YES बैंक के रिटेल निवेशकों का हाल बेहाल, लेकिन SBI समेत 7 निजी बैंक मलामाल; 13483 करोड़ की टैक्स फ्री कमाई

YES बैंक इस समय एक बड़ी डील को लेकर चर्चा में है. जापानी बैंकिंग कंपनी सुमितोमो मित्सुई बैंकिंग कॉरपोरेशन (SMBC) को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से YES बैंक में करीब 25 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने की मंजूरी मिल गई है. यह 13483 करोड़ रुपये का डील यस बैंक में 20 फीसदी हिस्सेदारी के लिए है.

यस बैंक Image Credit: Tv9 Bharatvarsh

Yes Bank: YES बैंक के निवेशक इन दिनों ठगा हुआ महसूस कर रहे होंगे. जहां एक तरफ SBI और सात निजी बैंक ने जमकर पैसा कमाया, वहीं दूसरी तरफ रिटेल निवेशक का हाथ खाली दिख रहा है. दरअसल, YES बैंक इस समय एक बड़ी डील को लेकर चर्चा में है. जापानी बैंकिंग कंपनी सुमितोमो मित्सुई बैंकिंग कॉरपोरेशन (SMBC) को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से YES बैंक में करीब 25 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने की मंजूरी मिल गई है. यह डील सितंबर तिमाही में पूरा होगा और इससे बैंकों को 13483 करोड़ रुपये की इनकम होगी. इस पर कोई कैपिटल गेन्स टैक्स नहीं देना होगा. सभी जरूरी अनुमतियां मिल चुकी हैं और SMBC 20 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने के लिए शेयर बाजार के जरिए यह डील पूरा करेगा. बेचने वाले बैंक इस इनकम को ‘Others Income’ के रूप में दर्ज करेंगे.

21.50 रुपये प्रति शेयर की कीमत पर बेची जा रही है हिस्सेदारी

ET की एक रिपोर्ट के मुताबिक यह 13483 करोड़ रुपये का डील यस बैंक में 20 फीसदी हिस्सेदारी के लिए है. यह जापान के सबसे बड़े बैंक SMBC का भारत में प्रवेश होगा. SMBC, सुमितोमो मित्सुई फाइनेंशियल ग्रुप की पूर्ण स्वामित्व वाली कंपनी है. इसे भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से दो निदेशकों को यस बैंक के बोर्ड में नियुक्त करने की मंजूरी भी मिल गई है. SBI और सात निजी बैंक- HDFC बैंक, ICICI बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, एक्सिस बैंक, IDFC फर्स्ट बैंक, फेडरल बैंक और बंधन बैंक ने मिलकर 20 फीसदी हिस्सेदारी बेचने का समझौता किया है.

यह हिस्सेदारी 21.50 रुपये प्रति शेयर की कीमत पर बेची जा रही है. इन बैंकों ने साल 2020 में ये शेयर 10 रुपये प्रति शेयर की कीमत पर खरीदे थे. इस डील में SBI अपनी 24 फीसदी हिस्सेदारी में से 13.19 फीसदी हिस्सा बेचकर 8,889 करोड़ रुपये कमाएगा, जबकि बाकी सात बैंक 6.81 फीसदी हिस्सेदारी बेचकर 4,594 करोड़ रुपये कमाएंगे. अगर टैक्स छूट का नियम न होता, तो इन बैंकों को इस मुनाफे पर 12.5 फीसदी Long Term Capital Gains देना पड़ता.

घाटे में रिटेल निवेशक

पिछले एक साल में यस बैंक ने निवेशकों को 9 फीसदी से ज्यादा का निगेटिव रिटर्न दिया है. हालांकि 3 साल में इसने 21 फीसदी का रिटर्न दिया है. SBI के मुकाबले ये कही ज्यादा कम है. ऐसे में निवेशकों का इस शेयर से मोहभंग हो सकता है. सोमवार को खबर लिखते वक्त यस बैंक के शेयर 0.20 की बढ़त के साथ 0.96 फीसदी पर ट्रेड कर रहा था.

SBI ने कमाया इतना प्रॉफिट

यह टैक्स छूट यस बैंक Restructuring plan का हिस्सा थी, ताकि बैंक, यस बैंक को बचाने के लिए पैसा लगाने को तैयार हों. इस योजना के तहत यस बैंक में शेयर खरीदने वाले निवेशक बैंकों को आयकर अधिनियम, 1961 के तहत capital gains पर कोई टैक्स नहीं देना होगा. यह डील उन बैंकों के लिए राहत की बात है, जो ब्याज दरों में कटौती और बॉन्ड यील्ड बढ़ने की वजह से अपनी इनकम में कमी की आशंका देख रहे हैं. SBI ने चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 19,160 करोड़ रुपये का नेट प्रॉफिट कमाया था, इस डील से सबसे ज्यादा फायदा उठाएगा.

SMBC को यस बैंक में अपनी हिस्सेदारी 24.99 फीसदी तक बढ़ाने की मंजूरी मिली है. यह बाकी 4.99 फीसदी हिस्सेदारी या तो प्राइवेट इक्विटी फर्म्स एडवेंट और कार्लाइल से खरीद सकता है या यस बैंक द्वारा जारी किए जाने वाले नए शेयरों में निवेश कर सकता है. इसके अलावा, एसएमबीसी यस बैंक में 16000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त निवेश करने की बातचीत कर रहा है. इसमें 8500 करोड़ रुपये कर्ज और 7,500 करोड़ रुपये इक्विटी के जरिए होंगे.

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