचे हैं, लेकिन GMP ने रफ्तार पकड़ ली है. हालांकि निवेश से पहले रिस्क फैक्टर पर ध्यान देना बहुत ही जरूरी है.
Tata Capital IPO डिटेल्स
6 अक्टूबर से 8 अक्टूबर तक निवेशक इसमें बिडिंग कर सकते हैं. इसके जरिए कंपनी बाजार से 15511.87 करोड़ रुपये जुटा रही है. इसका प्राइस बैंड 310 रुपये से 316 रुपये तय किया गया है. 46 शेयरों का एक लॉट बनाया गया है, इसलिए रिटेल निवेशक को कम से कम 14,996 रुपये निवेश करने होंगे. 13 अक्टूबर को कंपनी बाजार में लिस्ट हो सकती है.
GMP लुढ़का फिर भी मुनाफे का दे रहा संकेत
2 अक्टूबर को 2 बजकर 1 मिनट पर इस इश्यू का ग्रे मार्केट प्रीमियम यानी GMP 21 रुपये था. यह 6.44 फीसदी की लिस्टिंग गेन की ओर संकेत दे रहा है. 26 सितंबर को यह 30 रुपये, 27 सितंबर को गिरकर 20 रुपये पर आ गया, 28 सितंबर को जीएमपी ने फिर से रफ्तार पकड़ी और यह चढ़कर 28 रुपये पर आ गया. इसके बाद यह गिरकर 22 रुपये पर आ गया.
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क्या है रिस्क फैक्टर?
कंपनी ने अपने DRHP में रिस्क फैक्टर के बारे में बताया है. दांव लगाने से पहले निवेशकों को रिस्क फैक्टर के बारे में जान लेना जरूरी है.
स्टेज 3 लोन: कंपनी के कुल लोन में से कुछ कर्ज स्टेज 3 यानी जोखिम भरे हैं. ये 30 जून 2025 को 2.1%, 30 जून 2024 को 1.7%, 31 मार्च 2025 को 1.9%, 31 मार्च 2024 को 1.5% और 31 मार्च 2023 को 1.7% थे. यानी कुछ लोन वापस ना मिलने का खतरा है.
बिना गारंटी वाले लोन का जोखिम: कंपनी ने रिटेल, SME और कॉर्पोरेट ग्राहकों को बिना गारंटी के लोन दिए हैं, जो ज्यादा जोखिम भरे हैं. ये 30 जून 2025 को 20.0%, 30 जून 2024 को 22.4%, 31 मार्च 2025 को 21.0%, 31 मार्च 2024 को 24.5% और 31 मार्च 2023 को 23.1% थे.
उधार लेने की लागत: कंपनी को उधार लेने की लागत 30 जून 2025, 30 जून 2024 और वित्तीय वर्ष 2025 में 7.8%, 2024 में 7.3% और 2023 में 6.6% थी. यानी उधार लेना महंगा हो रहा है.
ब्याज दरों का उतार-चढ़ाव: ब्याज दरों में बदलाव से कंपनी की कमाई और वित्तीय स्थिति प्रभावित हो सकती है, क्योंकि यह उधार देने और ट्रेजरी कार्यों को प्रभावित करता है.
विदेशी मुद्रा में उधार का जोखिम: कंपनी ने विदेशी मुद्रा में उधार लिया है, जो कुल उधार का 30 जून 2025 को 12.3%, 30 जून 2024 को 8.1%, 31 मार्च 2025 को 11.4%, 31 मार्च 2024 को 7.3% और 31 मार्च 2023 को 5.9% था. करेंसी के वैल्यू में बदलाव इस पर असर डाल सकता है.
SME लोन का जोखिम: छोटे और मध्यम उद्यमों (SME) को दिए गए लोन कुल कर्ज का 30 जून 2025 को 26.2%, 30 जून 2024 को 25.6%, 31 मार्च 2025 को 26.2%, 31 मार्च 2024 को 29.0% और 31 मार्च 2023 को 32.6% थे. ये लोन भी जोखिम भरे हो सकते हैं.
डिसक्लेमर: इस खबर में GMP से संबंधित जानकारी दी गई है. मनी9लाइव का GMP तय करने से कोई संबंध नहीं है. मनी9लाइव निवेशकों को यह भी सचेत करता है कि केवल जीएमपी के आधार पर निवेश पर फैसला नहीं करें. निवेश से पहले कंपनी के फंडामेंटल जरूर देखें और एक्सपर्ट की सलाह अवश्य लें.
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