ठगी का अनोखा तरीका, घर से काम करने का झांसा देकर ठगे 8 लाख रुपये; बेच रहें बैंक अकाउंट

कर्नाटक में अदूगोडी पुलिस ने एक बड़े साइबर धोखाधड़ी रैकेट का भंडाफोड़ किया है. ये गैंग मासूम लोगों के बैंक खाते की जानकारी ऑनलाइन ठगों को बेच रहे थे. शिकायतकर्ता सुमिया बानो को एक मैसेज मिला. इसमें घर बैठे पैसे कमाने का लालच दिया गया.

कर्नाटक में अदूगोडी पुलिस ने एक बड़े साइबर धोखाधड़ी रैकेट का भंडाफोड़ किया है. ये गैंग मासूम लोगों के बैंक खाते की जानकारी ऑनलाइन ठगों को बेच रहे थे. ये ठग बड़े पैमाने पर ऑनलाइन धोखाधड़ी कर रहे थे. यह कार्रवाई एक महिला की शिकायत के बाद शुरू हुई. इसे नकली वर्क-फ्रॉम-होम स्कीम में फंसाया गया था.

घर बैठे पैसे कमाने का दिया था लालच

शिकायतकर्ता सुमिया बानो को एक मैसेज मिला. इसमें घर बैठे पैसे कमाने का लालच दिया गया. पहले उन्हें 800 रुपये का “मुनाफा” और 5,000 रुपये के बदले 10,000 रुपये दिए गए. इससे उनका भरोसा जीता जाए. फिर धीरे-धीरे उनसे 5 लाख रुपये से ज्यादा ट्रांसफर करवाए गए. यह वादा करके कि उनकी रकम दोगुनी हो जाएगी. बाद में ठगों ने कहा कि उनका क्रेडिट स्कोर कम है और 3.24 लाख रुपये और जमा करने होंगे. जब पैसे वापस नहीं मिले तो सुमिया ने पुलिस में शिकायत की.

400 सिम कार्ड समेत ये चीजें हुई बरामद

पुलिस ने जांच में 12 लोगों को पकड़ा गया. ये उत्तर प्रदेश और बिहार के रहने वाले हैं. इनके पास से 400 सिम कार्ड, 140 एटीएम कार्ड, 17 चेकबुक, 27 मोबाइल फोन और 22 बैंक पासबुक बरामद हुए. ये सामान फर्जी बैंक खातों को चलाने और बेचने के लिए इस्तेमाल हो रहे थे. जांच में पता चला कि सोनू इस रैकेट का मास्टरमाइंड था. वह मजदूरों के नाम पर बैंक खाते खोलता और उनकी जानकारी ठगों को बेचता था.

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इतना करता था चार्ज

एक नेशनल बैंक खाते के लिए 18,000-20,000 रुपये और लोकल बैंक खाते के लिए 3,000 रुपये मिलते थे. इन खातों का इस्तेमाल फिशिंग, निवेश घोटाले और नकली जॉब ऑफर के जरिए पैसे ठगने में होता था. पुलिस ने सोनू से पूछताछ के बाद प्रयागराज में 10 और लोगों को पकड़ा. सोनू ने बताया कि वह प्रति खाता 1,500 रुपये कमीशन लेता था.