Blinkit पर जम कर पैसा लगा रही Zomato, निवेशकों के डूब रहे पैसे लेकिन कंपनी को ‘नो टेंशन’
Zomato ने हाल ही में अपनी तिमाही रिपोर्ट जारी की, जिसने निवेशकों को चौंका दिया. जहां एक ओर कंपनी की कमाई बढ़ी वहीं दूसरी ओर मुनाफे में भारी गिरावट आई. Blinkit के आक्रामक विस्तार को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं.

फूड डिलीवरी दिग्गज Zomato ने जब दिसंबर 2024 तिमाही के नतीजे पेश किए, तो निवेशकों की उम्मीदों पर पानी फिर गया. कंपनी की आय में वृद्धि तो हुई लेकिन मुनाफे में भारी गिरावट दर्ज की गई है. Zomato के इस घाटे का मुख्य कारण उसका क्विक-कॉमर्स प्लेटफॉर्म Blinkit का बढ़ता नुकसान रहा. जोमैटो की योजना मार्च 2025 तक ब्लिंकिट के डार्क स्टोर्स की संख्या मौजूदा 526 से बढ़ाकर 1,000 करने की है. Blinkit की ग्रॉस ऑर्डर वैल्यू (GOV) सालाना आधार पर 120 फीसदी और तिमाही आधार पर 27 फीसदी बढ़ी है. हालांकि, कंपनी के आक्रामक विस्तार और बाजार में बढ़ते कंपटीशन के वजह से इसके नुकसान उम्मीद से ज्यादा हो गए हैं.
आर्थिक आंकड़ों पर एक नजर
Zomato की तिमाही आय लगभग 13 फीसदी बढ़कर 5,400 करोड़ रुपये पहुंच गई, लेकिन उसका मुनाफा 66 फीसदी घटकर केवल 59 करोड़ रुपये रह गया. कंपनी के EBITDA मार्जिन में भी गिरावट आई. यह आंकड़ा सितंबर 2024 तक 9 फीसदी था, लेकिन दिसंबर 2024 तिमाही में यह घटकर 7.6 फीसदी हो गया.
कंपनी अपने कमाई का बड़ा हिस्सा ब्लिंकिट पर खर्च कर रही है, जो आप इस आंकड़े से समझ सकते हैं. जोमैटो का एडजस्टेड EBITDA फूड डिलीवरी बिजनेस के लिए 423 करोड़ रुपये रहा, जो पिछली तिमाही के मुकाबले 82 फीसदी अधिक था. दूसरी ओर, ब्लिंकिट का EBITDA घाटा 8 करोड़ रुपये से बढ़कर 103 करोड़ रुपये हो गया. यह आंकड़े ब्लिंकिट के विकास की स्थिरता और उसके भविष्य को लेकर चिंताएं बढ़ा रहे हैं.
जोमैटो के शेयरों में गिरावट
पिछले साल जोमैटो के शेयरों में करीब 130 फीसदी की तेजी देखी गई थी, लेकिन हाल के दिनों में इसमें गिरावट आई है. बीते पांच दिनों में कंपनी का शेयर 7 फीसदी गिरा, जबकि निफ्टी 50 इंडेक्स में 2.3 फीसदी की गिरावट आई. मासिक आधार पर Zomato के शेयर 23 फिसदी तक गिर चुके हैं.
जोमैटो को लेकर निवेशकों की राय बंटी हुई है. कुछ निवेशकों का मानना है कि कंपनी का मौजूदा बिजनेस मॉडल लॉन्ग टर्म में मुनाफा देने में सक्षम नहीं है. वहीं, दूसरी ओर माना जा रहा है कि भारत की बढ़ती उपभोक्ता मांग को देखते हुए Zomato के पास कमाई के नए जरिए विकसित करने की क्षमता है. हालांकि, मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि निकट भविष्य में कंपनी के लिए कुछ चुनौतियां बनी रहेंगी.
कंपनी ने क्या कहा?
बाजार में इस बहस के बीच कंपनी के मालिक ने ब्लिंकिट से धूल हटाने की कोशिश कि है. CEO दीपिंदर गोयल ने निवेशकों को समझाते हुए कहा कि ब्लिंकिट का विस्तार एक सोची-समझी रणनीति के तहत किया जा रहा है. उन्होंने कहा, “इस तिमाही में क्विक-कॉमर्स से हुए नुकसान का मुख्य कारण उन निवेशों को पहले करना रहा, जिन्हें हम अगले कुछ तिमाहियों में करने वाले थे. अब ऐसा लग रहा है कि हम दिसंबर 2025 तक 2,000 स्टोर्स का लक्ष्य हासिल कर लेंगे, जो पहले दिसंबर 2026 तक पूरा करने की योजना थी.” दीपिंदर गोयल ने यह जानकारी अपने तिमाही आय रिपोर्ट में दी है.
विशेषज्ञ मानते हैं कि कंपनी की लॉन्ग-टर्म रणनीति सही हो सकती है, लेकिन शॉर्ट टर्म चुनौतियों से इनकार नहीं किया जा सकता. Zomato को अपने क्विक-कॉमर्स मॉडल को स्थायी लाभ में बदलने के लिए एक ऐसा प्लान बनाना होगा जिससे कंपनी का मॉडल ऑफ इंवेस्टमेंट ज्यादा संतुलित और बेहतर हो.
डिस्क्लेमर– Money9live किसी स्टॉक में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.
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