Tata Power समेत ये 4 न्यूक्लियर पावर स्टॉक है लंबी रेस के खिलाड़ी, 5 साल में दिया 600% तक रिटर्न; रखें नजर
न्यूक्लियर पावर दुनिया का सबसे साफ बिजली स्रोत है, लेकिन भारत में यह केवल 3 फीसदी बिजली बनाता है. इससे इस क्षेत्र में बहुत संभावनाएं हैं. भारत साल 2030 तक अपनी न्यूक्लियर पावर क्षमता को 7.5 गीगावाट से तीन गुना करने का टारगेट रखता है. भारत-रूस का न्यूक्लियर डील भी इस सेक्टर के लिए बड़ा मौका है. इन चारों कंपनियों टाटा पावर, पावर मेक प्रोजेक्ट्स, BHEL और वालचंदनगर इंडस्ट्रीज में निवेश करने का अच्छा मौका हो सकता है.
4 Nuclear power: आजकल दुनिया की आबादी तेजी से बढ़ रही है और टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल भी बढ़ता जा रहा है. इसके साथ ही बिजली की जरूरत भी बहुत ज्यादा बढ़ गई है. हमारे फोन चार्ज करने से लेकर घर और दफ्तर चलाने तक, बिजली हर जगह चाहिए. लेकिन इसके साथ एक बड़ी चुनौती है कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन कम करना. भारत कोयले से बिजली बनाने पर बहुत निर्भर है, लेकिन अब देश रिन्यूएबल एनर्जी की तरफ बढ़ रहा है ताकि पर्यावरण को बचाया जा सके.
भारत ने साल 2030 तक 500 गीगावाट नॉन-फॉसिल फ्यूल बिजली बनाने का टारगेट रखा है. इसके अलावा, साल 2070 तक नेट-जीरो उत्सर्जन और 50 फीसदी बिजली रिन्यूएबल सोर्स से बनाने का भी टारगेट है. न्यूक्लियर पावर एक साफ और पर्यावरण के लिए अच्छा ऑप्शन है. ऐसे में आइए, चार कंपनियों के बारे में जानते हैं जो न्यूक्लियर पावर से जुड़ी हैं और साल 2026 में अच्छा मुनाफा दे सकती हैं.
टाटा पावर (TATA Power)
टाटा पावर बिजली बनाने का काम करती है. कंपनी का टारगेट है कि वह पूरी तरह से रिन्यूएबल एनर्जी से बिजली बनाए. यह सोलर रूफ बनाती है और साल 2025 तक 1 लाख इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) चार्जिंग स्टेशन बनाने की योजना है. टाटा पावर की कुल बिजली क्षमता 14,381 मेगावाट है. इसमें 8,860 मेगावाट थर्मल, 1,007 मेगावाट पवन, 880 मेगावाट हाइड्रो, 443 मेगावाट वेस्ट हीट रिकवरी, और 3,191 मेगावाट सोलर शामिल है. इसके अलावा, 3,760 मेगावाट रिन्यूएबल प्रोजेक्ट्स बन रहे हैं.
कंपनी साल 2025 में 20,000 करोड़ रुपये से ज्यादा नए प्रोजेक्ट्स में निवेश करेगी. इसका बड़ा हिस्सा रिन्यूएबल एनर्जी और बिजली बांटने के काम में जाएगा. टाटा पावर छोटे न्यूक्लियर रिएक्टर (SMR) में भी काम शुरू करना चाहती है, लेकिन इसके लिए सरकार की नीतियों का इंतजार है. पिछले एक साल में कंपनी का शेयर 11 फिसदी गिरा है क्योंकि इसका प्रदर्शन कुछ कमजोर रहा. लेकिन भविष्य में रिन्यूएबल एनर्जी पर फोकस से यह बेहतर कर सकती है.
पावर मेक प्रोजेक्ट्स (Power Mech Projects)
पावर मेक प्रोजेक्ट्स साल 1999 में शुरू हुई थी. यह कंपनी बिजली प्रोजेक्ट्स के लिए बॉयलर, टरबाइन और जनरेटर बनाने, टेस्ट करने और लगाने का काम करती है. यह बड़े पावर प्रोजेक्ट्स जैसे अल्ट्रा मेगा पावर प्रोजेक्ट्स और सुपर क्रिटिकल थर्मल प्रोजेक्ट्स में काम करती है. कंपनी को भारत की बढ़ती बिजली जरूरतों से फायदा होगा, क्योंकि यह टरबाइन और जनरेटर बनाती है. कंपनी की 89 फीसदी कमाई भारत से और 11 फीसदी निर्यात से आती है. इसके ग्राहकों में अडानी पावर, BHEL, L&T, टाटा पावर, NTPC और अंतरराष्ट्रीय कंपनियां जैसे मित्सुबिशी, सीमेंस और हुंडई शामिल हैं.
साल 2025 तक कंपनी के पास 54,000 करोड़ रुपये के ऑर्डर हैं. इनमें 40,000 करोड़ रुपये के दो बड़े कॉन्ट्रैक्ट 25 साल में पूरे होंगे. अक्टूबर 2023 में कंपनी ने 350 करोड़ रुपये जुटाए. हाल ही में कंपनी को कैगा न्यूक्लियर पावर प्रोजेक्ट में टरबाइन से जुड़ा काम मिला है. इसमें वह टरबाइन बिल्डिंग और उपकरण की नींव बनाएगी. कंपनी का कहना है कि अगले दो साल में उसकी आय 30 फीसदी से ज्यादा बढ़ेगी और मुनाफा भी बेहतर होगा. लेकिन पिछले एक साल में इसका शेयर 10 फीसदी गिरा है.
BHEL
BHEL भारत की सबसे बड़ी सरकारी इंजीनियरिंग और मैन्युफैक्चरिंग कंपनी में से एक है. यह बिजली प्लांट के लिए उपकरण बनाती है, जैसे टरबाइन, जनरेटर, हीट एक्सचेंजर और न्यूक्लियर रिएक्टर के पार्ट्स. कंपनी की 76 फीसदी कमाई पावर सेक्टर से और 24 फीसदी इंडस्ट्रियल सेक्टर से आती है. BHEL ने 1964 से अब तक करीब 1,000 कोयला, हाइड्रो, गैस और न्यूक्लियर बिजली प्लांट बनाए हैं.
यह भारत की कुल बिजली क्षमता का 53 फीसदी हिस्सा बनाती है. हाल ही में भारत और रूस ने 6 नए बड़े न्यूक्लियर पावर प्लांट बनाने की बात की है, जिसमें BHEL और पावर मेक प्रोजेक्ट्स काम करेंगे. BHEL न्यूक्लियर पावर प्लांट्स के लिए जरूरी उपकरण बनाती है, जैसे स्टीम टरबाइन, जनरेटर और रिएक्टर के पार्ट्स. पिछले एक साल में इसका शेयर 12 फीसदी गिरा है, लेकिन न्यूक्लियर प्रोजेक्ट्स से भविष्य में फायदा हो सकता है.
वालचंदनगर इंडस्ट्रीज (Walchandnagar Industries)
वालचंदनगर इंडस्ट्रीज एक हेवी इंजीनियरिंग कंपनी है. यह न्यूक्लियर पावर, एयरोस्पेस, मिसाइल, डिफेंस और तेल-गैस जैसे क्षेत्रों में उपकरण बनाती है. कंपनी पिछले 40 साल से न्यूक्लियर पावर प्रोजेक्ट्स में काम कर रही है. यह न्यूक्लियर पावर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCIL), भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर (BARC) और BHAVINI को जरूरी उपकरण देती है. यह कंपनी न्यूक्लियर रिएक्टर के लिए जरूरी पार्ट्स बनाती है, जैसे डंप टैंक, हीट एक्सचेंजर और स्टीम जनरेटर. यह 220 मेगावाट से 700 मेगावाट के रिएक्टर और फास्ट ब्रीडर रिएक्टर के लिए उपकरण बनाती है. पिछले एक साल में इसका शेयर 30 फीसदी गिरा है, लेकिन पिछले एक महीने में 22.3 फीसदी बढ़ा है.
डेटा सोर्स: BSE, Groww, Equity master
डिस्क्लेमर: मनी9लाइव किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.