कौन लौटाएगा शेयर बाजार की रौनक, ट्रंप या हैरिस, जानें किसमें दम
अमेरिकी चुनाव के नतीजे कुछ ही दिनों में सामने आएंगे. इस बार मुकाबला कड़ा है, और इसका असर भारत के कई उद्योगों पर पड़ सकता है. जानें किसके जितने पर कौन सा सेक्टर फायदे में रहेगा....

अमेरिकी चुनाव से भारतीय शेयर बाजार पर कैसे पड़ेगा असर
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अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव 5 नवंबर को होने जा रहे हैं. इस सियासी दंगल में रिपब्लिकन पार्टी के डोनाल्ड ट्रम्प और डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार कमला हैरिस के बीच कांटे की टक्कर है. मार्केट एक्सपर्ट्स के मुताबिक इस चुनाव का असर भारत के आईटी, फार्मास्युटिकल्स, कपड़ा उद्योग सहित कई क्षेत्रों पर हो सकता है.
मार्केट एक्सपर्ट्स की मानें तो अगर ट्रम्प जीतते हैं तो टैरिफ को लेकर अनिश्चितता रह सकती है लेकिन शॉर्ट टर्म के लिए उनकी जीत स्टॉक मार्केट के लिए अच्छा साबित हो सकती है. बिजनेस टुडे में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, विश्लेषकों का कहना है कि अगर डेमोक्रेटिक पार्टी सत्ता में आती है तो भारतीय शेयर बाजार में लगभग 5 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है. हालांकि कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि बाजार पर कमला हैरिस के जीतने का कुछ खास असर नहीं होगा.
अमेरिकी चुनाव से ये 8 सेक्टर हो सकते हैं प्रभावित
- आईटी सेवाएं: अमेरिका में अगर दोनों में से कोई भी जितता है तो उसका नेगेटिव प्रभाव आईटी सेक्टर पर पड़ने के पूरे आसार हैं.क्योंकि भारत की ज्यादातर आईटी कंपनियां ऑफशोरिंग करती हैं. अगर डेमोक्रेटिक पार्टी जीतती है तो अमेरिकी कॉर्पोरेट टैक्स बढ़ सकते हैं, जिससे टेक्नोलॉजी खर्च में कमी आ सकती है. वहीं, ट्रम्प के चीन के साथ ट्रेड संबंधों में बदलाव के चलते भारतीय आईटी मिडकैप कंपनियों के लिए अवसर बढ़ सकते हैं.
- फार्मास्युटिकल्स: दोनों पार्टियां दवा की लागत को कम करने की योजना बना रही हैं. रिपब्लिकन कॉम्पटिशन बढ़ाने की कोशिश करेंगे जबकि डेमोक्रेट्स जनरिक दवाओं को तेजी से मंजूरी देने का समर्थन करते हैं. मंजूरी के फैसले से भारतीय फार्मा कंपनियों को फायदा हो सकता है.
- इंडस्ट्रियल्स: ट्रम्प का फोकस अमेरिका को वैश्विक मैन्युफैक्चरिंग पावरहाउस बनाने पर है जिससे एबीबी, सिमेंस, कमिंस जैसी कंपनियों को लाभ हो सकता है.
- तेल एवं गैस: ट्रम्प प्रशासन पारंपरिक तेल और गैस का समर्थन करेंगे जबकि हैरिस के शासन में जलवायु पर ध्यान दिया जाएगा और तेल-गैस उत्पादकों पर अतिरिक्त खर्च आ सकता है.
- रक्षा क्षेत्र: ट्रम्प प्रशासन के तहत रक्षा उद्योगों को फायदा मिल सकता है, जैसे भारत की भारत डायनामिक्स और एचएएल जैसी कंपनियां जो अमेरिकी रक्षा सिस्टम से जुड़ी हुई हैं.
- कपड़ा उद्योग: अगर ट्रम्प चीन पर व्यापार प्रतिबंध लगाते हैं, तो भारतीय कपड़ा उद्योग को लाभ मिल सकता है.
- यूटिलिटीज: डेमोक्रेटिक पार्टी सौर ऊर्जा में निवेश बढ़ा सकती है जबकि ट्रम्प के सत्ता में आने पर एलएनजी पर ज्यादा ध्यान दिया जा सकता है.
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