अमेरिका के कितने भरोसे Waaree Energies, एक महीने में 24 फीसदी टूटे शेयर, आगे ये है डर
Waaree Energy का शेयर लगातार गिरावट का सामना कर रहा है, पिछले एक महीने में इसमें 23.90 फीसदी की गिरावट आई है. यह गिरावट डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों के कारण हो सकती है, जो ग्रीन एनर्जी कंपनियों के एक्सपोर्ट को प्रभावित कर सकती हैं. वारी एनर्जी अमेरिका पर बहुत अधिक निर्भर है और अमेरिका भारत के सोलर पैनल का सबसे बड़ा खरीदार.
Waaree Energies order book & Share Price: वारी एनर्जी पिछले कई हफ्तों से गिरावट झेल रहा है, पिछले एक महीने में Waaree Energy का स्टॉक 23.90 फीसदी गिर चुका है. अब डोनाल्ड ट्रंप की नीतियां हैं जो वारी पर संकट के बादल ला सकती है. ग्रीन एनर्जी कंपनियों के एक्सपोर्ट को झटका लग सकता है, अगर ये एक्सपोर्ट खासकर अमेरिका पर निर्भर हैं. और वारी एनर्जी के साथ ऐसा ही मामला है.
दरअसल डोनाल्ड ट्रंप के आने के साथ ट्रेड वॉर का खतरा बढ़ गया है. ट्रंप सीधे भारत का नाम लेकर भी कह चुके हैं कि अगर वह इंपोर्ट पर ज्यादा टैक्स लगाते हैं भारत से अमेरिका आने वाले सामानों पर भी भारी टैक्स लगाया जाएगा. यहीं से उन कंपनियों पर खतरा बढ़ जाता है जो अमेरिका को अपना सामान एक्सपोर्ट करती हैं.
Waaree की ऑर्डर बुक में अमेरिका का हिस्सा
ET की रिपोर्ट के अनुसार, फिलहाल Waaree की कुल ऑर्डर बुक का 72% हिस्सा अमेरिका से आता है. कंपनी का कहना है कि उसके ऑपरेशंस पर किसी टैरिफ का असर नहीं पड़ता. इसके अलावा, कंपनी का सेल मैन्युफैक्चरिंग में कदम रखने से उसकी प्रॉफिटेबिलिटी में 200-300 बेसिस प्वाइंट्स की बढ़ोतरी होने की उम्मीद है, जो अभी 15-17% के स्तर पर है.
Waaree इस समय अपने सोलर मॉड्यूल्स का 44% एक्सपोर्ट करती है, और अमेरिका इसका एक मुख्य बाजार है. कंपनी अमेरिका के ह्यूस्टन में एक 1.6 गीगावॉट (GW) मॉड्यूल फैसिलिटी बनाने की तैयारी में है.
वारी के कंपनी के ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस यानी DRHP के अनुसार, कंपनी 90% कच्चा माल (खासतौर पर सोलर सेल्स) चीन, वियतनाम, मलेशिया और थाईलैंड जैसे देशों से इंपोर्ट करती है. इसमें से चीन का योगदान 54.08% है.
वारी एनर्जीज की वित्तीय स्थिति
सितंबर 2024 तिमाही में कंपनी का रेवेन्यू सालाना आधार पर सिर्फ 1% बढ़कर ₹3,574.4 करोड़ हुआ है. लेकिन नेट प्रॉफिट 17.4% बढ़कर ₹3,756.6 करोड़ हो गया है. मुनाफे में बढ़ोतरी का कारण कच्चे माल की कम लागत और इन्वेंट्री एडजस्टमेंट का कम होना था. कंपनी का EBITDA मार्जिन 170 बेसिस प्वाइंट्स बढ़कर 16.8% हो गया है.
कंपनी के रेवेन्यू में एक्सपोर्ट का योगदान FY22 में 23% था, जो FY24 में बढ़कर 57.6% हो गया है. हालांकि, नवंबर 6 से कंपनी के शेयरों में कमजोरी देखने को मिली है, जब से अमेरिका में ट्रंप को बहुमत मिला है.
भारतीय सोलर एनर्जी कंपनियां अमेरिका पर हद से ज्यादा निर्भर
अब वारी एनर्जी और इसके सेक्टर की बात करें तो, अमेरिका भारत के सोलर पैनल (solar PV modules) के सबसे बड़े खरीदारों में से एक है. 2022 में भारत ने कुल 55.3 करोड़ डॉलर के सोलर पैनल का एक्सपोर्ट किया था. लेकिन इसमें से 95 फीसदी एक्सपोर्ट केवल अमेरिका को गए थे.
चिंताजनक बात यह है कि 2023 में ये आंकड़ा तीन गुना बढ़कर 178.8 करोड़ डॉलर हो गया था और इसमें अमेरिका की हिस्सेदारी 98.4 फीसदी थी.
2024 के पहले 11 महीनों में भी भारत के 144.2 करोड़ डॉलर के एक्सपोर्ट में 98 फीसदी हिस्सा अमेरिका को ही गया है.
Waaree Energy के शेयर में गिरावट जारी
- वारी एनर्जी का शेयर खबर लिखे जाने तक 4.10 फीसदी नीचे कारोबार कर रहा है, यह 2,106 रुपये पर है.
- एक दिन पहले यानी सोमवार को वारी एनर्जी के शेयर में 9.4 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई थी. कल यह शेयर 2,030 पर बंद हुआ था.
- वहीं पिछले हफ्ते की बात करें तो वारी एनर्जी के शेयर 10 फीसदी तक गिर गए थे लिस्टिंग के बाद से एक दिन में यह शेयर इतना पहले कभी नहीं गिरा था.
अमेरिका सोलर पैनल का सबसे बड़ा इंपोर्टर
भारत ही नहीं, वियतनाम के लगभग 75 फीसदी सोलर पैनल एक्सपोर्ट अमेरिका को जाते हैं, मलेशिया के 86 फीसदी, कंबोडिया के 99 फीसदी, और थाईलैंड के 96 फीसदी एक्सपोर्ट भी अमेरिका को होते हैं.
दुनिया में अमेरिका सोलर पैनल का सबसे बड़ा इंपोर्टर है, जिसमें उसका हिस्सा 31 फीसदी है. यूरोपीय संघ (EU) भी लगभग इतने ही पैनल इंपोर्ट करता है. लेकिन EU के ज्यादातर पैनल चीन या यूरोपीय देशों से ही आते हैं.
हालांकि, यह देखना होगा कि ट्रंप की नीति सोलर पैनल के कितने खिलाफ जाएगी. दिलचस्प बात यह है कि उनके पिछले कार्यकाल (2016-2020) के दौरान अमेरिका में रिन्यूएबल एनर्जी का प्रोडक्शन सबसे तेजी से बढ़ा था. उस समय कुल बिजली प्रोडक्शन में रिन्यूएबल एनर्जी का हिस्सा 14.9 फीसदी से बढ़कर 19.5 फीसदी हो गया था.
डिस्क्लेमर– Money9live किसी स्टॉक में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.