डिलीवरी बॉय से लेकर फ्रीलांसर तक… अब सरकार हर गिग वर्कर को देगी ये बड़ा फायदा!
देश में लाखों गिग वर्कर्स बिना किसी पेंशन या सामाजिक सुरक्षा के काम कर रहे हैं, लेकिन अब सरकार उनकी आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए एक बड़ा कदम उठाने जा रही है. इस नई योजना से जुड़ी सभी जरूरी जानकारी जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर.

Gig Workers: देश में गिग वर्कर्स की संख्या लगातार बढ़ रही है लेकिन दूसरे जॉब की तरह इस जॉब में लोगों को न अपनी कंपनी से कोई इंश्योरेंस मिलता है न ही किसी तरह की कोई सिक्योरिटी. इस मुद्दे पर ध्यान देते हुए सरकार, गिग वर्कर्स के लिए नई सोशल सिक्योरिटी सिस्टम लाने की तैयारी कर रही है. इस सिस्टम के तहत फूड डिलीवरी, राइड-हेलिंग, सॉफ्टवेयर और अन्य गिग इकॉनमी वर्कर्स को पेंशन लाभ मिल सकेगा. इस योजना में प्लेटफॉर्म कंपनियों को अपने वर्कर्स की पेमेंट से एक निश्चित प्रतिशत काटकर कर्मचारियों की पेंशन योजना (Employees’ Pension Scheme) में जमा करना होगा. सरकार भी इस फंड में 3-4 फीसदी तक का अतिरिक्त योगदान दे सकती है.
कौन-कौन आएगा इस योजना के दायरे में?
इस योजना के तहत सिर्फ डिलीवरी और कैब ड्राइवर्स ही नहीं बल्कि आईटी सेक्टर, फ्रीलांसर्स और अन्य गिग वर्कर्स को भी शामिल किया जाएगा. हालांकि, यह योजना कब तक लागू होगी, इस पर कोई निश्चित समयसीमा तय नहीं की गई है क्योंकि अभी तक सभी राज्यों ने लेबर कोड्स के मुताबिक अपनी नीतियों को अपडेट नहीं किया है.
कैसे होगा पैसा जमा?
कई गिग वर्कर्स एक साथ कई प्लेटफॉर्म्स के लिए काम करते हैं, जिससे उनके लिए पेंशन फंड में पैसे जमा करने की प्रक्रिया जटिल हो सकती है. लेकिन सरकार ने इसके समाधान के लिए एक योजना बनाई है. इस नई योजना के तहत वे प्लेटफॉर्म्स जो वर्कर्स को पेमेंट कर रहे हैं, सीधे कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) में निर्धारित राशि जमा करेंगे.
सोशल सिक्योरिटी कोड में गिग वर्कर्स के लिए स्वास्थ्य, दुर्घटना और अन्य लाभों के लिए एक विशेष फंड बनाने का प्रावधान है. केंद्रीय श्रम मंत्रालय इस पर काम कर रहा है और श्रम मंत्री मनसुख मंडाविया ने संकेत दिया था कि गिग वर्कर्स के लिए सामाजिक सुरक्षा की व्यवस्था पूरे लेबर कोड लागू करने से पहले ही शुरू हो सकती है.
सरकार ने इस योजना को काम में लाने के लिए एक उच्च-स्तरीय समिति गठित की है. यह कमेटी इसकी रूपरेखा तैयार कर रही है. इसका मुख्य उद्देश्य गिग वर्कर्स के लिए एक रिटायरमेंट सेविंग मैकेनिज्म विकसित करना है, जिससे वे भविष्य में सुरक्षित वित्तीय स्थिति का लाभ उठा सकें.
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राज्य सरकारें भी उठा रही कदम
केंद्र सरकार के साथ-साथ कुछ राज्य सरकारें भी गिग वर्कर्स के लिए सामाजिक सुरक्षा योजनाओं को लागू करने की दिशा में आगे बढ़ रही हैं. इसके अलावा, श्रम मंत्रालय विभिन्न प्लेटफॉर्म कंपनियों से चर्चा कर रहा है ताकि आयुष्मान भारत, जीवन बीमा और दुर्घटना बीमा जैसी मौजूदा योजनाओं का लाभ गिग वर्कर्स तक पहुंचाया जा सके.
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