S-400 भारत में सफल तो फिर रूस में क्यों हुआ फेल, ड्रोन ने मास्को में मचाई तबाही; जानें कहां चूके पुतिन
23 मई को यूक्रेन ने मास्को पर ड्रोन से हमला किया, जिससे रूस की सुरक्षा प्रणाली पर सवाल उठे हैं. S- 400 और पंथसिर जैसे एडवांस्ड सिस्टम होने के बावजूद रूस ड्रोन हमलों को नहीं रोक पा रहा है. इसका मुख्य कारण रूस की विशाल भौगोलिक सीमा, शहरी क्षेत्र में रक्षा की कठिनाई और यूक्रेन की सस्ती लेकिन प्रभावी ड्रोन रणनीति है.

Drone Attack In Moscow: रूस यूक्रेन के बीच चल रहे है युद्ध में शांति समझौते के प्रयासों के बीच आज यानी 23 मई को यूक्रेन ने रूस की राजधानी मास्को पर ताबड़तोड़ हमला किया. इस हमले से मास्को में अफरातफरी मच गई और कई बिल्डिंगों को भारी नुकसान हुआ है. यह पहली बार नहीं हुआ है कि इस युद्ध में रूस की राजधानी पर इस तरह का हमला हुआ. इन हमलों से एक सवाल उठ रहा है कि S-400 और Pantsir जैसे दुनिया के सबसे बेहतरीन एयर डिफेंस सिस्टम होने के बाद भी यह हमले क्यों नहीं रोके जा पा रहे हैं. जबकि इन्हीं एयर डिफेंस सिस्टम का उपयोग कर भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ सौ प्रतिशत हमलों को रोकने में सफलता पाई है. तो ऐसे क्या कारण हैं कि रूस इसमें सफल नहीं हो पा रहा है.
भारत सफल तो रूस असफल क्यों
भारत पाकिस्तान के बीच चले चार दिन के संघर्ष में पाकिस्तान ने 400 से ज्यादा तुर्किये में बने ड्रोन से भारत पर हमला किया लेकिन भारत ने S- 400 और अपने देशी एयर डिफेंस सिस्टम का उपयोग करते हुए सभी ड्रोन को मार गिराया. इन ड्रोन को मार गिराने में S- 400 के ताकतवर रडार सिस्टम ने अहम भूमिका निभाई. लेकिन रूस जो कि S- 400 को बनाता है और जिसके पास इसके कई रेजिमेंट मौजूद हैं फिर भी असफल रहा है.
रूस के इन हमलों को ना रोक पाने का सबसे बड़ा कारण इसकी भौगोलिक स्थिति है. मतलब रूस इतना बड़ा है कि इसे अपने पूरे बॉर्डर पर डिफेंस सिस्टम तैनात करना संभव नहीं है और पिछले तीन साल से चल रही युद्ध के कारण इसके ज्यादातर डिफेंस सिस्टम अपने सैन्य अड्डों पर तैनात हैं. इस वजह से इसके शहर हमले से बचने के लिए 100 फीसदी फुल प्रूफ नहीं हैं.
यूक्रेन की ड्रोन नीति सफल हो रही
जितने भी हमले रूस की राजधानी मास्को पर हुए हैं उनमें ड्रोन का इस्तेमाल किया गया है. एक भी हमला मिसाइल से नहीं किया गया जिसके पीछे कारण यह है कि अगर यूक्रेन मिसाइल से हमला करता है तो रूस का एयर डिफेंस सिस्टम इसे इंटरसेप्ट कर मार गिराएगा. इसलिए यूक्रेन कम ऊंचाई पर उड़ने वाले ड्रोन से हमला करता है जिसे रूस का एयर डिफेंस सिस्टम इंटरसेप्ट नहीं कर पाता है. हमले की यह रणनीति कारगर साबित हो रही है क्योंकि यह सस्ती भी है और रूस इसे रोक भी नहीं पा रहा है.
सैचुरेशन अटैक से गच्चा खा रहा है रूस
यूक्रेन भी हमले में सस्ते और बड़ी संख्या में ड्रोन का इस्तेमाल कर रहा है जिसमें 100 से लेकर 200 ड्रोन एक साथ भेजता है. अगर रूस का एयर डिफेंस इसे इंटरसेप्ट करता भी है तो भी कुछ ड्रोन बच निकलते हैं. ज्यादा संख्या में ड्रोन को रडार रोकने में सफल नहीं हो पाता है.
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शहरी क्षेत्रों में हमला रोकना मुश्किल
यूक्रेन रूस के सैन्य ठिकानों के बजाय इसके शहरों को निशाना बना रहा है. इस वजह से उसके हमले ज्यादा कारगर साबित हो रहे हैं क्योंकि शहरों में हवाई हमले रोकना खुले क्षेत्र की तुलना में ज्यादा मुश्किल होता है. क्योंकि शहरों में मौजूद हाईस्क्रैपर की वजह से एयर डिफेंस सिस्टम उतने प्रभावी तरीके से हमले नहीं रोक पाते हैं.
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