Flipkart के नाम पर हो रहा फ्रॉड, फर्जी एजेंट बनकर लोगों से की जा रही ठगी, ऐसे करें बचाव
अगर आप ऑनलाइन शॉपिंग करते हैं और कैश ऑन डिलीवरी पर सामान मंगाते हैं तो सतर्क हो जाइए, क्योंकि आपके घर फर्जी एजेंट आ सकते हैं, जो आपको ठग सकते हैं. ऐसा ही एक मामला सामाने आया है, तो कैसे ठग लोगों को लगा रहे हैं चूना और कैसे करें बचाव जानें डिटेल.

Shopping Fraud: डिजिटल जमाने में आजकल ज्यादातर लोग ऑनलाइन शॉपिंग करना पसंद करते हैं. कम दाम में ज्यादा वैरायटी और एक्सचेंज की सुविधा मिलने की वजह से लोग Flipkart, Amazon और Mynta जैसे तमाम ऑनलाइन शॉपिंग साइट से खरीदारी करते हैं. मगर ठगी करने वालों ने शॉपिंग साइट को भी कमाई का जरिया बना लिया है. हाल ही में फ्लिपकार्ट का फर्जी एजेंट बनकर कस्टमर को ठगने का मामला सामने आया है.
घटना ग्रेटर नोएडा वेस्ट की है, जिसमें ऑनलाइन खरीदारी करने वाले सौरभ दीक्षित को स्कैमर ने निशाना बनाया. ठग ने खुद को फ्लिपकार्ट का एजेंट बताया और पार्सल डिलीवरी के नाम पर उनसे रुपये ऐंठ लिए, जबकि हकीकत में वो एजेंट अब ई-कॉमर्स साइट में कार्यरत भी नहीं है. मगर उसके पास कस्टमर के नाम से लेकर एड्रेस और पार्सल की कीमत तक सभी चीजों की जानकारी मौजूद थी.
कैसे लगाया चूना?
ठगी का शिकार हुए सौरभ का कहना है कि उन्होंने Flipkart से दो से तीन पार्सल मंगाए थे. सभी कैश ऑन डिलीवरी पर मंगाए गए थे, चूंकि वो घर पर मौजूद नहीं थे इसलिए डिलीवरी एजेंट का फोन आने पर उन्होंने पार्सल सोसाइटी के गार्ड के पास रखने और ऑनलाइन पेमेंट किए जाने की बात कही. फर्जी डिलीवरी एजेंट ने अपना नाम दयाशंकर मिश्रा बताया. हालांकि उसका असली नाम क्या है इसकी हीकीकत नहीं पता. ठग ने पहले 373 रुपये के पेमेंट की बात कही, हालांकि थोड़ी देर बात उसने कहा कि अमाउंट गलत बता गए हैं, सही रकम 383 रुपये है. डिलीवरी ब्वाॅय के कहने पर सौरभ ने उसे दोबारा पेमेंट किया यानी कुल 756 रुपये का भुगतान किया, लेकिन एजेंट ने कहा कि कुछ तकनीकी दिक्कत आ गई है. ऐसे में उसने पीडि़त को दोबारा 756 रुपये का एक और पेमेंट करने को कहा. उसने भरोसा दिलाया कि वो अभी तक भेजे गए रुपये थोड़ी देर में वापस कर देंगे. मगर इस बार सौरभ को शक हुआ और उन्होंने अगला पेमेंट नहीं किया और ठग से उसके दस्तावेज मांगे.

आईडी, आधार और पैन कार्ड की भेजी कॉपी
पीडि़त सौरभ के डिलीवरी एजेंट से सवाल-जवाब करने पर ठग ने उन्हें अपनी Flipkart की आईडी, आधार कार्ड और पैन कार्ड भेजा. सौरभ ने जब दूसरे Flipkart एजेंट से उसकी पड़ताल की और आईडी की जांच कराई तो पता चला कि ठग जनवरी 2025 में ही ई-कॉमर्स साइट से नौकरी से निकाला जा चुका है, उस पर फ्रॉड के पहले भी आरोप लगे हैं.
शिकायत दर्ज कराने पर भी नहीं हुई सुनवाई
ठगी का शिकार हुए पीडि़त ने Flipkart से फर्जी एजेंट की शिकायत दर्ज कराई, साथ ही उसके खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की. ई-कॉमर्स साइट के कस्टमर केयर ने कार्रवाई का भरोसा दिलाया, लेकिन अभी भी सौरभ को न तो रिफंड मिला और न ही एजेंट पकड़ा गया. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर जब ठग पहले ही नौकरी से निकाला जा चुका है तो उसके पास Flipkart की आईडी कहां से आई और कैसे उसे कस्टमर की अंदरूनी जानकारियां पता चलीं. सौरभ की तरह अगर आप भी ऑनलाइन सामान मंगवाते हैं और ऑनलाइन पेमेंट करते हैं तो पहले ही सतर्क हो जाएं.
कैसे करें बचाव
- किसी भी ई-कॉमर्स साइट से ऑनलाइन सामान मंगवाने पर डिलीवरी एजेंट से पार्सल खुद लें.
- पार्सल डिलीवरी का मैसेज मिलने और ऑर्डर बुक चेक करने के बाद ही पेमेंट करें.
- हो सकें तो प्रीपेमेंट करें, जिससे कोई इश्यू होने पर आप रिफंड ले सकें.
- डिलीवरी एजेंट की बातों में न आए और बिना सोचे-समझे पेमेंट न करें.
- डिलीवरी एजेंट पर शक होने पर तुरंत कस्टमर केयर पर संपर्क करें.
- अगर ठगी हुई हो तो तुरंत साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराएं.
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