स्टारलिंक को लाइसेंस मिला, लेकिन शर्तें हैं कड़ी! यूजर डेटा की गोपनीयता पर जानें क्या है सहमति?
भारत सरकार ने स्टारलिंक को सैटेलाइट कम्युनिकेशन के लिए लाइसेंस दे दिया है. यह फैसला तब लिया गया जब स्टारलिंक ने भारत के नियमों और सुरक्षा शर्तों को मानने की सहमति दी. मंत्री ने कहा कि सैटेलाइट कम्युनिकेशन कंपनियों को भारत में अर्थ स्टेशन गेटवे लगाने होंगे. ये गेटवे सैटेलाइट से यूजर्स तक संचार पहुंचाने का काम करते हैं.

Starlink: भारत सरकार ने स्टारलिंक को सैटेलाइट कम्युनिकेशन के लिए लाइसेंस दे दिया है. यह फैसला तब लिया गया जब स्टारलिंक ने भारत के नियमों और सुरक्षा शर्तों को मानने की सहमति दी. केंद्रीय संचार राज्य मंत्री पेम्मासानी चंद्र शेखर ने बताया कि स्टारलिंक को भारत में डेटा की कॉपी करने या उसे विदेश में डिक्रिप्ट करने की अनुमति नहीं होगी. साथ ही, भारतीय यूजर्स का डेटा विदेश में किसी सिस्टम पर नहीं भेजा जाएगा.
मंत्री ने कहा कि सैटेलाइट कम्युनिकेशन कंपनियों को भारत में अर्थ स्टेशन गेटवे लगाने होंगे. ये गेटवे सैटेलाइट से यूजर्स तक संचार पहुंचाने का काम करते हैं. स्टारलिंक ने इन शर्तों को स्वीकार कर लिया है, जिसके बाद उसे डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशन (DoT) से यूनिफाइड लाइसेंस (UL) मिला. यह लाइसेंस सभी सैटकॉम कंपनियों पर लागू नियमों के तहत दिया गया है.
केंद्रीय संचार राज्य मंत्री पेम्मासानी चंद्र शेखर ने क्या कहा?
मंत्री ने यह भी बताया कि टेलीकॉम विभाग ने ट्राई (टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया) से सैटेलाइट कम्युनिकेशन के लिए स्पेक्ट्रम आवंटन और उसकी कीमत के बारे में सुझाव मांगे थे. ट्राई ने 9 मई को अपनी सिफारिशें दीं. इन सिफारिशों में स्पेक्ट्रम के उपयोग और कीमत से जुड़े नियम शामिल हैं.
सैटेलाइट कम्युनिकेशन एक नया और उभरता हुआ क्षेत्र है. यह भारत में रोजगार के नए अवसर पैदा करेगा. इस सेवा में टेलीकॉम नेटवर्क की स्थापना, संचालन और रखरखाव शामिल है. इसके अलावा, यूजर टर्मिनल उपकरणों की स्थापना और देखभाल भी जरूरी होगी. ये काम स्थानीय स्तर पर लोगों को रोजगार देंगे.
भारत के नियमों का सख्ती से करना होगा पालन
स्टारलिंक अब भारत में अपनी सेवाएं शुरू कर सकता है, लेकिन उसे भारत के नियमों का सख्ती से पालन करना होगा. यह कदम भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सेवाओं को बढ़ावा देगा और ग्रामीण व दूरदराज के इलाकों में इंटरनेट पहुंचाने में मदद करेगा. इससे देश में डिजिटल कनेक्टिविटी बढ़ेगी और लोग तेज इंटरनेट का लाभ उठा सकेंगे.
यह लाइसेंस स्टारलिंक को भारत में सैटेलाइट के जरिए इंटरनेट और कम्युनिकेशन सेवाएं देने की अनुमति देता है. लेकिन, भारत की सुरक्षा और गोपनीयता को ध्यान में रखते हुए, डेटा को सुरक्षित रखना कंपनी की जिम्मेदारी होगी. सरकार का यह कदम तकनीकी विकास और डिजिटल इंडिया के टारगेट को पूरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.
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