क्यों चमके Hindustan Copper, SAIL समेत तमाम मेटल स्टॉक्स? 6.6% तक उछाल के पीछे ये हैं बड़े कारण

Hindustan Copper, SAIL, Vedanta, Hindalco और Adani Enterprises जैसे मेटल स्टॉक्स में गुरुवार को तेज खरीदारी देखने को मिली है. Hindustan Copper 6.6% चढ़ा, जबकि अन्य बेस मेटल्स भी मजबूत हुए. आखिर किस वजह से मेटल स्टॉक्स में तेजी का रुख देखने को मिल रहा है?

मेटल स्टॉक्स का दबदबा Image Credit: @Canva/Money9live

मेटल सेक्टर में एक बार फिर रैली देखने को मिल रही है. गुरुवार को Hindustan Copper में जहां 6.6% की जोरदार तेजी देखने को मिली. इसके अलावा Vedanta, SAIL, Hindalco, NMDC, NALCO और Adani Enterprises जैसे प्रमुख स्टॉक्स भी 0.50% से 1.3% तक मजबूत हुए. इस तेजी की सबसे बड़ी वजह रही US डॉलर इंडेक्स में लगातार नौवें दिन कमजोरी, जिसने ग्लोबल मार्केट में बेस मेटल्स को खरीदारी के लिए और आकर्षक बना दिया. डॉलर के कमजोर होने पर अमेरिकी मुद्रा में प्राइस होने वाले मेटल्स की कीमतें दुनियाभर के खरीदारों के लिए प्रभावी रूप से कम हो जाती हैं, जिससे डिमांड में उछाल आता है.

फेड रेट कट से बढ़ी उम्मीद

बाजार में इस बात की उम्मीद बढ़ गई है कि यूएस फेड की तरफ से रेट कट किया जा सकता है. नवंबर में US कंपनियों ने 2023 की शुरुआत के बाद सबसे ज्यादा रोजगार में कटौती की, जो अमेरिकी अर्थव्यवस्था में ठंडक का संकेत देता है. इससे निवेशकों को भरोसा हुआ कि फेडरल रिजर्व अब आक्रामक रुख छोड़कर नीतियों में नरमी ला सकता है. CME FedWatch Tool के मुताबिक 12 दिसंबर की बैठक में फेड के 25 बेसिस पॉइंट दर कटौती करने की संभावना अब 89% तक पहुंच गई है, जबकि एक हफ्ते पहले यह 83.4% थी. इसका सीधा असर कमोडिटी ट्रेडिंग सेंटिमेंट पर पड़ा, क्योंकि लोअर इंटरेस्ट रेट का माहौल आमतौर पर मेटल्स में निवेश को बढ़ावा देता है.

कॉपर में तेजी

LME के तीन महीने वाले कॉपर के रिकॉर्ड स्तर ने मेटल मार्केट के बुलिश सेंटिमेंट्स को तगड़ी ताकत दी है. यह बुधवार को 11,541 डॉलर/टन तक पहुंच गया. कॉपर की कीमतों में अब तक 31% की सालाना उछाल दर्ज की जा चुकी है, जो 2017 के बाद सबसे तेज है. कॉपर की बढ़ती कीमतें इसलिए भी अहम हैं, क्योंकि यह मेटल ग्लोबल इंडस्ट्रियल एक्टिविटी का बारोमीटर माना जाता है. सप्लाई साइड पर भी दबाव बना हुआ है, क्योंकि कई देशों ने नई टैरिफ नीतियों के लागू होने से पहले अमेरिका की ओर शिपमेंट्स को तेज किया, जिससे ग्लोबल बाजार में टाइटनेस और बढ़ गई. भारत में Hindustan Copper जैसे कॉपर-फोकस्ड स्टॉक्स को सीधा लाभ मिला, जबकि Hindalco ने भी हाई-शुद्धता वाले इनपुट्स की कीमत बढ़ने का फायदा उठाया.

अन्य बेस मेटल्स भी चढ़े

कॉपर के अलावा अन्य बेस मेटल्स भी मजबूती के साथ ट्रेड हुए. टिन 4.2% उछलकर 40,675 डॉलर/टन पर पहुंचा और साल का नया शिखर छुआ. एल्यूमिनियम 1.1% बढ़ा, जबकि जिंक, निकल और लेड में हल्की बढ़त देखने को मिली. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर CAPEX साइकल में तेजी, खासकर एल्यूमिनियम और कॉपर से जुड़े उद्योगों में, ने भी कीमतों को ऊंचा बनाए रखने में भूमिका निभाई है.

जियोपॉलिटिकल तनाव

अमेरिका और रूस के बीच यूक्रेन मुद्दे पर हालिया बातचीत के बगैर नतीजा खत्म होने से बाजार में हल्की जियोपॉलिटिकल चिंता बढ़ी. यह जोखिम कमोडिटी कीमतों में आंशिक प्रीमियम जोड़ता है, जो मेटल्स की स्पॉट और फ्यूचर्स दोनों मार्केट में मजबूती लाता है.

सप्लाई बाधाओं ने बनाया सपोर्ट

मेटल्स की इस रैली में चीन भी एक महत्वपूर्ण कारक रहा. दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से हाल के महीनों में मैन्युफैक्चरिंग और इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन के बेहतर आंकड़े आए हैं, जिससे मेटल डिमांड में सुधार के संकेत मिले. वहीं कई माइनिंग जियो-लोकेशंस पर सप्लाई बाधाएं बनी हुई हैं, जिसने कीमतों को और सपोर्ट दिया.