ट्रंप पर चीन का सूटकेस वाला खेल, AI चिप्स की ऐसे कर रहा तस्करी; सीक्रेट जुगाड़ से अमेरिका परेशान

चीन और अमेरिका के बीच एक अनोखी जंग छिड़ी है, जहां चीनी कंपनियां अमेरिकी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने के लिए नए-नए तरीके अपना रही हैं. मामला AI चिप्स का है, जिन पर अमेरिका ने सख्त पाबंदियां लगा रखी हैं. लेकिन चीन की कंपनियां कई जुगाड़ लगा रही हैं.

चीन और अमेरिका के बीच टेक्नोलॉजी की जंग Image Credit: Money9live/Canva

China AI Tech: अमेरिका और चीन के बीच एक लड़ाई टेक्नोलॉजी को लेकर भी है. मामला AI चिप्स को लेकर है. अमेरिका पहेल ही चीन पर सख्त पाबंदियां लगा चुका है ताकि चीन अमेरिका की टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल न कर सके. लेकिन चीनी कंपनियां है कि वो ऐसे रास्ते ढूंढ निकालती हैं जिससे वो अमेरिकी टेक्नोलॉजी तक अपनी पहुंच बना सकें और वो भी कानून के पछड़ों से बच कर. कैसे चीन करता है खेल, हो गया खुलासा.

ऐसे होता है सारा खेल

वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक, मार्च की शुरुआत में बीजिंग से चार चीनी इंजीनियर मलेशिया पहुंचे. हर किसी के पास एक-एक सूटकेस था जिसमें 15 हार्ड ड्राइव थी यानी कुल मिलाकर 80 टेराबाइट डेटा. यही डेटा एक AI मॉडल को ट्रेन करने के लिए था. मलेशिया के एक डाटा सेंटर में उन्होंने करीब 300 सर्वर्स का इस्तेमाल किया जिनमें Nvidia की एडवांस चिप्स लगी थी. जब मॉडल बन कर तैयार हो गया तो फिर सभी वापस चीन लौट गए.

जुगाड़ नहीं, तस्करी भी होती है

2022 से अमेरिका ने चीन के लिए हाई-एंड एआई चिप्स पर एक्सपोर्ट कंट्रोल कड़ा कर दिया है. ऐसा राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देकर किया गया है. नतीजा ये हुआ कि चीन की टेक कंपनियों को अब नया रास्ता खोजना पड़ा. कुछ ने घरेलू चिप्स से काम चलाया. कुछ ने चिप्स को दूसरे देशों के रास्ते चीन पहुंचाने की कोशिश की. मगर अमेरिका की निगाह अब हर कोने पर है, इसलिए ये तस्करी अब आसान नहीं रही.

अब तो कंपनियां चीन के बाहर खासकर दक्षिण-पूर्वी एशिया और मिडल ईस्ट में डेटा प्रोसेस कर रही हैं. रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी अधिकारियों को पहले से अंदेशा था कि चीनी कंपनियां रिमोट एक्सेस से अमेरिकी चिप्स का इस्तेमाल कर सकती हैं.

चीन के काम आ रहा मलेशिया

मलेशिया में इस पूरे मिशन की तैयारी महीनों पहले शुरू हो चुकी थी. चीन में इंजीनियरों ने आठ हफ्तों तक डेटा को तैयार किया ताकि ऑनलाइन ट्रांसफर न करना पड़े. पहले उन्होंने सिंगापुर की एक ब्रांच से काम किया, फिर एक मलेशियाई कंपनी रजिस्टर की ताकि जांच-पड़ताल से बच सकें. इस बार उन्होंने हार्ड ड्राइव को चार बैगों में अलग-अलग पैक किया ताकि कस्टम्स को शक न हो.

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अब मलेशिया, सिंगापुर, थाईलैंड और इंडोनेशिया में डेटा सेंटर्स की संख्या तेजी से बढ़ रही है. रिपोर्ट के अनुसार इन चारों देशों की कुल क्षमता यूरोप के सबसे बड़े डेटा मार्केट के बराबर हो चुकी है. मार्च और अप्रैल में मलेशिया ने ताइवान से 3.4 अरब डॉलर के एआई चिप्स मंगाए जो उसके साल भर के अनुमान से भी ज्यादा है. वहीं मिडल ईस्ट भी पीछे नहीं है. Nvidia ने हाल ही में सऊदी अरब, कतर और UAE को भी बड़े पैमाने पर चिप्स सप्लाई की हैं.