साइबर ठगों का नया हथियार, स्पैम कॉल्स के जरिए कर रहे फर्जीवाड़ा, सरकार ने जारी की चेतावनी, ऐसे रहें सेफ
हाल के महीनों में स्पैम और फ्रॉड कॉल्स की संख्या तेजी से बढ़ी है. अनजान नंबरों से आने वाले ये कॉल्स, बैंक अधिकारी, लॉटरी या KYC अपडेट के बहाने लोगों को ठग रहे हैं. साइबर ठग तकनीक और सोशल इंजीनियरिंग का इस्तेमाल कर निजी जानकारी और पैसे चुराते हैं. सतर्कता और सही कदमों से इस ठगी से बचा जा सकता है.
spam calls fraud: हाल के महीनों में स्पैम और फ्रॉड कॉल्स की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है. लोगों को दिनभर में कई अनजान नंबरों से कॉल आते रहता है. कभी बैंक अधिकारी बनकर, कभी लॉटरी का लालच देकर या फिर KYC अपडेट करने के नाम पर. इन कॉल्स के जरिए साइबर ठग लोगों की निजी जानकारी और पैसे दोनों पर हाथ साफ कर रहे हैं.
ठगी है क्या?
साइबर ठगी यानी ऑनलाइन या मोबाइल के जरिए किसी व्यक्ति से धोखे से धन या व्यक्तिगत जानकारी हड़प लेना. ठग आधुनिक तकनीक और सोशल मीडिया इंजीनियरिंग का इस्तेमाल कर लोगों को विश्वास में लेकर ठगी करते हैं. स्पैम कॉल्स इसके सबसे आसान हथियार बन चुके हैं.
ठगी होती कैसे है?
ठग अक्सर किसी नामी बैंक, सरकारी विभाग या मोबाइल कंपनी के प्रतिनिधि बनकर कॉल करते हैं. वे कहते हैं कि आपका KYC अपडेट नहीं हुआ है या कार्ड ब्लॉक होने वाला है. घबराहट में लोग अपनी बैंक डिटेल, OTP या पासवर्ड शेयर कर देते हैं. कुछ मामलों में ठग “लिंक” भेजते हैं, जिस पर क्लिक करते ही फोन का डेटा हैक हो जाता है या बैंक खाते से पैसे निकल जाते हैं.
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बचाव के लिए क्या करें
स्पैम कॉल्स और साइबर ठगी से बचने का सबसे प्रभावी तरीका सतर्क रहना है. किसी अनजान नंबर या लिंक पर भरोसा न करें और कॉल करने वाले की पहचान की पूरी तरह पुष्टि किए बिना कोई निजी जानकारी साझा न करें. याद रखें, कोई भी बैंक या सरकारी संस्था कभी भी फोन पर OTP, पासवर्ड या कार्ड डिटेल नहीं मांगती. अपने मोबाइल में कॉलर आइडेंटिफिकेशन ऐप का उपयोग करें, लेकिन उसकी जानकारी पर भी आंख मूंदकर विश्वास न करें. फोन में कोई नया ऐप डाउनलोड करने से पहले उसके स्रोत और दी गई परमिशनों की जांच करें. साथ ही, अपने बैंक खाते और मोबाइल से जुड़े पासवर्ड समय-समय पर बदलते रहें. यह छोटे-छोटे कदम बड़े नुकसान से बचा सकते हैं.
ठगी हो जाए तो क्या करें?
- तुरंत बैंक को कॉल कर अपने खाते को फ्रीज करवाएं.
- साइबर क्राइम पोर्टल [www.cybercrime.gov.in](https://www.cybercrime.gov.in) पर शिकायत दर्ज करें या 1930 हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करें.
- पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराना न भूलें. यह जांच और रिफंड प्रक्रिया में मदद करता है.
- संबंधित ऐप या वेबसाइट के माध्यम से ठग नंबर की रिपोर्ट करें ताकि दूसरों को चेतावनी मिल सके.