AI की मदद से चुना गया पोप लियो XIV का नाम, जानें कैसे
पोप लियो XIV ने खुलासा किया कि उन्होंने अपना नाम AI की मदद से चुना. अब पोप लियो XIV डिजिटल युग और AI के दौर में नैतिक नेतृत्व को जरूरी मानते हैं. उन्होंने पोप फ्रांसिस की तरह सादगी, सेवा और मानव गरिमा की रक्षा को प्राथमिकता देने की बात कही.

Pope Leo XIV: हाल ही में चुने गए पोप लियो XIV ने अपने पहले भाषण में एक हैरान कर देने वाला खुलासा किया. उन्होंने बताया कि उनके पोप बनने के बाद उनका जो नाम चुना गया वह उन्होंने (AI) की मदद से चुना गया. पोप बनने से पहले शिकागो के रॉबर्ट फ्रांसिस प्रेवोस्ट रहे लियो XIV ने कहा कि उनका नाम सिर्फ परंपरा का हिस्सा नहीं बल्कि विचारशील और तकनीकी युग के हिसाब लिया गया था.
अब AI का दौर
पोप लियो XIV ने कहा, जिस तरह 19वीं सदी में औद्योगिक बदलावों ने समाज को बदला, उसी तरह आज AI एक नई क्रांति ला रहा है. इस दौर में चर्च की जिम्मेदारी है कि वह मानव गरिमा, न्याय और श्रम की रक्षा के लिए नैतिक मार्गदर्शन दे. वेटिकन लंबे समय से AI को लेकर चिंतित रहा है. जनवरी 2024 में जारी एक आधिकारिक दस्तावेज में AI के दुरुपयोग, झूठे नैरेटिव, और नैतिक चुनौतियों पर चर्चा की गई थी. पोप फ्रांसिस ने भी कई मौकों पर AI की सीमाओं और खतरों की ओर ध्यान दिलाया था.
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पोप फ्रांसिस के नीतियों के बढ़ाएंगे
2023 में एक AI- से मदद से बनी फर्जी तस्वीर जिसमें पोप फ्रांसिस सफेद डिजाइनर जैकेट पहने नजर आए, सोशल मीडिया पर वायरल हो गई थी. इसके बाद उन्होंने चेतावनी दी थी कि AI झूठ को सच की तरह पेश कर सकता है. पोप लियो XIV ने अपने भाषण में साफ किया कि वह पोप फ्रांसिस की नीतियों को आगे बढ़ाएंगे और डिजिटल युग की नैतिक चुनौतियों से निपटने के लिए चर्च की सामाजिक शिक्षाओं को आधार बनाएंगे.
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