क्रेडिट कार्ड लिमिट बढ़ाने के नाम पर फर्जीवाड़ा, जानें कैसे होती है ठगी, इन टिप्स को फॉलो कर रहें सेफ
अगर आपके फोन पर बैंक की ओर से कार्ड बंद करने, रिवॉर्ड पॉइंट्स का लाभ उठाने या लिमिट बढ़ाने का कॉल आए, तो सावधान हो जाएं. यह कोई ऑफर नहीं, बल्कि क्रेडिट कार्ड ठगी का जाल हो सकता है. ठग आधिकारिक दिखने वाले नंबरों से फोन करके आपकी निजी जानकारी और OTP हासिल कर लाखों का फ्रॉड कर रहे हैं. जानिए, कैसे बचें इस ठगी से.

Credit Card Fraud: अगर आपके फोन पर कभी आपके बैंक या क्रेडिट कार्ड कंपनी के नाम से कोई कॉल आए और कार्ड बंद करने या रिवॉर्ड पॉइंट्स का लाभ उठाने या लिमिट बढ़ाने से संबंधित बात की जाए, तो सावधान हो जाएं. यह कोई ऑफर नहीं, बल्कि आपको निशाना बनाने की तैयारी हो सकती है. देश में क्रेडिट कार्ड धोखाधड़ी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, जहां ठग आधिकारिक दिखने वाले नंबरों से फोन करके लोगों का विश्वास जीतते हैं और उनकी संवेदनशील जानकारी हासिल कर लेते हैं.
दैनिक जागरण की एक रिपोर्ट के अनुसार, क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने के नाम पर ठगी करने वाले तीन आरोपितों को क्राइम ब्रांच सेंट्रल की टीम ने गिरफ्तार किया है. अब ऐसे में यह समझना जरूरी है कि जालसाज कैसे इस तरह की ठगी को अंजाम देते हैं.
कैसे होती है ठगी?
फिशिंग कॉल और एसएमएस (Phishing Calls & SMS)– ठग आपको फोन करके खुद को आपके बैंक का प्रतिनिधि बताते हैं. वे आपके कार्ड पर संदिग्ध लेनदेन होने, कार्ड बंद होने या रिवॉर्ड पॉइंट्स एक्सपायर होने की झूठी चेतावनी देकर आपको डराते हैं. फिर, समस्या को ठीक करने के बहाने वे आपसे आपका कार्ड नंबर, CVV, एक्सपायरी डेट और सबसे महत्वपूर्ण, OTP मांग लेते हैं.
फेक नंबर: कई बार ठग आपको किसी नंबर पर कॉल करने के लिए कहते हैं, जो आधिकारिक लगता है (जैसे 1800-xxx-xxx). यह नंबर भी उनके सहयोगियों के पास ही लगा होता है, जो आपको और भरोसा दिलाकर आपकी जानकारी हासिल कर लेते हैं. इसे वॉयस फिशिंग कहते हैं.
फिशिंग: कुछ ठग रेस्तरां, पेट्रोल पंप, या ATM मशीनों पर छोटे स्किमिंग डिवाइस लगा देते हैं. जब आप कार्ड स्वाइप करते हैं, यह डिवाइस आपके कार्ड का डेटा चोरी कर लेती है, जिसका इस्तेमाल नकली कार्ड बनाने में किया जाता है.
ऑनलाइन फिशिंग लिंक: आपको ईमेल या एसएमएस के जरिए एक लिंक भेजा जाता है, जो बिल्कुल आपके बैंक की वेबसाइट जैसा दिखता है. उस नकली वेबसाइट पर लॉगिन करने पर आपका यूजरनेम, पासवर्ड और कार्ड की जानकारी सीधे ठगों के पास पहुंच जाती है.
खुद को कैसे बचाएं?
- बैंक या कार्ड कंपनी कभी भी फोन पर आपका पासवर्ड, CVV नंबर या OTP नहीं मांगती. OTP आपके लेनदेन की सुरक्षा के लिए है, इसे किसी के साथ शेयर ना करें.
- अगर कोई संदिग्ध कॉल आए, तो उस पर तुरंत प्रतिक्रिया ना दें. उसके बजाय, बैंक के आधिकारिक कस्टमर केयर नंबर पर कॉल करके पुष्टि करें.
- किसी भी अनजान लिंक या अटैचमेंट पर क्लिक ना करें.
- अपने क्रेडिट कार्ड और बैंक अकाउंट की एक्टिविटी पर नियमित नजर रखें. किसी भी अजीब लेनदेन की सूचना तुरंत बैंक को दें.
- अपने कार्ड पर लेनदेन की सीमा (Transaction Limit) सेट करें.
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