सोने में तूफानी तेजी से इन 3 NBFC को फायदा, लिस्ट में Muthoot Finance भी शामिल; 5 साल में दिया 205% तक रिटर्न
सोने की कीमतें बढ़ने से NBFC को फायदा होता है, लेकिन ज्वैलरी कंपनियों को नुकसान हो सकता है. अभी सोने का बाजार बहुत मजबूत है, लेकिन निवेशकों को कीमतों को बढ़ाने वाले कारणों पर नजर रखनी चाहिए. सोने की कीमतें बढ़ने से कुछ खास कंपनियों के शेयरों पर असर पड़ता है. ऐसे में आइए, जानते हैं कि किन स्टॉक्स पर नजर रखनी चाहिए.

NBFC Shares: पिछले तीन साल में सोने की कीमत दोगुनी से ज्यादा हो गई है. सितंबर 2022 में 10 ग्राम सोना 50,000 रुपये से थोड़ा ज्यादा था, और अब यह 1,12,335 रुपये पर पहुंच गया है. यानी 120 फीसदी की बढ़ोतरी. तुलना करें तो पिछले तीन साल में निफ्टी केवल 50 फीसदी बढ़ा है. कुछ निवेशक तो अपने शेयर बेचकर सोना खरीद रहे हैं, ताकि मौजूदा अनिश्चितता से बच सकें.
अभी सोने का बाजार बहुत मजबूत है, लेकिन निवेशकों को कीमतों को बढ़ाने वाले कारणों पर नजर रखनी चाहिए. सोने की कीमतें बढ़ने से कुछ खास कंपनियों के शेयरों पर असर पड़ता है. ऐसे में आइए, जानते हैं कि किन स्टॉक्स को वॉच लिस्ट में शामिल करना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है.
मणप्पुरम फाइनेंस (Manappuram Finance)
मणप्पुरम फाइनेंस एक बड़ी NBFC है. यह सोने के बदले कर्ज देती है. इसका ज्यादातर कारोबार सोने के कर्ज से आता है. जब सोने की कीमतें बढ़ती हैं, तो लोग अपने सोने के गहनों पर ज्यादा कर्ज ले सकते हैं, क्योंकि सोने की कीमत ज्यादा होती है. इससे कंपनी की कमाई बढ़ती है. मणप्पुरम बाजार में मजबूत स्थिति में है और इसने कई सालों तक अच्छा प्रदर्शन किया है. पिछले साल, कंपनी की माइक्रोफाइनेंस इकाई को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने कर्ज देने पर रोक लगा दी थी. यह रोक ऊंची ब्याज दरों और फंडिंग लागत के कारण थी. इस रोक की वजह से कंपनी के खराब कर्ज बढ़ गए और उसे 470 करोड़ रुपये का प्रावधान करना पड़ा.

हालांकि, जनवरी में यह रोक हट गई और अब बाजार को लगता है कि कंपनी की मुश्किलें कम हो गई हैं. सोने की कीमतें बढ़ने से भी कंपनी को फायदा हो रहा है. इसके अलावा, खबर है कि ग्लोबल कंपनी बैन कैपिटल मनप्पुरम में 4,385 करोड़ रुपये का निवेश कर सकती है. इससे कंपनी में 18 फीसदी हिस्सेदारी मिलेगी और भविष्य में और 26 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने का मौका भी मिल सकता है. इस खबर ने निवेशकों का उत्साह बढ़ाया है.

मुथूट फाइनेंस (Muthoot Finance)
मुथूट फाइनेंस भारत की सबसे बड़ी सोना-कर्ज देने वाली NBFC है. यह कंपनी पुराने सोने के गहनों पर कर्ज देती है और इसका नेटवर्क बहुत मजबूत है. कंपनी डिजिटल प्लेटफॉर्म का भी इस्तेमाल करती है. मुथूट परिवार दशकों से सोने के कर्ज के कारोबार में है, खासकर केरल में, जहां लोग इस पर बहुत भरोसा करते हैं. RBI के नए नियमों का इस कंपनी पर भी असर पड़ा, लेकिन इसका विकास इतना तेज है कि कंपनी के एमडी, अलेक्जेंडर मुथूट, ने कहा है कि वे अपनी कंपनी के ग्रोथ का लक्ष्य 15 फीसदी से बढ़ाकर 20 फीसदी से ज्यादा कर सकते हैं. कंपनी ने पिछले साल 40 फीसदी की बढ़ोतरी हासिल की थी. इस साल भी कंपनी की संपत्ति (AUM) में तेज बढ़ोतरी की उम्मीद है. हाल ही में कंपनी ने 600 मिलियन डॉलर का विदेशी फंड जुटाया है. इसका वित्तीय प्रदर्शन भी बहुत अच्छा रहा है.


टाइटन कंपनी (Titan company)
टाइटन भारत की सबसे बड़ी ज्वैलरी कंपनी है. इसके ब्रांड जैसे तनिष्क, मिया, जोया और कैरेटलेन बहुत लोकप्रिय हैं. ज्वैलरी इसका सबसे बड़ा कारोबार है. हालांकि, सोने की कीमतें बढ़ने से टाइटन को कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ा. सोना इस कंपनी का मुख्य कच्चा माल है, इसलिए कीमतें बढ़ने से लागत बढ़ती है. कंपनी ने कीमतें बढ़ाकर और लागत कम करके इस समस्या से निपटने की कोशिश की.

लेकिन ऊंची कीमतों की वजह से ग्राहक हल्के और कम कैरेट वाले गहने खरीद रहे हैं, जिससे कंपनी की बिक्री प्रभावित हुई. पिछले तिमाही में टाइटन की ज्वैलरी सेल्स 18 फीसदी बढ़ी, लेकिन निवेशक इससे ज्यादा की उम्मीद कर रहे थे. फिर भी, पूरे साल में कंपनी ने 22 फीसदी की बढ़ोतरी हासिल की और 50,000 करोड़ रुपये की बिक्री का आंकड़ा पार किया. आगे चलकर, टाइटन अपने प्रीमियम ब्रांड जोया को बढ़ाने और ग्राहकों की बदलती जरूरतों को पूरा करने पर ध्यान दे रही है.

डेटा सोर्स: फाइनेंशियल एक्सप्रेस, इक्विटीमास्टर, बीएसई, बुलियन.को.इन
डिस्क्लेमर: मनी9लाइव किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.
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