IPO Tracker: इस साल लिस्टेड 98 मेनबोर्ड कंपनियों में से 47 के स्टॉक इश्यू प्राइस से नीचे, 50% तक गिरी कीमत

इस साल लिस्ट हुई 98 मेनबोर्ड कंपनियों में से 47 इश्यू प्राइस से नीचे ट्रेड कर रही हैं. कुछ कंपनियों के शेयरों में 50 फीसदी तक की गिरावट आ चुकी है. Gem Aromatics सबसे ज्यादा गिरा है. इन इश्यूज के परफॉर्मेंस को देखते हुए एनालिस्टों का कहना है कि ग्रे मार्केट और ओवर-सब्सक्रिप्शन के भरोसे निवेश करना नुकसानदेह साबित हो सकता है.

बाजार में बिकवाली हावी Image Credit: canva

इस साल मेनबोर्ड लिस्टेड 98 कंपनियों में से 47 के स्टॉक्स फिलहाल अपनी इश्यू प्राइस से नीचे ट्रेड कर रहे हैं. सबसे बड़ी गिरावट Gem Aromatics में दर्ज हुई, जो अपने इश्यू प्राइस से 55% से भी अधिक टूट गया है. इसके बाद Glottis, VMS TMT, Arisinfra Solutions, BMW Ventures और Jaro Institute जैसे कई नाम शामिल हैं, जिनकी लिस्टिंग के बाद की परफॉर्मेंस उम्मीदों से काफी कमजोर रही है. IPO की संख्या भले स्थिर रही हो, लेकिन लिस्टिंग के बाद का रिटर्न तेजी से गिरता दिख रहा है, जिससे प्राइमरी बाजार के सेंटिमेंट में ठंडक साफ नजर आती है.

‘गुमराह करने वाला’ ट्रेंड

निवेशक अक्सर ओवर-सब्सक्रिप्शन और ग्रे मार्केट प्रीमियम को देखकर निवेश का फैसला लेते हैं. लेकिन डाटा बता रहा है कि ये दोनों संकेतक अब विश्वसनीय नहीं रहे. क्योंकि, IPO में भारी ओवर-सब्सक्रिप्शन का मतलब यह कतई नहीं है कि लिस्टिंग गेन मिलेगा. यह दौर निवेशकों के लिए एक अहम सबक है. एनालिस्टों का कहना है कि ओवर-सब्सक्रिप्शन कभी गारंटी नहीं होता. बिजनेस क्वालिटी, वैल्यूएशन और फाइनेंशियल स्ट्रेंथ कहीं ज्यादा अहम हैं. IPO को लेकर शुरुआती उत्साह और कंपनियों की असल वित्तीय मजबूती के बीच डिस्कनेक्ट बढ़ रहा है, जो पोस्ट-लिस्टिंग 20% से 55% तक की गिरावट में साफ झलकता है.

मिड-कैप और स्मॉल-कैप पर दबाव

इस समय पूरे बाजार में ट्रेडिंग वॉल्यूम और निवेशक रुचि का बड़ा हिस्सा लार्ज-कैप कंपनियों में सिमटा हुआ है. कई छोटे और मझोले IPO लिस्टिंग के बाद टिक नहीं पा रहे. मार्केट के जानकारों का कहना है कि कंपनियों को मौजूदा रियलिटी के अनुरूप अपने इश्यू प्राइस कम करने चाहिए. मर्चेंट बैंकर्स और प्रमोटर्स अगर इतने ऊंचे दाम पर इश्यू लाएंगे, तो निवेशक नुकसान उठाएंगे. इससे कंपनियों की लंबी अवधि की विश्वसनीयता भी प्रभावित होगी. लार्ज-कैप ऑफरिंग्स को छोड़ दें, तो ज्यादातर ऐक्टिविटी स्मॉल और मिड-कैप सेगमेंट में दिखती है, जहां निवेशकों को रिटर्न मिलना मुश्किल होता जा रहा है.

जल्दीबाजी से बचें

ग्रे मार्केट पर भरोसा करना अब बेहद जोखिम भरा है. एनालिस्टों का कहना है कि अगर आप कंपनी को समझते नहीं, तो सब्सक्राइब करने की कोई मजबूरी नहीं. 80% मामलों में शेयर लिस्टिंग पर या उसके बाद कम दाम पर मिल जाते हैं.
यह संकेत है कि लिस्टिंग गेन का पुराना दौर खत्म हो चुका है, और अब निवेशकों को ज्यादा सतर्क रहना होगा.
मार्केट में अब वही कंपनी टिक रही है जिसकी बैलेंस शीट मजबूत हो, बिजनेस स्केलेबल हो और वैल्यूएशन वाजिब हो.

Company NameListed onIssue Price (₹)Current Price (₹)Loss (%)
Gem Aromatics LtdAugust 26, 2025325144.32-55.58%
Glottis LtdOctober 7, 202512959.78-53.53%
VMS TMT LtdSeptember 24, 20259953.7-45.94%
Arisinfra Solutions LtdJune 25, 2025222129.04-41.71%
BMW Ventures LtdOctober 1, 20259959.86-39.49%
Jaro Institute of Technology Management & Research LtdSeptember 30, 2025890555.7-37.58%
Laxmi Dental LtdJanuary 20, 2025428269.75-37.03%
Mangal Electrical Industries LtdAugust 28, 2025561370.55-33.68%
Om Freight Forwarders LtdOctober 8, 202513589.53-33.67%
Dev Accelerator LtdSeptember 17, 20256141.54-32.56%
Regaal Resources LtdAugust 20, 202510272.23-29.19%
Seshaasai Technologies LtdSeptember 30, 2025423310.95-26.32%
Indogulf Cropsciences LtdJuly 3, 202511182.45-25.48%
Vikram Solar LtdAugust 26, 2025332247.8-25.41%
Ganesh Consumer Products LtdSeptember 29, 2025322240.65-25.22%
JSW Cement LtdAugust 14, 2025147111.36-24.29%
Capital Infra TrustJanuary 17, 20259976.02-23.21%
Excelsoft Technologies LtdNovember 26, 202512093.39-22.21%