चीन के इस बोर्ड गेम ने Deepseek का दिया ‘आइडिया’, जानें 7 साल पहले क्या हुआ था
Deepseek: चीन में 2017 में एक बोर्ड गेम में एक AI मॉडल ने चीन के शानदार खिलाड़ी को हरा दिया था, इस घटना ने पूरे चीन को चौंका दिया और AI में भारी निवेश करने के लिए मजबूर कर दिया. आज चीन का AI मॉडल DeepSeek पूरी दुनिया में तहलका मचा रहा है यह नतीजा 2017 की घटना का ही है. यहां पढ़ें दिलचस्प कहानी...

Deepseek: चीन में आज से ठीक सात साल पहले एक ऐसे बोर्ड गेम के जरिए वाकया घटा था जिसने पूरे चीन को हिला कर रख दिया और फिर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस या AI में भारी निवेश करने के लिए मजबूर कर दिया. सात साल पहले चीन के इस भारी निवेश का ही नतीजा है कि आज चीन का AI मॉडल Deepseek पूरी दुनिया में तहलका मचा रहा है. लेकिन 7 साल पहले यानी 2017 में ऐसा क्या हुआ था, कौन से बोर्ड ने गेम चीन को AI में निवेश करने के लिए मजबूर कर दिया, चलिए आपको भी वो वाकया बताते हैं.
क्या हुआ था 2017 में?
साल 2017 में, एक AI मॉडल ने चीन के शानदार खिलाड़ी को बोर्ड गेम में हरा दिया था. न्यू यॉर्क टाइम्स में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, गूगल का बनाया हुआ एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस प्रोग्राम AlphaGo ने चीन के दिग्गज खिलाड़ी को बहुत ही कठिन बोर्ड गेम Go में हरा दिया था. यानी एक Go नाम के बोर्ड गेम के मास्टर को 2017 में AI ने हरा दिया था.
इस घटना ने चीन को हैरान परेशान कर दिया था. जब चीन को यह पता चला कि इससे पहले इसी AI प्रोग्राम ने दक्षिण कोरिया के एक दिग्गज खिलाड़ी को भी बुरी तरह हरा दिया था. तब चीन की चिंता और बढ़ गई थी. ये हार चीन के लिए वैसी थी जब सोवियत संघ (आज का रूस) ने पहली सैटेलाइट लॉन्च कर अमेरिका को चौंका दिया था.
फिर क्या हुआ?
एक जटिल बोर्ड गेम में AI से हारे हुए चीन ने इसी घटना के बाद एक बड़ी योजना बनाई. प्लान था कि 2030 तक AI के क्षेत्र में दुनिया का सबसे बड़ा देश बनना. इसके लिए चीन की सरकार ने इस टेक्नोलॉजी पर काम करने वाली कंपनियों और रिसर्चर्स को अरबों डॉलर देने का वादा किया.
इसी का नतीजा रहा कि एक अनजानी सी चीनी स्टार्टअप DeepSeek उभर कर सबके सामने आई, जिसने बेहद कम इंवेस्टमेंट में एक पावरफुल एआई मॉडल बना डाला और पूरी टेक्नोलॉजी इंडस्ट्री को चौंका दिया.
चीन की सरकार के लिए खतरा बन सकता है Deepseek?
DeepSeek एक प्राइवेट कंपनी है, इसे चीन की सरकार से कोई बैकिंग नहीं मिली है. लेकिन शी जिनपिंग चाहते हैं कि चीन की अर्थव्यवस्था अब पुराने विकास मॉडल, जैसे कर्ज-आधारित रियल एस्टेट और सस्ते एक्सपोर्ट की बजाय एआई, सुपरकंप्यूटिंग और ग्रीन एनर्जी जैसी आधुनिक तकनीकों पर आधारित हो.
DeepSeek ने यह दिखा दिया है कि चीन कम लागत में भी एआई को बना सकता है. रिपोर्ट में एक बड़ा सवाल उठाते हुए लिखा गया कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी इस तकनीक के विकास और नियंत्रण को कैसे संभालेगी. एआई जैसी ताकतवर तकनीक भविष्य में इतनी प्रभावशाली हो सकती है कि यह खुद सरकार के हितों और सत्ता पर पकड़ के लिए भी चुनौती बन सकती है.
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