केंद्र सरकार ने 6 फीसदी बढ़ाया कच्चे जूट का MSP, अब इतने रुपये क्विंटल हुआ रेट

केंद्र सरकार ने किसानों को बहुत बड़ा गिफ्ट दिया है. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कच्चे जूट के एमएसपी में बढ़ोतरी की मंजूरी दी है. सरकार के इस फैसले से पश्चिम बंगाल, बिहार और असम सहित कई राज्यों में जूट की खेती करने वाले किसानों को सीधा फायदा होगा.

कच्चे जूट के एमएसपी में बढ़ोतरी. Image Credit: Freepik

Jute MSP: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार ने किसानों को बहुत बड़ी खुशखबरी दी है. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को मार्केटिंग सत्र 2025-26 के लिए कच्चे जूट के मिनिमम सपोर्ट प्राइस (एमएसपी) में 6 फीसदी यानी 315 रुपये की बढ़ोतरी करने की मंजूरी दी है. इसके साथ ही अब कच्चे जूट का एमएसपी 5,650 रुपये प्रति क्विंटल हो गया. कहा जा रहा है कि सरकार के इस फैसले से देश के लाखों किसानों को सीधा फायदा होगा.

खास बात है कि एमएसपी में बढ़ोतरी करने का यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में ली गई है. बैठक के बाद वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल कहा कि नया एमएसपी अखिल भारतीय भारित औसत उत्पादन लागत पर 66.8 प्रतिशत का रिटर्न सुनिश्चित करता है और इससे किसानों को लाभ होगा. सरकार ने कच्चे जूट का एमएसपी 2014-15 के 2,400 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 2025-26 विपणन सत्र के लिए 5,650 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है, जो 2.35 गुना वृद्धि है.

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क्या बोले पीयूष गोयल

पीयूष गोयल ने कहा कि देश में जूट का उत्पादन बढ़ाने के लिए सरकार किसानों को लगातार प्रोत्साहित कर रही है. साथ ही सरकार एमएसपी पर कच्चे जूट की खरीद का आश्वासन भी दे रही है.लेकिन यह किसानों पर निर्भर करता है कि वे किस फसल की खेती करते हैं. उन्होंने कहा कि किसानों के पास अधिक कीमत देने वाली फसलों की खेती करने का पूरा हक है.

पिछले साल के मुकाबले अधिक बढ़ोतरी

इस साल एमएसपी में की गई बढ़ोतरी 2024-25 सीजन की तुलना में अधिक है, जिसका उद्देश्य भारत में जूट उत्पादन को बढ़ावा देना है. पिछले साल कच्चे जूट के एमएसपी में 285 रुपये की बढ़ोतरी की गई थी, जो 2024-25 सीजन के लिए 5,335 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गई थी. इसके अलावा, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) को अतिरिक्त पांच वर्षों के लिए जारी रखने की मंजूरी दी है.

गोयल ने पिछले एक दशक में मिशन की उपलब्धियों को उन्हें ऐतिहासिक मील का पत्थर बताया. गोयल ने कहा कि 2021 और 2022 के बीच एनएचएम कार्यबल में लगभग 1.2 मिलियन स्वास्थ्य कर्मियों को जोड़ा गया. उन्होंने कोविड-19 महामारी के खिलाफ भारत की लड़ाई में मिशन की महत्वपूर्ण भूमिका पर भी जोर दिया.

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बिहार जूट उत्पादन में तीसरे स्थान पर

ऐसे देश में सबसे अधिक जूट का उत्पादन पश्चिम बंगाल में होता है. इसके बाद असर और बिहार में भी किसान बड़े स्तर पर जूट की खेती करते हैं. राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड के (2023-24) आंकड़ों के अनुसार जूट के पैदावार में बिहार तीसरे स्थान पर है. बिहार के किसान हर साल 7.02 फीसदी जूट का उत्पादन करते हैं.

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