Bitcoin Mining: क्या है, कैसे करें और कितना लगेगा खर्च? जानें इसकी पूरी प्रक्रिया

बिटकॉइन माइनिंग एक प्रक्रिया है जिसमें खास हार्डवेयर (ASIC) की मदद से ट्रांजैक्शन को वेरिफाई कर नए बिटकॉइन बनाए जाते हैं. भारत में यह प्रक्रिया अवैध नहीं है और कोई खास परमिट की भी जरूरी नहीं है. माइनिंग शुरू करने के लिए आपको ASIC मशीन, बिटकॉइन वॉलेट, माइनिंग सॉफ्टवेयर, और एक माइनिंग पूल की जरूरत होगी.

क्या है बिटकॉइन माइनिंग, कैसे करें? Image Credit: @Tv9

How to mine Bitcoin: बिटकॉइन एक डिजिटल करेंसी है जिसे दुनिया में कोई भी माइन कर सकता है, बशर्ते उसके पास सही कंप्यूटर हार्डवेयर हो. भारत में भले ही बिटकॉइन को वैलिड करेंसी नहीं माना जाता, लेकिन इसे माइन करना फिलहाल अवैध नहीं है. अगर आपके पास जरूरी संसाधन और तकनीक है तो आप भी बिटकॉइन माइनिंग शुरू कर सकते हैं.

क्या होती है बिटकॉइन माइनिंग?

बिटकॉइन माइनिंग एक प्रक्रिया है जिसमें ट्रांजैक्शन को वेरीफाई कर ब्लॉकचेन में जोड़ा जाता है और नए बिटकॉइन सर्कुलेशन में आते हैं. इसमें माइनर्स मुश्किल मैथमेटिक्स की समस्याएं हल करते हैं और जो सबसे पहले हल करता है उसे बिटकॉइन का इनाम मिलता है. इस प्रक्रिया में वे ट्रांजैक्शन की पुष्टि करते हैं जिससे सिस्टम सुरक्षित बना रहता है. बिटकॉइन माइनिंग का आधार “प्रूफ ऑफ वर्क” नाम की तकनीक होती है.

बिटकॉइन माइनिंग कैसे करें?

1. माइनिंग हार्डवेयर तैयार करें

बिटकॉइन माइनिंग के लिए ASIC (Application-Specific Integrated Circuits) नामक मशीनों की जरूरत होती है जो बहुत ताकतवर होती हैं. इन्हें ऑनलाइन या सीधे मैन्युफैक्चरर से खरीदा जा सकता है. ध्यान रखें कि इन मशीनों को चलाने में भारी बिजली खर्च होता है इसलिए कम बिजली दरों वाले क्षेत्र में माइनिंग करना फायदेमंद हो सकता है. कम बजट वाले लोग सेकंड-हैंड ASIC भी खरीद सकते हैं. साथ ही, तेज इंटरनेट कनेक्शन और कम लेटेंसी वाले माइनिंग पूल से कनेक्शन होना जरूरी है.

2. बिटकॉइन वॉलेट बनाएं

माइनिंग से मिलने वाले बिटकॉइन को स्टोर करने के लिए एक वॉलेट जरूरी है. निवेश और माइनिंग के लिए अलग-अलग वॉलेट रखना बेहतर होता है. सुरक्षा के लिए हार्ड वॉलेट का इस्तेमाल किया जा सकता है.

3. डिवाइस को कॉन्फिगर करें

हार्डवेयर और वॉलेट सेटअप के बाद माइनिंग सॉफ्टवेयर इंस्टॉल और सेटअप करें. इसमें थोड़ी टेक्निकल जानकारी की जरूरत होती है. GUI (ग्राफिक इंटरफेस) वाले माइनिंग डिवाइस शुरुआती लोगों के लिए मददगार हो सकते हैं. NiceHash Miner एक फ्री सॉफ्टवेयर है जिससे आप माइनिंग की शुरुआत कर सकते हैं.

4. माइनिंग पूल से जुड़ें

आजकल अकेले माइनिंग करना कठिन है, इसलिए अधिकतर लोग माइनिंग पूल से जुड़ते हैं. यह एक ऐसा ग्रुप होता है जो मिलकर बिटकॉइन माइन करता है और इनाम आपस में बांटा जाता है. हालांकि इसमें कुछ फीस देनी होती है लेकिन कमाई लगातार होती है.

5. माइनिंग शुरू करें

अब आप अपनी ब्लॉकचेन की लोकल कॉपी डाउनलोड करें और माइनिंग चालू करें. मशीन 24/7 काम करती है और आपको बीच-बीच में निगरानी करनी होती है कि सब कुछ ठीक से चल रहा है या नहीं.

भारत में बिटकॉइन माइनिंग

भारत में फिलहाल कोई कानून क्रिप्टो माइनिंग को अवैध घोषित नहीं करता इसलिए कोई विशेष परमिट की जरूरत नहीं होती. हालांकि, बिटकॉइन की बिक्री से होने वाली इनकम पर टैक्स लगता है. वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी के अनुसार, क्रिप्टो माइनिंग में लगने वाली लागत को “अर्जन लागत” नहीं माना जाएगा. कई लोगों को मानना है कि आने वाले सालों में बिटकॉइन की भूमिका वैश्विक अर्थव्यवस्था में और अहम होगी लेकिन इसके साथ-साथ माइनिंग और भी मुश्किल और कॉम्पिटिटिव होती जाएगी. इसलिए माइनिंग शुरू करने से पहले अच्छी तरह रिसर्च करें, खर्च और संभावित मुनाफा समझें और क्रिप्टो मार्केट की ऊंच-नीच को हमेशा ध्यान में रखें.

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डिस्क्लेमर- मनी9लाइव केवल क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ी जानकारी दे रहा है. हम इसकी खरीदारी या ट्रेडिंग को लेकर किसी तरह का सलाह नहीं दे रहे हैं. अपनी समझ और जानकारों के आधार पर ही फैसला लें.

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