अमेरिका और EU के बीच ट्रेड डील पक्की, 15% टैरिफ, 51.91 लाख करोड़ के निवेश समेत इन बातों पर बनी सहमति
अमेरिका और यूरोपीय संघ (EU) ने एक बड़ा व्यापार समझौता किया है. ट्रम्प ने कहा कि यह दोनों पक्षों के लिए अच्छी डील है. उन्होंने बताया कि अमेरिका और यूरोप के बीच व्यापार में पहले कई समस्याएं थीं. इस समझौते के तहत EU से आने वाले सामान, जैसे कारें पर 15 फीसदी टैरिफ लगेगा. पहले कारों पर 25 फीसदी टैरिफ था.
Trade Deal: अमेरिका और यूरोपीय संघ (EU) ने एक बड़ा व्यापार समझौता किया है. इस समझौते में EU से अमेरिका आने वाले सामान पर 15 फीसदी टैरिफ लगेगा. पहले 30 फीसदी टैरिफ की धमकी थी, लेकिन अब इसे कम कर दिया गया. यह समझौता 1 अगस्त की समय सीमा से ठीक पहले हुआ. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने स्कॉटलैंड में ट्रम्प के टर्नबेरी गोल्फ रिसॉर्ट में मुलाकात के बाद इसकी घोषणा की.
दोनों पक्षों के लिए अच्छी डील- ट्रम्प
ट्रम्प ने कहा कि यह दोनों पक्षों के लिए अच्छी डील है. उन्होंने बताया कि अमेरिका और यूरोप के बीच व्यापार में पहले कई समस्याएं थीं. इस समझौते के तहत EU से आने वाले सामान, जैसे कारें पर 15 फीसदी टैरिफ लगेगा. पहले कारों पर 25 फीसदी टैरिफ था. यह टैरिफ जापान के साथ हुए समझौते जैसा ही है. इसके अलावा EU ने अमेरिका से 750 अरब डॉलर (लगभग 64 लाख करोड़) की ऊर्जा खरीदने और 600 अरब डॉलर (51.91 लाख करोड़) का निवेश करने का वादा किया है. ट्रम्प ने इसे सबके लिए अच्छा सौदा बताया. वॉन डेर लेयेन ने कहा कि यह समझौता दोनों पक्षों के बिजनेस के लिए स्थिरता लाएगा.
अब नहीं बढ़ेगी कोई समय सीमा
यह समझौता हाल ही में जापान के साथ हुए सौदे जैसा है. इसमें भी 15 फीसदी टैरिफ तय हुआ था. अमेरिकी Commerce सचिव हॉवर्ड लुटनिक ने कहा कि अब कोई समय सीमा नहीं बढ़ेगी. 1 अगस्त से टैरिफ लागू होंगे और कस्टम्स पैसा इकट्ठा करना शुरू कर देगा. ट्रम्प ने अब तक छह देशों ब्रिटेन, वियतनाम, इंडोनेशिया, फिलीपींस, जापान और EU के साथ व्यापार समझौते किए हैं. ये समझौते वैश्विक व्यापार को बदलने की दिशा में हैं. ट्रम्प का कहना है कि कुछ देश अनुचित व्यापार करते हैं, इसलिए टैरिफ जरूरी हैं.
व्यापार में बढ़ सकता है तनाव
ये टैरिफ अप्रैल से लागू 10 फीसदी के आधार टैरिफ से ज्यादा हैं, लेकिन पहले धमकी दी गई ऊंची दरों से कम हैं. शुक्रवार की समय सीमा नजदीक है और पूरी दुनिया इस पर नजर रखे हुए है. अगर ऊंचे टैरिफ लागू हुए, तो व्यापार में तनाव बढ़ सकता है और ट्रांसअटलांटिक व्यापार प्रभावित हो सकता है. यह समझौता दोनों पक्षों के लिए फायदेमंद है. यह न केवल व्यापार को आसान बनाएगा, बल्कि अमेरिका में निवेश और ऊर्जा खरीद को भी बढ़ाएगा. वैश्विक बाजार इस समझौते से राहत महसूस कर रहे हैं, लेकिन अभी भी कुछ अनिश्चितता बनी हुई है.
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