रिलायंस दुनिया की टॉप 30 टेक कंपनियों में शामिल, नया ऑयल साबित हुआ डाटा

मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड अब अपनी ऑयल एंड गैस सेक्टर की बड़ी कंपनी की पहचान से आगे बढ़ते हुए दुनिया की 30 शीर्ष टेक कंपनियों में शामिल हो गई है. इस तरह डाटा इज न्यू ऑयल की बात रिलायंस ने सही साबित कर दी है.

रिलायंस इंडस्ट्रीज Image Credit: money9live

रिलायंस इंडस्ट्रीज भारत की एकमात्र कंपनी है, जिसे दुनिया की शीर्ष 30 टेक कंपनियों में शामिल किया गया है. ‘ट्रेंड्स – आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस’ की रिपोर्ट के मुताबिक रिलायंस दुनिया की उन शीर्ष 30 टेक कंपनियों में शामिल है, जो लिस्टेड हैं. इसके साथ ही इस रिपोर्ट में बताया गया है कि 216 अरब डॉलर के मार्केट कैप के साथ रिलायंस वैश्विक तकनीकी परिदृश्य में भारत की बढ़ती भूमिका अहम योगदान दे रही है. इसके साथ ही रिपोर्ट में रिलायंस की तरफ से एआई को तेजी से अपनाने और उसके बड़े प्रभावों के बारे में भी बताया गया है.

लिस्ट में और कौन शामिल?

रिपोर्ट में ग्लोबल टेक कंपनियों को उनके मार्केट कैप के आधार पर लिस्ट किया गया है. इस लिस्ट में शीर्ष आठ पायदान पर अमेरिकी टेक जायंट्स माइक्रोसॉफ्ट, एनवीडिया, एपल, अमेजन, अल्फाबेट, मेटा प्लेटफॉर्म, टेस्ला और ब्रॉडकॉम का कब्जा है. ताइवान की TSMC 9वें स्थान पर है, उसके बाद चीन की Tencent आती है. वहीं, 216 अरब डॉलर के मार्केट कैप के साथ रिलायंस इस लिस्ट में 23वें स्थान पर है.

अमेरिकी कंपनियों का रुतबा कायम

रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले 30 वर्षों में यानी 1995 से 2025 तक माइक्रोसॉफ्ट, ओरेकल, सिस्को, आईबीएम और एटीएंडटी लगातार इस लिस्ट में कायम हैं. इस लिस्टमें अब रिलायंस को एनवीडिया, एपल, अमेजन, अल्फाबेट, मेटा, टेस्ला, अलीबाबा, सेल्सफोर्स और चाइना मोबाइल जैसी नई कंपनियों के साथ शामिल किया गया है. 1995 में इस लिस्ट में अमेरिका कंपनियों की हिस्सेदारी 53 फीसदी यानी 30 में से 16 थी और 2025 में यह बढ़कर 70 फीसदी यानी 30 में से 21 हो गई है.

जापान लिस्ट से गायब?

1995 में इस लिस्ट में जापान की कंपनियों की भागीदारी 30 फीसदी यानी 30 में से 9 थी. लेकिन, 2025 में इसमें एक भी जापानी कंपनी नहीं है. 1995 में यूके, सिंगापुर, हांगकांग, मैक्सिको और मलेशिया की 1-1 कंपनियां इस लिस्ट में थीं. लेकिन, अब इन देशों की कोई भी कंपनी शामिल नहीं है. 2025 में चीन की 3, जर्मनी की 2, ताइवान, नीदरलैंड, दक्षिण कोरिया और भारत की 1-1 कंपनियां शामिल हुई हैं.

रिलायंस को क्यों किया गया शामिल?

आम लोगों के बीच अब भी रिलायंस की पहचान एक ऑयल एंड गैस कंपनी की है. लेकिन, रिलायंस जियो के जरिये इंटरनेट, ब्रॉडबैंड, एआई और सॉफ्टवेयर के क्षेत्र में लगातार इनोवेशन में जुटी है. इसके साथ ही कंपनी लगातार अपने टेक प्रोडक्ट्स के साथ बड़ा कस्टमर बेस तैयार कर रही है. इस तरह रिलायंस के लिए डाटा नया ऑयल साबित हुआ है.