सस्टेनेबल इकोनॉमी का हिस्सा बन रही रीसाइक्लिंग इंडस्ट्री, सेक्टर के 5 स्टॉक बनायेंगे मोटा पैसा! 2026 की वॉचलिस्ट में कर सकते हैं शामिल
भारत में रीसाइक्लिंग सेक्टर तेजी से बढ़ रहा है जिसे सरकार की EPR नीति और बढ़ती पर्यावरण जागरूकता का समर्थन मिल रहा है. स्मॉलकैप कंपनियां एस्सेल प्रोपैक, नाइल, गणेशा इकोस्फीयर, इंदाग रबर और नमो ई-वेस्ट इस ट्रेंड से बड़ा लाभ उठा सकती हैं. अगर आप स्टॉक मार्केट में निवेश करते हैं तो आप इन्हें 2026 के लिए अपनी वॉचलिस्ट में शामिल कर सकते हैं.
भारत में तेजी से बदलते जीवन स्तर के साथ अब “Make, Use, Dispose” की बजाय “Make, Use, Recycle, Reuse” का मॉडल अपनाया जा रहा है. जिससे रीसाइक्लिंग इंडस्ट्री तेजी से आगे बढ़ रही है. रीसाइक्लिंग सेक्टर भारत की सस्टेनेबल इकोनॉमी का अहम हिस्सा बनता जा रहा है. सरकार द्वारा लागू एक्सटेंडेड प्रोड्यूसर रिस्पॉन्सबिलिटी (EPR) नियमों ने रीसाइक्लिंग इंडस्ट्री को नई दिशा दी है.आने वाले वर्षों में रीसाइक्लिंग सेक्टर निवेशकों के लिए सुनहरा अवसर बन सकता है. हम आपको 5 स्मॉलकैप रीसाइक्लिंग कंपनियों के बारे में बता रहे हैं जो 2026 में बेहतर प्रदर्शन कर सकती हैं जिसे निवेशक अपनी वॉचलिस्ट में शामिल कर सकते हैं.
एस्सेल प्रोपैक (Essel Propack)
एस्सेल प्रोपैक दुनिया की सबसे बड़ी स्पेशलिटी पैकेजिंग कंपनी है. यह एफएमसीजी, फार्मा, ब्यूटी और फूड सेक्टर के लिए प्लास्टिक ट्यूब बनाती है. इस सेगमेंट में कंपनी 20% वैश्विक हिस्सेदारी रखती है. कंपनी की 85% मशीनें अब रीसाइक्लेबल ट्यूब बनाने में सक्षम हैं. FY23 में रीसाइक्लेबल ट्यूब का हिस्सा 10% था जो FY24 में 20% तक पहुंच गया और FY26 तक 60% होने की उम्मीद है. कंपनी की बिक्री और मुनाफा पिछले 5 वर्षों में क्रमशः 9% और 12% की CAGR से बढ़ा है. कंपनी का मार्केट कैप 6,580.20 करोड़ रुपये का है और इसका शेयर शुक्रवार को 205.60 रुपये पर बंद हुआ.
नाइल लिमिटेड (Nile Ltd)
1984 में स्थापित नाइल लिमिटेड लीड रीसाइक्लिंग के क्षेत्र में काम करती है और यह बैटरी निर्माण के लिए शुद्ध लेड बनाती है. इसकी फैक्ट्रियां हैदराबाद और तिरुपति में हैं जिनकी संयुक्त क्षमता 1.07 लाख TPA है. कंपनी की बिक्री और मुनाफा पिछले 5 वर्षों में 9% और 12% CAGR से बढ़े हैं. हालांकि, इसका प्रमुख ग्राहक Amara Raja Batteries अपनी खुद की स्मेल्टर यूनिट बना रहा है जिससे इसके वॉल्यूम पर असर पड़ सकता है. कंपनी का मार्केट कैप 545 करोड़ रुपये का है और इसका शेयर शुक्रवार को 1816.35 रुपये पर बंद हुआ.
गणेशा इकोस्फीयर (Ganesha Ecosphere)
गणेशा इकोस्फीयर PET वेस्ट रीसाइक्लिंग में भारत की अग्रणी कंपनी है. यह रिसाइकल्ड पॉलिएस्टर फाइबर, सूत और यार्न बनाती है. कंपनी का नया ब्रांड Go Rewise सस्टेनेबल उत्पादों पर केंद्रित है. FY25 में कंपनी की बिक्री बढ़ी लेकिन मुनाफा कम हुआ क्योंकि PET बॉटल स्क्रैप की कीमतें बढ़ीं. वॉरंगल में 22,500 टन की नई यूनिट और यूरोप से नए ऑर्डर कंपनी के लिए पॉजिटिव संकेत हैं. कंपनी का मार्केट कैप 3109 करोड़ रुपये है और इसका शेयर शुक्रवार को 1221.55 रुपये पर बंद हुआ.
इंदाग रबर (Indag Rubber)
1978 में स्थापित इंदाग रबर टायर रिट्रेडिंग और रबर प्रोडक्ट्स बनाती है. कंपनी की प्रोडक्शन यूनिट हिमाचल प्रदेश के नालागढ़ में है. पिछले 3 वर्षों में इसकी बिक्री 11% और मुनाफा 27% CAGR से बढ़ा है. FY25 में कंपनी का रेवेन्यू घटा लेकिन कंपनी अब पावर इलेक्ट्रॉनिक्स और ईवी इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे नए क्षेत्रों में प्रवेश कर रही है. कंपनी का मार्केट कैप 324 करोड़ रुपये है. इसका शेयर शुक्रवार को 130.30 रुपये पर बंद हुआ.
नमो ई-वेस्ट मैनेजमेंट (Namo eWaste Management)
2014 में स्थापित यह कंपनी ई-वेस्ट रीसाइक्लिंग के क्षेत्र में कार्यरत है और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के कलेक्शन, डिस्पोजल और रीसाइक्लिंग की सेवाएं देती है. इसके तीन संयंत्र फरीदाबाद, पलवल और नासिक में हैं. कंपनी की बिक्री और मुनाफा पिछले 3 वर्षों में 49% और 67% CAGR से बढ़े हैं. FY25 में इसके रेवेन्यू में 50% की वृद्धि दर्ज की गई. कंपनी अब लिथियम-आयन बैटरी रीसाइक्लिंग पर भी फोकस कर रही है. कंपनी का मार्केट कैप 461 करोड़ रुपये का है और इसका शेयर शुक्रवार को 202 रुपये पर बंद हुआ.
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