डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ उतरे 22 राज्य, जन्मसिद्ध नागरिकता खत्म करने के खिलाफ दायर किया मुकदमा
US Birthright Citizenship: जन्मसिद्ध नागरिकता पॉलिसी के तहत ही अमेरिका में जन्मे बच्चों को उनके माता-पिता के इमिग्रेशन स्टेटस की परवाह किए बिना नागरिकता की गारंटी देती है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसे खत्म करने के लिए आदेश जारी किया है.

US Birthright Citizenship: अमेरिका के 22 राज्यों के अटॉर्नी जनरल ने मंगलवार को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को दशकों पुरानी जन्मसिद्ध नागरिकता नीति को समाप्त करने से रोकने के लिए मुकदमा दायर किया है. जन्मसिद्ध नागरिकता पॉलिसी के तहत ही अमेरिका में जन्मे बच्चों को उनके माता-पिता के इमिग्रेशन स्टेटस की परवाह किए बिना नागरिकता की गारंटी देती है. सोमवार राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद ट्रंप ने कई कार्यकारी आदेश जारी किए, जिनमें जन्मसिद्ध नागरिकता पॉलिसी को खत्म करना भी शामिल था. हालांकि, ट्रंप का यह फैसला किस करवट बैठेगा अभी कुछ भी कहना मुश्किल है, क्योंकि इमिग्रेशन पॉलिसी को लेकर लंबी कानूनी लड़ाई देखने को मिल सकती है.
राज्यों का सामना करने के लिए तैयार
डेमोक्रेटिक अटॉर्नी जनरल और आप्रवासी अधिकार अधिवक्ताओं का कहना है कि जन्मसिद्ध नागरिकता का प्रश्न एक स्थापित कानून है. राष्ट्रपतियों के पास व्यापक अधिकार होते हैं, लेकिन वे राजा नहीं होते. मुकदमा दायर होने के बाद व्हाइट हाउस की तरफ से कहा गया कि वह अदालत में राज्यों का सामना करने के लिए तैयार है और मुकदमों को वामपंथी प्रतिरोध के विस्तार के अलावा और कुछ नहीं बताया.
क्या है जन्मसिद्ध नागरिकता नीति
जन्मसिद्ध नागरिकता अमेरिकी धरती पर जन्मे किसी भी व्यक्ति को अमेरिकी नागरिकता प्रदान करती है, चाहे उसके माता-पिता का इमिग्रेशन स्टेटस कुछ भी हो. उदाहरण के लिए, टूरिस्ट वीजा पर माता-पिता से पैदा हुए बच्चे या देश में अवैध रूप से रहने वाले बच्चे अभी भी अमेरिकी नागरिक माने जा सकते हैं.
ट्रंप का आदेश अमेरिका में जन्मे किसी भी बच्चे को 14वें संशोधन के तहत ऑटोमैटिक नागरिकता प्रदान करने को चुनौती देता है. गृह युद्ध के बाद 1868 में अनुमोदित 14वें संशोधन में कहा गया है कि संयुक्त राज्य अमेरिका में जन्मे या प्राकृतिक रूप से बसे सभी व्यक्ति और उसके अधिकार क्षेत्र के अधीन, संयुक्त राज्य अमेरिका और उस राज्य के नागरिक हैं जहां वे रहते हैं.
आदेश लागू होने के बाद क्या होगा?
ट्रंप के आदेश लागू हो जाने के बाद उन व्यक्तियों को स्वतः नागरिकता नहीं मिलेगी जिनकी माताएं अवैध रूप से अमेरिका में थीं या जिनके पिता अमेरिकी नागरिक या वैलिड परमानेंट निवासी नहीं थे. यह आदेश फेडरल एजेंसियों को इन श्रेणियों के लोगों की नागरिकता को मान्यता देने से रोकता है और यह मंगलवार के 30 दिन बाद यानी 19 फरवरी को प्रभावी होगा.
इन राज्यों ने दायर किया मुकदमा
हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, कोलंबिया डिस्ट्रिक्ट और सैन फ्रांसिस्को के साथ अठारह राज्यों ने ट्रंप के आदेश को रोकने के लिए फेडरल अदालत में मुकदमा दायर किया. न्यू जर्सी के डेमोक्रेटिक अटॉर्नी जनरल मैट प्लैटकिन ने मंगलवार को कहा कि राष्ट्रपतियों के पास व्यापक शक्तियां होती हैं, लेकिन वे राजा नहीं होते. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति एक कलम के झटके से 14वें संशोधन को मिटा नहीं सकते. न्यू जर्सी और दो शहरों के साथ, कैलिफोर्निया, मैसाचुसेट्स, कोलोराडो, कनेक्टिकट, डेलावेयर, हवाई, मेन, मैरीलैंड, मिशिगन, मिनेसोटा, नेवादा, न्यू मैक्सिको, न्यूयॉर्क, उत्तरी कैरोलिना, रोड आइलैंड, वर्मोंट और विस्कॉन्सिन भी आदेश को रोकने के लिए मुकदमे में शामिल हुए हैं.
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