महीनों बाद पाक का कबूलनामा, भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान 36 घंटे में बरसाए 80 ड्रोन, नूर खान एयरबेस किया तबाह

ऑपरेशन सिंदूर को लेकर पाकिस्तान ने महीनों बाद स्वीकार किया है कि भारत ने 36 घंटे में 80 ड्रोन हमले किए, जिनमें नूर खान एयरबेस को नुकसान पहुंचा और सैन्यकर्मी घायल हुए. यह कबूलनामा पहले के इनकार से बड़ा यू-टर्न माना जा रहा है और भारत की सटीक सैन्य कार्रवाई को रेखांकित करता है. पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने खुद यह बात कबूल की है.

पाक के विदेश मंत्री इशाक डार Image Credit: X

पाकिस्तान ने पहली बार सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया है कि भारत की ओर से किए गए ऑपरेशन सिंदूर के तहत ड्रोन हमलों में उसके अहम सैन्य ठिकानों को नुकसान पहुंचा है. इस कबूलनामे के साथ ही इस्लामाबाद ने अपने पहले के इनकार से यू-टर्न ले लिया है. पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने अब खुद इसे मान लिया है. यह बयान जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद भारत की जवाबी कार्रवाई से जुड़ा है, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई थी. इशाक डार के ताजा बयान से यह साफ हो गया है कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत की रणनीतिक सैन्य कार्रवाई का असर पाकिस्तान के प्रमुख एयर बेसों पर पड़ा, जो पहले के आधिकारिक इनकारों से बिल्कुल उलट है.

भारत ने 36 घंटे में भेजे 80 ड्रोन

27 दिसंबर को साल के अंत में आयोजित एक प्रेस ब्रीफिंग में पाकिस्तान के उप-प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने माना कि भारतीय ड्रोन हमलों ने रावलपिंडी के चकलाला इलाके में स्थित नूर खान एयर बेस को निशाना बनाया था. उन्होंने बताया कि इन हमलों में सैन्य ठिकाने को नुकसान पहुंचा और वहां तैनात कुछ सैन्यकर्मी घायल भी हुए. इशाक डार के मुताबिक, “भारत ने 36 घंटे के भीतर कम से कम 80 ड्रोन पाकिस्तान की ओर भेजे. हम 80 में से 79 ड्रोन को इंटरसेप्ट करने में सफल रहे, लेकिन एक ड्रोन ने सैन्य प्रतिष्ठान को नुकसान पहुंचाया और कुछ जवान घायल हुए.” उन्होंने यह भी कहा कि 9 मई की देर रात पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ की अगुवाई में नागरिक और सैन्य नेतृत्व की बैठक हुई जिसमें हालात की समीक्षा कर आगे की रणनीति तय की गई.

पाक के 11 एयरबेस पर हमला

नूर खान एयर बेस, पाकिस्तान वायुसेना का एक प्रमुख ठिकाना है और यह उन 11 एयर बेसों में शामिल था, जिन्हें ऑपरेशन सिंदूर के दौरान निशाना बनाया गया. इन ठिकानों में सरगोधा, रफीकी, जैकबाबाद और मुरीदके जैसे अहम एयर बेस भी शामिल थे. भारतीय सशस्त्र बलों ने 7 मई की तड़के इस अभियान की शुरुआत की थी, जिसमें पहले पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में स्थित नौ आतंकी शिविरों पर हमला किया गया और इसके बाद सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया गया.

हताहतों की संख्या कहीं अधिक

पाकिस्तान के दावों पर प्रतिक्रिया देते हुए भारतीय सेना के रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल KJS Dhillon ने नुकसान को “मामूली” बताने के दावे को खारिज किया. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के अपने मीडिया चैनल्स ने ऑपरेशन सिंदूर में मारे गए सैनिकों को मरणोपरांत वीरता पुरस्कार दिए जाने की खबरें प्रकाशित की थीं, जिससे हताहतों की संख्या कहीं अधिक होने का संकेत मिलता है.

पहले भी मानी थी यह बात

इससे पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और उनके सलाहकार राना सनुअल्ला भी यह स्वीकार कर चुके हैं कि भारतीय मिसाइल और ड्रोन हमलों में नूर खान समेत कई एयर बेस प्रभावित हुए थे. सैटेलाइट तस्वीरों में भी इन ठिकानों को भारी नुकसान के संकेत मिले थे.

क्यों शुरू हुआ था ऑपरेशन सिंदूर

भारतीय सेना ने 7 मई की सुबह ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया जो जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल के आतंकी हमले का जवाबी कार्रवाई थी. भारत की कार्रवाई से घबराकर पाकिस्तान के डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस (DGMO) ने भारत के DGMO को सीजफायर का प्रस्ताव दिया जिसे मान लिया गया. पाकिस्तानी पक्ष की ओर से संपर्क की पुष्टि विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने भी की थी. उन्होंने बताया था कि दोनों देश जमीन, समुद्र और हवा में सभी मिलिट्री ऑपरेशंस रोकने पर सहमत हो गए हैं.

देखें तस्वीरें: 4 दिन में भारत ने पाक को ऐसे किया तबाह; तस्वीरों में देखें आतंकी कैंप, एयरबेस रडार सिस्टम कैसे हुए बर्बाद

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