पाकिस्तान में कहां है किराना हिल्स, जानें उसके पास कितने न्यूक्लियर बम; 40 साल से छुपा रहा ये सच
ऑपरेशन सिंदूर के बाद चर्चा में आए पाकिस्तान के किराना हिल्स को लेकर सोशल मीडिया पर दावे तेज हैं कि भारत ने इस इलाके पर हमला किया, हालांकि भारतीय सेना ने इसे सिरे से खारिज किया है. पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के सरगोधा जिले के पास स्थित किराना हिल्स एक रणनीतिक और संवेदनशील इलाका है. आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं.

Where is Kirana Hills In Pakistan: ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारतीय सेना के अधिकारियों ने रविवार, 12 मई को प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी. प्रेस कॉन्फ्रेंस में सेना अधिकारियों ने ऑपरेशन के दौरान पाकिस्तान के कई ठिकानों को ध्वस्त करने की जानकारी साझा की. कॉन्फ्रेंस के आखिर में एक सवाल पाकिस्तान के किराना हिल्स की स्थिति को लेकर भी पूछा गया जिसके जवाब में भारतीय सैन्य अधिकारियों ने वहां पर किसी भी तरह के हमले को खारिज कर दिया. इसके बाद पाकिस्तान के किराना हिल्स की चर्चा और तेज हो गई. आइए जानते हैं पाकिस्तान के किराना हिल्स के बारे में. ये कहां है, इसका लोकेशन क्या है, इसको लेकर चर्चा इतनी तेज क्यों है.
पाकिस्तान का किराना हिल्स खत्म?
सोशल मीडिया पर इस बात की चर्चा तेज है कि भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत किराना हिल्स को भी तबाह कर दिया है. हालांकि भारत ने इसे सिरे से नकार दिया है. एयर मार्शल ए.के भारती ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, “हमने किराना हिल्स पर हमला नहीं किया है.” माना जा रहा है कि पाकिस्तान के सरगोधा के किराना हिल्स में ही परमाणु हथियार रखे हुए हैं. हालांकि इसकी कोई पुष्टि नहीं हुई है.
कहां है किराना हिल्स?
किराना हिल्स पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के सरगोधा जिले के पास स्थित एक पहाड़ी इलाका है. यहां पर अंडरग्राउंड फैसिलिटी सरगोधा एयरबेस से सड़क के रास्ते से सिर्फ 20 किमी और कुशाब न्यूक्लियर प्लांट से 75 किमी दूर है. यह इलाका किसी भी तरह से संकट के दौर में सुरक्षित माना जाता है. इस ठिकाने से सड़क, रेल और एयर ट्रांसपोर्ट का जुड़ाव सीधे तौर पर है. तकरीबन 68 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले तथा 39 किमी पेरिमीटर के घिरे किराना हिल्स को मल्टीलेयर्ड डिफेंस सिस्टम के साथ डिजाइन किया गया है.
क्यों है किराना हिल्स अहम?
दुनिया को 1980 के दशक में पाकिस्तान के इस ठिकाने के बारे में जानकारी मिली. उस वक्त पाकिस्तान छुपकर न्यूक्लियर टेस्ट की तैयारी के लिए इस ठिकाने का इस्तेमाल कर रहा था. अमेरिकी सैटेलाइट ने पाकिस्तान की इस तैयारियों को पकड़ा जिसके बाद टेस्ट को रद्द कर दिया गया. यह जगह रणनीतिक रूप से इसलिए अहम है क्योंकि इसकी भौगोलिक बनावट (पहाड़ियों और दूरदराज इलाकों की वजह से) गुप्त सैन्य गतिविधियों के लिए सटीक मानी जाती है.
माना जाता है कि यहीं पर पाकिस्तान ने अपने पहले परमाणु विस्फोटों की तकनीकी जांच और अभ्यास किए थे जिससे यह इलाका राष्ट्रीय सुरक्षा और परमाणु कार्यक्रम के इतिहास में खास महत्व रखता है. फेडरेशन ऑफ अमेरिकन साइंटिस्ट (FAS) की एक रिपोर्ट के मुताबिक सरगोधा में गैरेज का आकार काफी बड़ा है जो शॉर्ट-रेंज गजनवी और शाहीन-1 लॉन्चर के लिए अहम होगा और मध्यम-रेंज गौर या शाहीन-2 लॉन्चर के लिए बेहतर आकार का प्रतीत होता है.
पाकिस्तान के पास कितने परमाणु बम?
भारत और पाकिस्तान के बीच बने युद्ध जैसी स्थिति के दौरान एक सवाल काफी आम था कि पाकिस्तान के पास कितने परमाणु बम हैं. साथ ही भा क्वेरी थी कि भारत के पास कितने न्यूक्लियर बम हैं. स्टॉकहोल्म इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) की रिपोर्ट के अनुसार जनवरी, 2024 तक पाकिस्तान के पास 170 परमाणु हथियार थे वहीं भारत के पास 172 परमाणु हथियार (न्यूक्लियर वॉरहेड्स) थे.
दोनों देशों के पास मौजूद परमाणु बम की संख्या के बीच का अंतर काफी छोटा लग सकता है लेकिन पिछले कुछ वर्षों में भारत ने अपनी ताकत को बढ़ाया है. रिपोर्ट के अनुसार जनवरी 2023 में भारत के पास 164 परमाणु हथियार थे वहीं पाकिस्तान के पास 170 थे. यानी भारत ने पिछले कुछ समय में अपने परमाणु बम की संख्या में इजाफा किया है.
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