
Midcap-Smallcap या Largecap, कहां बनेगा पैसा?
Midcap-Smallcap-Largecap share: अमेरिका-भारत टैरिफ वार की खबरों के बीच मार्केट में हलचल तेज है. टैरिफ के असर को लेकर निवेशकों में चिंता है, लेकिन असली डर सिर्फ टैरिफ में बढ़ोतरी से नहीं, बल्कि वैश्विक आर्थिक माहौल और विदेशी निवेशकों (FIIs) की सतर्क रणनीति से भी जुड़ा है. हाल के दिनों में निफ्टी और बैंक निफ्टी पर दबाव दिखा है, जबकि मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में अस्थिरता बढ़ी है. टैरिफ का ज्यादा असर उन सेक्टर्स पर हो सकता है, जो एक्सपोर्ट पर निर्भर हैं, जैसे टेक्सटाइल्स और मैन्युफैक्चरिंग.
वहीं, डोमेस्टिक डिमांड-ड्रिवन सेक्टर्स में ग्रोथ की गुंजाइश बनी हुई है. IPO मार्केट में भी चुनिंदा बड़ी लिस्टिंग्स से उम्मीदें कायम हैं. निवेशकों के लिए रणनीति यही है कि पोर्टफोलियो में बैलेंस बनाए रखें, स्थिर Largecaps में सेफ्टी और चुनिंदा Midcap व Smallcap में ग्रोथ के मौके तलाशें. आने वाले हफ्तों में मार्केट का मूड ग्लोबल संकेतों, टैरिफ अपडेट और FIIs की पोजीशनिंग से तय होगा. ज्यादा जानकारी के लिए देखिए ये वीडियो…