प्रेम की डोर नहीं, ये तो है ठगी का जाल, प्यार के झांसे में धोखाधड़ी; डेटिंग ऐप्स पर ठगों का नया निशाना
AI और इंटरनेट की तेज रफ्तार दुनिया में अब अपराधियों ने धोखाधड़ी के नए-नए रास्ते खोज लिए हैं. कभी फर्जी QR कोड से ठगी, तो कभी किसी की आवाज क्लोन करके पैसे ऐंठना — साइबर फ्रॉड का जाल लगातार फैल रहा है. यह सिर्फ पैसों का नहीं, भरोसे और सुरक्षा का भी बड़ा संकट बनता जा रहा है.
Romance Cyber Fraud: डिजिटल युग में प्यार की तलाश अब सिर्फ एक क्लिक दूर है. लेकिन यही आसानी अब युवाओं और अकेले लोगों के लिए एक गंभीर खतरा बनती जा रही है. डेटिंग ऐप्स और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के जरिए होने वाली रोमांस ठगी (Romance Scam) के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, जहां ठग भावनात्मक रूप से जुड़कर लोगों से लाखों रुपए ऐंठ रहे हैं.
क्या है रोमांस ठगी और कैसे काम करते हैं ठग?
रोमांस ठगी एक सोची-समझी स्कीम है, जहां ठग एक फर्जी पहचान बनाकर पीड़ित के साथ भावनात्मक रिश्ता कायम करते हैं. इसकी प्रक्रिया कई चरणों में पूरी होती है. ठग लोकप्रिय डेटिंग ऐप्स (जैसे Tinder, Bumble, Hinge), सोशल मीडिया (Facebook, Instagram) या यहां तक कि गेमिंग प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल करते हैं. वे आकर्षक प्रोफाइल पिक्चर, नकली नौकरी और अच्छे परिवार की कहानी के साथ प्रोफाइल बनाते हैं.
लक्ष्य से संपर्क स्थापित करने के बाद, ठग जल्दी ही गहरा भावनात्मक रिश्ता बनाने की कोशिश करते हैं. वे प्यार जताने, दिनभर बातें करने, और भविष्य की योजनाएं बनाने लगते हैं. इस प्रक्रिया में वे पीड़ित की भावनात्मक कमजोरियों को समझते हैं.
एक बार जब पीड़ित पूरी तरह भरोसा करने लगता है, तो ठग उन्हें दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म (जैसे WhatsApp, Telegram) पर शिफ्ट करने के लिए कहते हैं. कई बार वे पीड़ित को उसके दोस्तों और परिवार से दूर करने की कोशिश भी करते हैं ताकि कोई सलाह न दे सके.
यही सबसे महत्वपूर्ण चरण है. जब रिश्ता मजबूत हो जाता है, तो ठग अचानक एक आपात स्थिति पैदा करते हैं. यह स्थिति कुछ भी हो सकती है. चिकित्सा आपातकाल (बीमार माता-पिता या खुद की दुर्घटना), वित्तीय संकट (नौकरी चले जाना, व्यापार में नुकसान), यात्रा का खर्च (मिलने आने के लिए टिकट का पैसा न होना, वीजा संबंधी दिक्कत – अक्सर NRI या विदेश में रहने वाले फर्जी प्रोफाइल में) और कानूनी मुसीबत (जुर्माना या रिश्वत का पैसा) का बहाना बनाते हैं.
ठग पीड़ित से इस संकट से उबरने के लिए मदद मांगते हैं. शुरुआत में छोटी रकम मांगी जाती है, जिसे वे समय पर लौटाकर और भरोसा कायम करते हैं. फिर धीरे-धीरे रकम बढ़ती जाती है. जब पीड़ित का बचत का पैसा खत्म हो जाता है या उन्हें शक होने लगता है, तो ठग अपना नंबर बदलकर गायब हो जाते हैं.
कैसे करें बचाव?
साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि सतर्कता ही इसका एकमात्र बचाव है.
जल्दबाजी पर संदेह करें – अगर कोई व्यक्ति बहुत जल्दी प्यार का इजहार करने लगे या गंभीर रिश्ते की बात करे, तो सावधान हो जाएं. फर्जी प्रोफाइल वाले अक्सर लाइव वीडियो कॉल से बचते हैं. असली व्यक्ति से वीडियो कॉल पर बात करना जरूरी है. कोई भी व्यक्ति जिससे आप केवल ऑनलाइन मिले हैं, अगर पैसे मांगे, तो उसे तुरंत ब्लॉक कर दें. यह सबसे बड़ा रेड फ्लैग है. उनकी प्रोफाइल तस्वीर को Google रिवर्स इमेज सर्च में डालकर चेक करें.
अक्सर ये तस्वीरें स्टॉक फोटो या किसी और की होती हैं. अपनी ऑनलाइन डेटिंग की बात किसी भरोसेमंद दोस्त या परिवार वाले को जरूर बताएं. बाहरी नजरिए से अक्सर धोखा पहचानना आसान होता है. अपने बैंक डिटेल्स, पहचान पत्र आदि की जानकारी किसी को कभी न दें.
क्या करें अगर ठगी का शिकार हो जाएं?
- तुरंत अपने बैंक को सूचित करें और ट्रांजैक्शन रोकने की कोशिश करें.
- ठग के फोन नंबर, ईमेल, चैट हिस्ट्री और पेमेंट प्रूफ को सुरक्षित कर लें.
- तुरंत नजदीकी पुलिस स्टेशन या साइबर क्राइम सेल में शिकायत दर्ज कराएं. राष्ट्रीय साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (www.cybercrime.gov.in) पर ऑनलाइन शिकायत की जा सकती है.