टाटा समूह का मार्केट कैप 8.25 लाख करोड़ घटा, इन शेयरों ने दिया जोर का झटका; TCS का सबसे बुरा हाल

Tata Group Share: पिछले 11 महीने में समूह का मार्केट कैप 8 लाख करोड़ रुपये से अधिक घटा है. वैश्विक व्यापक आर्थिक उथल-पुथल, घटती मांग और अलग-अलग सेक्टर्स में कंपनी-स्पेसिफिक झटकों के बीच निवेशकों के सेंटीमेंट में तेजी से बदलाव देखने को मिला है.

टाटा समूह के शेयरों में भारी गिरावट. Image Credit: AI

Tata Group Share: टाटा समूह के शेयरों में आई गिरावट ने इसके मार्केट कैपिटलाइजेशन को झकझोर कर रख दिया है. पिछले 11 महीने में समूह का मार्केट कैप 8 लाख करोड़ रुपये से अधिक घटा है. वैश्विक व्यापक आर्थिक उथल-पुथल, घटती मांग और अलग-अलग सेक्टर्स में कंपनी-स्पेसिफिक झटकों के बीच निवेशकों के सेंटीमेंट में तेजी से बदलाव देखने को मिला है. इसका असर टाटा समूह की कंपनियों के शेयरों पर पड़ है. 27 सितंबर 2024 से अब तक के 11 महीनों में टाटा समूह का मार्केट कैप 8.25 लाख करोड़ रुपये से अधिक कम हुआ है.

ईटी में छपी रिपोर्ट के अनुसार, अपने पीक 34.56 लाख करोड़ रुपये से समूह का लिस्टेड मार्केट कैप 5 अगस्त 2025 तक 26.31 लाख करोड़ रुपये पर गया, जो 23.87 फीसदी की गिरावट है. यह गिरावट पांच साल के मजबूत प्रदर्शन के बावजूद है.

मजबूत कमाई

टाटा संस की वित्त वर्ष 2025 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले पांच वर्षों में समूह का रेवेन्यू लगभग दोगुना और नेट प्रॉफिट व मार्केट कैप तीन गुना से भी ज्यादा हो गया है. इस दौरान उसने 5.5 लाख करोड़ रुपये खर्च किए. इसमें आगे कहा गया है कि वित्त वर्ष 2025 में सभी लिस्टेड और नॉन-लिस्टेड संस्थाओं से रेवेन्यू 15.34 लाख करोड़ रुपये रहा, जिसमें नेट प्रॉफिट 1.13 लाख करोड़ रुपये और मार्केट कैप 37.84 लाख करोड़ रुपये रहा.

फिर भी पिछले एक साल में टाटा समूह के लगभग हर प्रमुख शेयर में भारी गिरावट देखी गई है. टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS), टाटा मोटर्स और ट्रेंट के शेयरों में ही इस गिरावट का लगभग दो-तिहाई हिस्सा है, जो टेक सेक्टर में उद्योग-व्यापी दबाव, रिटेल सेक्टर की मांग में उतार-चढ़ाव और ऑटोमोबाइल सेक्टर में जियो-पॉलिटिकल के मंदी के कारण है.

TCS: सेक्टर में उथल-पुथल

कभी हर पांच साल में पैसा दोगुना करने वाले बाय-और-होल्ड शेयर के रूप में पॉपुलर TCS के शेयर अब 2008 के वित्तीय संकट के बाद अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रहे हैं. पिछले 11 महीनों में इस शेयर में लगभग 29 फीसदी की गिरावट आई है, जिससे इसके मार्केट कैप में 4.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक की गिरावट आई है, जो समूह के मार्केट कैप में आई गिरावट का सबसे बड़ा हिस्सेदार है.

TCS की परेशानियां व्यापक उद्योग समस्याओं का प्रतीक हैं, जिसमें पूरा आईटी सेक्टर अमेरिका में ग्राहकों के खर्च, व्यापक आर्थिक अनिश्चितताओं और एआई-आधारित बदलाव के दबावों से जूझ रहा है. हाल ही में पहली तिमाही के नतीजों ने मंदी को और बढ़ा दिया है. कॉन्स्टैंग करेंसी रेवेन्यू तिमाही-दर-तिमाही 3.3 फीसदी गिरा. हालांकि, डील 9.4 अरब डॉलर के साथ मज़बूत रहे, लेकिन कोई बड़ा सौदा नहीं हुआ. प्रबंधन ने कहा कि डिस्क्रेशनरी निवेश के संबंध में निर्णय लेने और प्रोजेक्ट शुरू करने में देरी वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही से जारी रही और वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में और बढ़ गई. कंपनी ने अपने 2 फीसदी वर्कफोर्स यानी लगभग 12,000 कर्मचारियों की छंटनी की भी घोषणा की.

टाटा मोटर्स का मार्केट

टाटा मोटर्स का मार्केट कैप 34 फीसदी यानी 1.24 लाख करोड़ रुपये से अधिक गिर गया. कमजोर मांग और नीतिगत चुनौतियों के चलते इसका शेयर अपने रिकॉर्ड स्तर से 43 फीसदी नीचे है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा अमेरिका को भारतीय ऑटो निर्यात पर 25 फीसदी टैरिफ लगाने से बाजार के सेंटीमेंट पर भारी असर पड़ा. वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही की कमाई कमजोर रही. ने प्रॉफिट 51 फीसदी घटकर 8,470 करोड़ रुपये रह गया. रेवेन्यू स्थिर रहा और मार्जिन में गिरावट आई.

ट्रेंट

ज्यूडियो और वेस्टसाइड के बाद रिटेल सेक्टर की दिग्गज कंपनी ट्रेंट की वैल्यू में सितंबर से 32 फीसदी की भारी गिरावट आई है, जिससे मार्केट कैप 89,078 करोड़ रुपये कम हो गया है. अकेले 2025 में ही इसमें 24 फीसदी की गिरावट आ चुकी है. प्रबंधन ने संकेत दिया है कि मुख्य फैशन कारोबार वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में लगभग 20 फीसदी की ग्रोथ दर्ज करेगा, जो आने वाले वर्षों के 25 फीसदी से अधिक की वृद्धि की उम्मीद से काफी कम है.

टाइटन

लग्जरी और लाइफस्टाइल सेक्टर की दिग्गज कंपनी टाइटन का मार्केट कैप 10.36 फीसदी की गिरावट के साथ 35,094 करोड़ रुपये से अधिक घट गया. टाटा पावर का मार्केट कैप 31,889 करोड़ रुपये रहा, जो 11 महीनों की अवधि में 20.57 फीसदी कम है, जबकि वोल्टास का मार्केट कैपिटलाइजेशन 29.42 फीसदी गिरकर करीब 18,168 करोड़ रुपये हो गया. इन कंज्यूमर और यूटिलिटीज कंपनियों में कमजोरी विवेकाधीन मांग में व्यापक गिरावट और घरेलू पोर्टफोलियो में सेक्टोरल बदलाव को दर्शाता है. टाटा कम्युनिकेशंस, टाटा एलेक्सी, तेजस में भी भारी गिरावट देखी गई.

टाटा कम्युनिकेशंस

टाटा कम्युनिकेशंस को 12,275 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ, जो 20.25 फीसदी कम है, जबकि प्रमुख इंजीनियरिंग सर्विस कंपनी टाटा एलेक्सी के शेयर 23.35 फीसदी गिरकर सितंबर 2024 से 11,306 करोड़ रुपये कम हो गए. प्रतिशत गिरावट के लिहाज से तेजस नेटवर्क्स सबसे खराब प्रदर्शन करने वालों में से एक रहा. टेलीकॉम कैपेएक्स को लेकर चिंताओं और कमजोर निकट भविष्य की संभावनाओं के बीच, इस शेयर में 50.93 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई, जिससे इसका मार्केट कैप 10,598 करोड़ रुपये कम हो गया.

इन शेयरों में नहीं आई गिरावट

हालांकि, टाटा के सभी शेयर नहीं गिरे. रैलिस इंडिया के मार्केट कैप में 14.28 फीसदी की बढ़ोतरी हुई, जिससे 911 करोड़ रुपये से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई, जबकि इंडियन होटल्स में लगभग 6 फीसदी की बढ़ोतरी हुई, जिससे सितंबर 2024 और अगस्त 2025 के बीच इसकी वैल्यू 5,943 करोड़ रुपये बढ़ गई. टाटा इन्वेस्टमेंट कॉर्पोरेशन भी इस दौरान 4.25 फीसदी ऊपर गया. इस बीच, बनारस होटल्स, जो आकार में छोटा है, ने 16 फीसदी की वृद्धि दर्ज की. वैश्विक कमोडिटी अस्थिरता के बावजूद, टाटा स्टील का शेयर केवल 4.14 फीसदी या 8,614 करोड़ रुपये गिरा, जो कुछ हद तक तुलनात्मक मजबूती दर्शाता है.

शॉर्ट टर्म अस्थिरता के बावजूद, टाटा संस ने अपनी वित्त वर्ष 2025 की वार्षिक रिपोर्ट में लॉन्ग टर्म वैल्यू क्रिएशन पर जोर दिया और बुनियादी बातों में वृद्धि की ओर इशारा किया. रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले पांच वर्षों में समूह का रेवेन्यू लगभग दोगुना, नेट प्रॉफिट और मार्केट कैप तीन गुना से भी अधिक हो गया है. लेकिन फिलहाल बाजार मौजूदा आय जोखिम और क्षेत्रीय रुझानों पर केंद्रित हैं.

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