Tata Motors का शेयर फिर से टॉप गियर में भरेगा उड़ान, जानें- BUY-SELL की रेंज, 800 पार जाएगा स्टॉक
Tata Motors Share Outlook: लगभग पिछले एक साल में टाटा मोटर्स के शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिली है. इस अवधि में शेयर करीब 40 फीसदी टूटा है. कंपनी ने पहले ही बता दिया था कि पहली तिमाही और दूसरी तिमाही हमारे लिए अच्छी नहीं रहने वाली है. लेकिन अब टाटा मोटर्स एक बार फिर से मुनाफे के एक्सप्रेसवे पर लौटने की तैयारी में है.

Tata Motors Share Outlook: बीते सप्ताह टाटा मोटर्स ने वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही के नतीजे जारी किए. नतीजे उम्मीद के अनुसार कमजोर रहे, लेकिन कंपनी की गाइडेंस की वजह से शेयर में ताकत देखने को मिली. लगभग पिछले एक साल में टाटा मोटर्स के शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिली है. इस अवधि में शेयर करीब 40 फीसदी टूटा है. अगर नतीजों की बात करें, तो रेवेन्यू में 3.5 फीसदी की गिरावट देखने को मिली और नेट प्रॉफिट 63 फीसदी घटा है. हालांकि, कंपनी ने पहले ही बता दिया था कि पहली तिमाही और दूसरी तिमाही हमारे लिए अच्छी नहीं रहने वाली है. क्योंकि कंपनी अमेरिका को यूके से जो गाड़ियां भेजती है, उसे अप्रैल से बंद कर दिया था, जिसके पीछे टैरिफ वजह है. अब आने वाले समय में टाटा मोटर्स के शेयरों की चाल कैसी रहने वाली है, आइए समझ लेते हैं.
खराब चल रहा था कंपनी का समय
अमेरिका को एक्सपोर्ट बंद करने से साफ था कि कंपनी के रेवेन्यू को झटका लगेगा. जेएलआर का रेवेन्यू या प्रॉफिटेबिलिटी हिट होनी ही थी. एबिटा 35 फीसदी कम हुआ. एबिटा मार्जिनस करीब 14 फीसदी से घटकर 9.3 फीसदी पर आ गया. लेकिन सबसे अहम चीज ये है कि अप्रैल से लेकर अब तक शेयर ने गिरावट झेल ली है, क्योंकि कंपनी ने पहले ही बोल दिया था कि हमारा समय अभी खराब चल रहा है.
स्टॉक के लिए ट्रिगर प्वाइंट्स
लेकिन अब कंपनी ने यह बोला हमने अपने खराब समय में भी जो ग्रोथ गाइडेंस दी थी, वो बरकरार है. जेएलआर की ग्रोथ गाइडेंस 5 से 7 फीसदी पर बरकरार है.
अब जिस अमेरिकी टैरिफ को लेकर टाटा मोटर्स के निवेशक चिंतित थे, उसे भी समझ लेते हैं. अमेरिका की यूरोप और ब्रिटेन के साथ डील हो गई है, तो अब आने वाले समय में कंपनी ब्रिटेन से अमेरिका को कार एक्सपोर्ट कर सकेगी. इसके अलावा भारत और ब्रिटेन के बीच भी फ्री ट्रेड एग्रीमेंट हो गया है. तो अब ब्रिटेन से जो भी कार भारत आएगी, तो यहां भी टाटा मोटर्स को थोड़ा बेनिफिट मिलेगा. इसलिए जो शेयर टैरिफ के चलते अनसेफ था, अब एक सेफ साइड की तरफ बढ़ता हुआ नजर आ रहा है.
कारोबार का डीमर्जर
टाटा मोटर्स अपने कारोबार का डीमर्जर भी करने वाली है. कंपनी कमर्शियल और पैसेंजेर व्हीकल्स के कारोबार को अलग करने वाली है. इसको लेकर एनसीएलटी में एक सुनवाई होनी थी. फाइनल हियरिंग 8 अगस्त को हो गई है. कंपनी ने कहा कि कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा है. हालांकि, जल्द ही ये आ जाएगा.
उम्मीद जताई जा रही है कि एक अक्टूबर से पहले डीमर्जर हो जाएगा, इसके बाद जिन लोगों के पास टाटा मोटर्स के शेयर हैं, वो स्प्लिट होकर दो भागों में बंट जाएगा. कंपनी का कहना है उसकी दूसरी छमाही ठीक रहने वाली है. यानी तीसरी और चौथी तिमाही के नतीजे अच्छे रह सकते हैं.
शेयर फिर से भरेगा उड़ान
लक्ष्मीश्री के HoR अंशुल जैन ने टाटा मोटर्स के शेयर पर अपनी राय दी है. उन्होंने कहा कि जब बाइंग क्लाइमेक्स हुआ था तब से हम सेल बोलते आ रहे थे और सेलिंग के सारे टारगेट नीचे 520 तक अचीव हुए थे. अब जब नीचे के टारगेट अचीव हो चुके हैं, अब बेस बनता है. स्टॉक का बेस ओअर एंड 560-540 रुपये आता है और बेस का अपर एंड 810 रुपये आता है. यह एक से डेढ़ साल के नजरिए के हिसाब से है. स्टॉक इस रेंज के अंदर जितना टाइम बिताएगा, यानी जितना लंबा बेस बनाएगा, लॉन्चपड भी उतना बड़ा बनेगा. फिर स्टॉक रॉकेट की रफ्तार से वापस से ऑल टाइम हाई को हिट करेगा.
कब खरीदें और कब बेचें?
उन्होंने निवेशकों से कहा कि आपको दो ही काम करना है. 608.25 पैसा एक मेजर सपोर्ट है. अगर यहां मिलता है तो थोड़ा सा एवरेज करें. अगर ट्रेड डील की वजह से कोई और समस्या आती है, और ये 530 तक जाता है, जिसकी उम्मीद बहुत कम है. फिर अगर आए, तो आपको एक्यूमुलेट करना है. उसके बाद ऊपर में 730 और 810 की रेंज में प्रॉफिट बुकिंग भी करनी है. क्योंकि 810 के ऊपर बहुत बड़ा और बहुत जल्दी ब्रेकआउट नजर नहीं आ रहा है. तो रेंज के लोअर एंड 608-531 में खरीदना है. 730-810 की रेंज में बेचते रहना है. इस रेंज को आप प्ले करते रहिए. पैसा बनाते रहिए. जिस दिन रेंज का डिसाइसिव ब्रेकआउट मिल जाएगा 810 रुपये, उस दिन ऑल टाइम हाई का टारगेट आराम से खुल जाएगा.
सोमवार को टाटा मोटर्स के शेयर 3.20 फीसदी की तेजी के साथ 654 रुपये पर बंद हुए.
डिस्क्लेमर: मनी9लाइव किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.
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