चीन पर फिर चला ट्रंप का चाबुक, ग्रेफाइट पर लगाई 93.5% एंटी डंपिंग ड्यूटी; 347 मिलियन डॉलर ट्रेड पर असर
अमेरिका के कॉमर्स डिपार्टमेंट ने चीन से आयात होने वाले एनोड ग्रेड ग्रेफाइट पर 93.5 फीसदी एंटी-डंपिंग ड्यूटी लगाई है. यह ग्रेफाइट इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरी में उपयोग होता है. यह कदम अमेरिकी कंपनियों की शिकायत के बाद उठाया गया है.

Anti-dumping duty: अमेरिका के कॉमर्स डिपार्टमेंट ने चीन से आयात होने वाले एनोड ग्रेड ग्रेफाइट पर भारी एंटी-डंपिंग ड्यूटी लगाने की घोषणा की है. यह ग्रेफाइट इलेक्ट्रिक व्हीकल की बैटरी में इस्तेमाल होने वाला महत्वपूर्ण मैटेरियल है. विभाग ने कहा कि चीन यह मैटेरियल अमेरिका में कम दाम पर बेच रहा था, जिससे अमेरिकी इंडस्ट्री को नुकसान हो रहा था. इस फैसले से 2023 में चीन से आयात किए गए 347.1 मिलियन डॉलर के प्रोडक्ट प्रभावित होंगे. यह कदम अमेरिकी कंपनियों के शिकायत के बाद उठाया गया है.
93.5 फीसदी एंटी-डंपिंग ड्यूटी लगेगा
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, कॉमर्स डिपार्टमेंट ने शूरूआती जांच के बाद सभी चीनी प्रोडक्ट पर 93.5 फीसदी का एंटी-डंपिंग ड्यूटी लगाने का फैसला लिया है. यह शुल्क 90 फीसदी से अधिक कार्बन शुद्धता वाले एनोड ग्रेड ग्रेफाइट पर लागू होगा. इसमें सिंथेटिक, नैचुरल और दोनों का मिक्सचर शामिल है. चीन इस मैटेरियल को अमेरिका में सस्ते दामों में बेच रहा था जिससे की अमेरिकी कंपनियों को घाटा हो रहा था.
सब्सिडी को लेकर अलग जांच
इसके साथ ही मई 2025 में विभाग ने चीनी ग्रेफाइट पर सब्सिडी जांच भी की थी. इसमें अधिकांश प्रोडक्ट पर 6.55 फीसदी का काउंटरवेलिंग शुल्क तय किया गया. हालांकि, कुछ कंपनियों जैसे हुझोउ काइजिन और शंघाई शाओशेंग पर यह शुल्क 700 फीसदी से भी ज्यादा लगा है. ट्रंप टैरिफ लगाने के ऐलान के बाद से ही दोनों देशों में रिश्ते सही नहीं है. बीच में दोनों के बीच ट्रेड वार भी देखने को मिला, हालांकि बाद में दोनों के बीच डील हो गया. लेकिन इस फैसले से दोनों के रिश्तों में फिर से तल्खी आ सकती है.
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अमेरिकी कंपनियों ने की थी शिकायत
इस मामले की शिकायत अमेरिकी कंपनियों के एक समूह ने की थी. इसमें अनोवियन टेक्नोलॉजीज, सिराह टेक्नोलॉजीज, नोवोनिक्स, एप्सिलोन एडवांस्ड मैटेरियल्स और एसकेआई यूएस जैसी कंपनियां शामिल हैं. ये सभी कंपनियां अमेरिका में सक्रिय एनोड मटेरियल उत्पादक हैं. कॉमर्स डिपार्टमेंट ने बताया कि इस मामले में अंतिम एंटी-डंपिंग और एंटी-सब्सिडी शुल्क का फैसला 5 दिसंबर 2025 तक लिया जाएगा. तब तक इन प्रोडक्ट पर अस्थायी शुल्क जारी रहेगा.
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