ट्रंप का 50% टैरिफ तूफान: रूसी तेल का बहाना या कोई गहरी चाल?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अचानक भारत के निर्यात पर 50% टैरिफ लगा दिया, जिसने व्यापार जगत में हलचल मचा दी है. क्या यह सचमुच रूस से तेल खरीदने का बदला है, या इसके पीछे कोई बड़ी geopolitical रणनीति छिपी है. आइए, इस टैरिफ तूफान की गहराई में उतरते हैं और जानते हैं कि इससे भारतीय निर्यातकों, परिवहन लागत, अमेरिकी उपभोक्ताओं, और भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों पर क्या असर पड़ेगा. साथ ही, क्या समुद्र माल ढुलाई से भारतीय बिजनेस इस झटके से बच सकते हैं.
ट्रंप ने इस टैरिफ को भारत के रूस से तेल आयात करने और यूक्रेन युद्ध में कथित समर्थन के जवाब में बताया है. भारत अपनी ऊर्जा जरूरतों का करीब 40% रूस से पूरा करता है, जो वैश्विक मंच पर विवादास्पद है. लेकिन क्या यह सिर्फ तेल की कहानी है. कई विशेषज्ञ मानते हैं कि ट्रंप की यह चाल व्यापारिक असंतुलन और भारत-अमेरिका के बीच बढ़ते आर्थिक तनाव को दर्शाती है. ट्रंप की “लिबरेशन डे” नीति के तहत 95 देशों पर टैरिफ लगाए गए हैं, जिसमें भारत पर 50% सबसे ऊंचा है, जबकि चीन पर 30-145% है. क्या यह भारत को BRICS और डी-डॉलराइजेशन से दूर करने की कोशिश है.
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