वॉरेन बफे ने ट्रंप को दी नसीहत, मानेंगे तो थम जाएगा टैरिफ वार; पास में है 347 अरब डॉलर कैश
दिग्गज निवेशक वॉरेन बफे की कंपनी बर्कशायर हैथवे का जनवरी-मार्च 2025 तिमाही में ऑपरेटिंग प्रॉफिट 14.1 फीसदी घटकर 9.64 अरब डॉलर रह गया, वहीं नेट इनकम 64 फीसदी गिरकर 4.6 अरब डॉलर पर आ गया. नतीजों के बाद बफे ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ को लेकर नाराजगी जताई है.

Warren Buffett on Trump Tariff: दिग्गज निवेशक वॉरेन बफे की कंपनी बर्कशायर हैथवे का जनवरी-मार्च 2025 तिमाही का नतीजा जारी हो गया है. इसमें कंपनी के ऑपरेटिंग प्रॉफिट सालाना आधार पर 14.1 फीसदी गिरकर 9.64 अरब डॉलर हो गया. एक साल पहले ये 11.22 अरब डॉलर था. इसी के साथ बर्कशायर के पास तिमाही के अंत तक 347.7 बिलियन डॉलर की रिकॉर्ड कैश जमा कर ली है. ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, यह अब तक का सबसे बड़ा कैश रिजर्व है. यह राशि इसलिए बढ़ी क्योंकि वैश्विक व्यापार में टैरिफ (आयात-निर्यात पर टैक्स) को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है जिसके चलते कंपनी ने निवेश करने के बजाय कैश रखना बेहतर समझा.
कितना है कैश?
बर्कशायर हैथवे ने 2024 के अंत तक 334 बिलियन डॉलर की नकदी जमा की थी. 2025 की पहली तिमाही (जनवरी-मार्च) के अंत में यह नकद राशि बढ़ गई. यानी कंपनी के पास अब पहले से कहीं ज्यादा कैश है. इस दौरान कंपनी की नेट इनकम भी पिछले वित्त वर्ष के 12.7 बिलियन डॉलर की तुलना में साल-दर-साल के आधार पर 64 फीसदी गिरा है. गिरने के बाद वह 4.6 बिलियन हो गया है. अपने तिमाही नतीजों के जारी होने के बाद वॉरेन बफे ने शनिवार को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सख्त ट्रेड पॉलिसी की आलोचना करते हुए नसीहत दे डाली.
बफे ने ट्रंप को क्या कहा?
बगैर ट्रंप का नाम लेते हुए बफे शेयरधारकों की बैठक के शुरुआत में कहा,”मेरे विचार में यह एक बड़ी गलती है कि आपके पास 7.5 अरब लोग हैं जो आपको पसंद नहीं करते और आपके पास 30 करोड़ लोग हैं जो अपने काम पर गर्व करते हैं.” उन्होंने कहा कि देशों के बीच व्यापार का बैलेंस बना रहना जरूरी है. उन्होंने कहा कि दुनिया पर दंडात्मक टैरिफ लगाना एक बड़ी गलती है. ट्रेड को हथियार के रूप में इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. इससे वैश्विक बाजार में उथल-पुथल मच गई है. इसी के साथ उन्होंने कहा कि ट्रंप को दुनिया के बाकी देशों को नाराज नहीं करना चाहिए.
जियो पॉलिटिकल से बढ़ रहा तनाव
कंपनी ने अपनी पहली तिमाही की रिपोर्ट में बताया कि मौजूदा बाजार में आर्थिक और जियो पॉलिटिकल घटनाएं (जैसे वैश्विक व्यापार में अनिश्चितता, टैरिफ विवाद या अंतरराष्ट्रीय तनाव) भविष्य में उसके कारोबार के नतीजों को प्रभावित कर सकती हैं. इसलिए कंपनी ने नए निवेश करने के बजाय कैश जमा करना सुरक्षित विकल्प के रूप में देखा.
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