डिजिटल अरेस्ट स्कैम: रिटायर्ड बैंकर से 23 करोड़ रुपये की ठगी, जान लें कैसे हुई ठगी
यह कहानी एक ऐसे साइबर ठगी की है जिसमें एक 70 साल के रिटायर्ड बैंकर नरेश मल्होत्रा को करीब 23 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ. एक दिन उन्हें फोन आया, जिसमें कहा गया कि उनका नंबर आतंकवादियों ने इस्तेमाल किया है और उनके नाम पर मुंबई में कई बैंक अकाउंट खुले हैं. साथ ही एनआईए और ईडी उनकी निगरानी कर रही हैं. अगर सहयोग नहीं किया तो गिरफ्तार कर लिया जाएगा. इस डर से मल्होत्रा ने ठगों के बताए गए अकाउंट में लाखों करोड़ रुपए भेजने शुरू कर दिए. कॉल करने वाली महिला खुद को Airtel की प्रतिनिधि बताती थी और बाद में मुंबई पुलिस के नकली अधिकारियों से वीडियो कॉल करवाई गई, जिसमें नकली पुलिस आईडी और चार्जशीट दिखाई गई.
ठगों ने मल्होत्रा को डराते हुए कहा कि वे निगरानी में हैं और किसी से बात नहीं करनी चाहिए. उन्होंने मल्होत्रा को अपने शेयर बेचने और पैसे ट्रांसफर करने पर मजबूर किया. कुल मिलाकर लगभग 23 करोड़ रुपए ठगों को भेजे गए. बाद में उन्हें बताया गया कि मामला ईडी को ट्रांसफर हो चुका है, साथ ही सुप्रीम कोर्ट के नकली आदेश और मुख्य न्यायाधीश के नकली हस्ताक्षर दिखाए गए. जब मल्होत्रा ने 5 करोड़ रुपए देने से मना किया, तो उन्होंने परिवार को सच बताया और पुलिस में शिकायत दर्ज कराई.
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