सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स बने ठगी का अड्डा, विज्ञापनों की आड़ में उड़ रही है लोगों की मेहनत की कमाई, ऐसे रहें सेफ
सोशल मीडिया पर आकर्षक विज्ञापन दिखाकर लोगों को ठगी के जाल में फंसाने के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. CyberDost द्वारा जारी चेतावनी से साफ है कि फर्जी ऑफर, नकली ऐप और भ्रामक लिंक के जरिए यूजर्स से पैसों और जानकारी की ठगी की जा रही है.
सोशल मीडिया पर दिख रहे आकर्षक विज्ञापनों के माध्यम से बढ़ रही ठगी आज सुरक्षा के सबसे बड़े खतरे में से एक बन चुकी है. हाल-फिलहाल में CyberDost द्वारा एक ट्विटर (X) पोस्ट में चेतावनी दी गई है कि “सोशल-मीडिया विज्ञापन की आड़ में … धोखाधड़ी का शिकार बन सकते हैं”
यह ठगी क्या है?
सोशल-मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर उन विज्ञापनों के जरिये यूजर को एक बेहद आकर्षक ऑफर दिखाया जाता है — जैसे कम निवेश में बहुत अधिक मुनाफा, घर बैठे कमाई-सुविधा आदि. लेकिन वास्तव में यह एक व्यवस्थित फ्रॉड है, जिसमें विज्ञापन का माध्यम सिर्फ जाल बिछाने का काम करता है. उदाहरण के लिए, भारत में ऐसे फर्जी निवेश विज्ञापनों में “विशेष ब्रांडेड एनालिस्ट की सिफारिश” लगा दी जाती है, लेकिन ये नकली बातें होती हैं. उनका इरादा पहले आकर्षित करना और फिर जानकारी या पैसे लेने की स्थिति पैदा करना.
कैसे होती है यह ठगी?
सबसे पहले सोशल-मीडिया पर एक विज्ञापन दिखाई देता है जिसमें यूजर को तुरंत निर्णय लेने का संदेश भेजा जाता है और लिंक क्लिक करने या ऐप डाउनलोड करने को कहा जाता है. इस लिंक या ऐप में बैंकिंग डिटेल्स, मोबाइल नंबर, ओटीपी आदि मांगे जा सकते हैं. एक बार जानकारी या पैसे देने के बाद, ठग दूसरे रूप में सामने आते हैं. निवेश “बढ़ रहा है” दिखाया जाता है, धीरे-धीरे पैसे वापस लौटाने की बजाय और मांग होती है या ट्रांजैक्शन ब्लॉक कर दिया जाता है.
बचाव के तरीके
पहला और सबसे महत्वपूर्ण कदम है किसी भी सोशल मीडिया विज्ञापन को तुरंत भरोसेमंद न मानें. यदि विज्ञापन में “बहुत कम निवेश, बहुत ज्यादा लाभ” जैसा वादा हो रहा हो, तो सावधानी बरतें. इसके बाद, उस विज्ञापन द्वारा दिए गए लिंक या ऐप को डाउनलोड करने से पहले जानना जरूरी है कि यह कितना विश्वसनीय है. ऐप का रिव्यू देखें, कंपनी का इतिहास देखें. संवेदनशील जानकारी जैसे बैंक खाते, ओटीपी, पासवर्ड आदि कभी विज्ञापन लिंक के माध्यम से न दें. मोबाइल ऐप इंस्टॉल करते समय केवल आधिकारिक ऐप-स्टोर (जैसे Google Play या Apple App Store) का उपयोग करें और ऐप-प्रकाशक विश्वसनीय हो. यदि कोई ऑफर “आज ही जमा करें” जैसे हड़बड़ी उत्पन्न करता है, तो यह चेतावनी है कि कुछ गड़बड़ हो सकती है. बैंक तथा भुगतान ऐप में दो-चरणीय प्रमाणीकरण (2-FA) चालू रखना, खाते की गतिविधियों पर निगरानी रखना भी बेहद जरूरी है. इन सभी कदमों से आप खुद को इस प्रकार की ठगियों से काफी हद तक बचा सकते हैं.
कहां शिकायत करें?
अगर आप या आपका कोई परिचित इस तरह की सोशल-मीडिया विज्ञापन ठगी का शिकार हुआ है, तो तुरंत कार्रवाई करें. सबसे पहले अपने स्थानीय साइबर क्राइम सेल या नजदीकी पुलिस स्टेशन में शिकायत (FIR) दर्ज कराएं. भारत में आप Indian Cyber Crime Coordination Centre द्वारा संचालित ऑनलाइन पोर्टल पर भी जाकर शिकायत कर सकते हैं. इसके अलावा, बैंक या भुगतान माध्यम को तुरंत सूचित करें ताकि ट्रांजैक्शन को रोका जा सके. जिस सोशल-मीडिया प्लेटफॉर्म पर विज्ञापन था (जैसे X, Instagram, Facebook) उसे भी उस विज्ञापन या प्रोफाइल को रिपोर्ट करना चाहिए ताकि आगे और लोगों को सतर्क किया जा सके.