टॉमहॉक मांग रहा यूक्रेन, रूस ने दी चेतावनी-अमेरिका ने की ये गलती तो हो सकता है सीधा टकराव
रूस ने सोमवार को साफ चेतावनी दी कि अगर अमेरिका यूक्रेन को टॉमहॉक क्रूज मिसाइलें मुहैया कराता है, तो यह कदम यूक्रेन युद्ध को खतरनाक मोड़ पर पहुंचा सकता है. रूस का कहना है कि इन मिसाइलों का इस्तेमाल उसके गहरे इलाकों तक हमले के लिए किया जा सकता है, जिससे सीधे तौर पर अमेरिका-रूस टकराव का जोखिम बढ़ जाएगा.
यूक्रेन लंबे समय से अमेरिका से टॉमहॉक क्रूज मिसाइलें मांग रहा है. 28 सितंबर को अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि वॉशिंगटन इस मांग पर विचार कर रहा है. रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक फिलहाल, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अभी तक अंतिम फैसला नहीं लिया है. ट्रंप अब तक रूस के साथ सीधा टकराव बढ़ाने से बचते रहे हैं, लेकिन अलास्का शिखर वार्ता के बाद राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा संघर्ष विराम पर सहमति न देने से उनका धैर्य टूटता दिखाई दे रहा है. वहीं, वेंस की तरफ से पुष्टि किए जाने के बाद रूस ने इस मामले में कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए अमेरिका को चेताते हुए कहा है कि अगर अमेरिका ने यूक्रेन को टॉमहॉक मिसाइलें दीं, तो इसका अंजाम बेहद बुरा होगा. यहां तक कि इसकी वजह से रूस और अमेरिका के बीचे सीधा टकराव भी हो सकता है.
कितनी ताकतवर है टॉमहॉक?
टॉमहॉक मिसाइल की मारक क्षमता 2,500 किलोमीटर तक है, यानी यूक्रेन से दागी जाने पर ये आसानी से मॉस्को और यूरोपीय रूस के अधिकांश हिस्सों तक पहुंच सकती हैं. यही वजह है कि रूस इन संभावनाओं को बेहद गंभीरता से ले रहा है. पिछले हफ्ते यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने भी क्रेमलिन अधिकारियों को चेताया था कि उन्हें “पता होना चाहिए कि बम शेल्टर कहां हैं.”
रूस की तीखी प्रतिक्रिया
क्रेमलिन प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा कि रूस ने इस मामले पर पर “गहराई से विश्लेषण किया है. अमेरिका ये मिसाइलें देता है, तो इन्हें चलाने का अधिकार किसके पास होगा, क्या केवल यूक्रेनी सेना इन्हें दागेगी या अमेरिकी विशेषज्ञ भी इसमें भूमिका निभाएंगे? उन्होंने सवाल उठाया कि इन मिसाइलों के टार्गेट का फैसला कौन करेगा यूक्रेन या अमेरिका?” इसी तरह रूसी संसद की रक्षा समिति के प्रमुख आंद्रेई कार्तापोलोव ने चेतावनी देते हुए कहा, “अगर अमेरिकी सैन्य विशेषज्ञ इन मिसाइलों को लॉन्च करने में शामिल पाए गए, तो वे सीधे रूस के निशाने पर होंगे और उन्हें कोई नहीं बचा पाएगा. न ट्रंप, न केलॉग, कोई नहीं.”
अमेरिका का रुख और रणनीति
यूक्रेन मामलों के लिए अमेरिकी विशेष दूत कीथ केलॉग ने रविवार को कहा कि ट्रंप ने इशारा दिया है कि अब कीव को रूस के भीतर गहराई तक हमले करने की क्षमता मिलनी चाहिए. उन्होंने कहा, “गहराई तक वार करो. यहां कोई सुरक्षित जगह नहीं है.” यह बयान इस बात का संकेत है कि वॉशिंगटन अब तक अपनाई गई सीमित सैन्य सहायता नीति से आगे बढ़ने पर विचार कर रहा है. हालांकि इस कदम से यूरोप में असुरक्षा की भावना और रूस के साथ तनाव और भी बढ़ सकता है.
नतीजा नहीं बदलने वाला
रूस ने अमेरिका को सीधे चेतावनी देते हुए कहा है कि टॉमहॉक मिसाइलों से युद्ध का पासा नहीं पलटने वाला है. पेस्कोव ने कहा, “भले यूक्रेन को मिसाइलें मिल जाएं, लेकिन यह कोई जादू की छड़ी नहीं है, जो कीव के लिए हालात बदल दे.”
रूस से युद्ध नहीं सह पाएगा यूरोप
पूर्व रूसी राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव ने यूरोपीय नेताओं को आगाह करते हुए कहा, “यूरोप अब भी रूस के साथ युद्ध झेलने की क्षमता नहीं रखता. लेकिन, एक घातक दुर्घटना की संभावना हमेशा बनी रहती है.” कुल मिलाकर, अमेरिका-रूस संबंधों पर टॉमहॉक मिसाइलों की आपूर्ति का सवाल अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुका है. एक ओर यूक्रेन लंबी दूरी की क्षमता हासिल कर रूस पर दबाव बढ़ाना चाहता है, वहीं दूसरी ओर मॉस्को साफ कर चुका है कि यह कदम महंगी कीमत वसूल सकता है. यही वजह है कि आने वाले हफ्तों में अंतरराष्ट्रीय राजनीति में इसका असर गहराई से देखने को मिलेगा.