क्या मौजूदा पासपोर्ट को बदलना होगा? जानें कब से पूरे देश में लागू होगा ई-पासपोर्ट
ई-पासपोर्ट एक डिजिटल तकनीक से लैस पासपोर्ट है, जिसमें RFID चिप और बायोमेट्रिक डेटा होता है.इसकी मदद से पासपोर्ट अधिक सुरक्षित और धोखाधड़ी से बचाव में सक्षम बनता है.यह पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर 13 शहरों में शुरू किया गया है और इसे जल्द ही पूरे देश में लागू किया जा सकता है. मौजूदा पासपोर्ट धारकों को इसे बदलने की जरूरत नहीं है जब तक उनकी वैधता समाप्त नहीं हो जाती.

e-passport: सरकार ने 1 अप्रैल से 13 शहरों में पायलट प्रोजेक्ट के तहत ई-पासपोर्ट जारी करना शुरू किया था. अब तक सिर्फ चेन्नई में ही इसे 20,000 से ज्यादा लोगों को जारी किया जा चुका है. ऐसी चर्चा हैं कि 1 जून से सरकार इसे पूरे देश में लागू कर सकती है, हालांकि अभी इसकी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है. बहुत से लोग जानना चाहते हैं कि आखिर ये ई-पासपोर्ट क्या है और इसके फायदे क्या हैं. आइए इसे विस्तार से समझते हैं.
क्या है ई-पासपोर्ट?
ई-पासपोर्ट एक पेपर और इलेक्ट्रॉनिक तकनीक से बना पासपोर्ट होता है, जिसमें एक रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) चिप और एक एंटीना लगा होता है. इस चिप में पासपोर्ट धारक की व्यक्तिगत जानकारी और बायोमेट्रिक डेटा सुरक्षित रूप से स्टोर होता है. ई-पासपोर्ट की पहचान के लिए इसके कवर के नीचे एक गोल्डन रंग का खास प्रतीक छपा होता है.
ई-पासपोर्ट के फायदे
पासपोर्ट सेवा विभाग के अनुसार, ई-पासपोर्ट में यूजर की जानकारी को पहले की तुलना में ज्यादा सुरक्षित बनाया गया है.
- इसमें डेटा पासपोर्ट बुकलेट में प्रिंट के साथ-साथ चिप में डिजिटली साइन किया गया होता है.
- इसे दुनिया भर के इमिग्रेशन चेकपॉइंट्स पर तेजी से वेरिफाई किया जा सकता है.
- इससे नकली पासपोर्ट और धोखाधड़ी को रोकने में मदद मिलती है.
- इसकी सुरक्षा प्रणाली पब्लिक की इन्फ्रास्ट्रक्चर (PKI) टेक्नोलॉजी पर आधारित है, जिससे बायोमेट्रिक डेटा पूरी तरह से सुरक्षित रहता है.
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क्या मौजूदा पासपोर्ट को बदलना जरूरी है?
नहीं, वर्तमान में जिन लोगों के पास सामान्य पासपोर्ट है, उन्हें ई-पासपोर्ट में बदलने की कोई जरूरत नहीं है, जब तक उनकी वैधता खत्म नहीं हो जाती. सरकार की योजना है कि ई-पासपोर्ट को देशभर के सभी पासपोर्ट ऑफिसों में चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा, जिसमें कुछ समय लग सकता है.
पायलट प्रोजेक्ट किन शहरों में शुरू हुआ?
यह सेवा फिलहाल 13 शहरों में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू की गई है. नागपुर, भुवनेश्वर, जम्मू, गोवा, शिमला, रायपुर, अमृतसर, जयपुर, चेन्नई, हैदराबाद, सूरत, रांची और दिल्ली. अगर आप नया पासपोर्ट बनवाने जा रहे हैं और आपका क्षेत्र ई-पासपोर्ट के लिए तकनीकी रूप से सक्षम है, तो आपको ई-पासपोर्ट जारी किया जा सकता है.
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