रिश्तेदार की आवाज क्लोन कर लोगों को ठग रहे साइबर अपराधी, इस ट्रिक ने 10 सेकंड में खुल जाएगी पोल

AI की मदद से साइबर अपराधियों ने फ्रॉड का रूप बदल दिया है. जालसाज अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए आपके किसी रिश्तेदार या दोस्त की आवाज का क्लोन बनाकर आपको ठगने का एक नया तरीका अपना रहे हैं. हालिया मामला कानपुर के एक बुजुर्ग का है जो इस ठगी के शिकार हुए और 1 लाख रुपये गंवा दिए.

Cyber Fraud Image Credit: Canva/ Money9

कॉल करके अपने आप को रिश्तेदार बताकर साइबर ठगी का मामला नया नहीं है, लेकिन इसमें जालसाजों ने तकनीक का इस्तेमाल करके लोगों की जेब खाली करने का एक नया तरकीब निकाला है. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से ठग लोगों के रिश्तेदार के वॉयस का क्लोन बनाते हैं और फिर उनकी जीवन भर की कमाई चपत कर देते हैं. TOI की एक रिपोर्ट के अनुसार कानपुर के एक बुजुर्ग व्यक्ति को अपराधियों ने शिकार बना लिया. इस बुजुर्ग व्यक्ति को उनके रिलेटिव बनकर, जो सऊदी अरब में रहते हैं, की क्लोन वॉयस से 1 लाख रुपये ट्रांसफर कराए गए. आरोपी ने व्हाट्सऐप कॉल पर ऑपरेशन की बात करके बुजुर्ग व्यक्ति से पैसे ट्रांसफर कराए गए.

क्या है Modus operandi?

अपराधी सोशल मीडिया (YouTube, Instagram), वॉइसमेल, पुराने कॉल रिकॉर्डिंग आदि से कुछ सेकंड का ऑडियो निकाल लेते हैं. इसके बाद उसी का AI क्लोन तैयार किया जाता है. यह सुनने में हू-ब-हू ओरिजिनल आवाज जैसी लगती है. इसके बाद अपराधी कॉल या वॉयस मैसेज भेजता है, जो आपके किसी परिचित की आवाज जैसी होती है. Caller ID भी अक्सर बदल दी जाती है ताकि वह किसी भरोसेमंद व्यक्ति या स्थानीय नंबर जैसी दिखे.

कॉल करके अपराधी बताते हैं कि आपके बेटे/बेटी/भाई/बड़ी मुश्किल में है. दुर्घटना, गिरफ्तार, पैसे की जरूरत जैसे बहाने बनाकर आपको गुमराह करते हैं. कई बार कॉल पर आपके परिजन की क्लोन आवाज भी सुनाई जाती है, जिससे आपको और भी अधिक विश्वास हो जाता है और पैसे भेज देते हैं.

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इससे कैसे बचें?

यहां करें पर रिपोर्ट करें

अगर आप या आपके आसपास कोई भी इस तरह के फ्रॉड का शिकार हो चुका है तो तुरंत नेशनल साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर (National Helpline Number) 1930 पर शिकायत करें या फिर भारत सरकार की वेबसाइट cybercrime.gov.in पर रिपोर्ट करें.

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