5G से 100 गुना ज्यादा तेज दौड़ने वाले 6G के लिए कितना तैयार है भारत?
दुनिया तेजी से आगे बढ़ रही है, अब तक 5जी का रोलआउट पूरी तरह से नहीं हुआ कि सभी 6जी की ओर बढ़ गए हैं. भारत ने भी तयारियां शुरू कर दी है तो कब तक आएगा भारत में 6जी?
इंडिया मोबाइल कांग्रेस में बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भारत अब 6G की तैयारी में जुट गया है. लेकिन आपमें से कई लोग जो 5G का इस्तेमाल करते हैं वो कहेंगे कि अभी 5जी की स्पीड बेहतर नहीं हुई तो 6जी क्या ही आएगा. इस आर्टिकल में हम यही जानने की कोशिश करेंगे कि क्या भारत 6जी के लिए तैयार है?
भारत 6जी को 2030 तक देशभर में लॉन्च कर देना चाहता है. 6जी की स्पीड 5जी से 100 गुना ज्यादा होगी. मान लीजिए अगर आपके दिमाग में एक गाड़ी आ रही होगी तो अब उसे जेट की स्पीड से दौड़ा दीजिए बस वही 6जी की स्पीड है. इसकी कनेक्टिविटी शानदार होगी और सर्च करने में आपको 1 सैकेंड का भी इंतजार नहीं करना होगा.
लेकिन अभी भारत में 5जी ही पूरी तरह से लॉन्च नहीं हो सका .
क्या है 5जी की स्थिति?
5जी 2022 में लॉन्च हो गया था वह कुछ ही शहरों के लोगों को मिल पाया है अब तक. यानी 5जी की कवरेज फिलहाल 20-30 फीसदी ही है. और 5जी की औसतन स्पीड 30-40 Mbps है.
6जी को लेकर कैसी तैयारियां लगेंगी?
एक बटन दबाने से हम 5जी से 6जी नहीं हो जाएंगे. इसके लिए बड़े स्तर पर इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश की जरूरत होगी. लेकिन 6जी के फिलहाल भारत तैयार नहीं है. फिलहाल भारत के पास 4.5 लाख 5जी बेस ट्रांसीवर स्टेशन (BTS) है जबकि भारत को कुल 29 लाख BTS चाहिए. BTS ही नेटवर्क पकड़ता है और भेजता है. यानी यही मोबाइल को नेटवर्क से जोड़ता है.
लेकिन 6जी के लिए भारत को पूरी तरह से नया इंफ्रास्ट्रक्चर चाहिए होगा – जैसे फाइबर ऑप्टिक्स, सैटेलाइट और बाकी तकनीक.
भारत के रिसर्च और डेवलपमेंट को लेकर भी समस्या हैं. 6जी के लिए फिलहाल भारत ने अगले 2 दशक के लिए ₹10,000 करोड़ का आवंटन किया है. अब इसी की तुलना जापान और अमेरिका से करिए जो ₹38,000 करोड़ खर्च करने की योजना बना चुके हैं. चीन ने तो अकेले 2021 में 22 अरब डॉलर खर्च कर दिए.
इसके अलावा भारत को अच्छे स्किल की जरूरत पड़ेगी. 6जी के इंफ्रा और नेटवर्क को मैनेज करने के लिए सबसे बेहतरीन AI इंजिनियर्स और टेलीकॉम एक्सपर्ट चाहिए.
6जी के साथ साथ साइबर सिक्यॉरिटी को भी एडवांस बनाना होगा क्योंकि इसी के साथ साइबर अटैक भी मजबूत होंगे.
कुल मिलाकर अच्छी बात यह है कि भारत के पास 6जी लॉन्च करने के लिए अभी 6 साल है, इस दौरान भारत रिसर्च एंड डेवलपमेंट में अच्छा खर्च कर सकता है.