इस बार रिकॉर्ड चावल उत्पादन की उम्मीद, दलहन में आएगी बड़ी गिरावट ! सरकार ने जारी किया अनुमान

कृषि मंत्रालय के अनुसार, इस साल 164.70 मिलियन टन अनाज का उत्पादन होने की उम्मीद है, जो पिछले साल के 155.76 मिलियन टन से अधिक रहेगा. अगर दाल की बात करें तो इस साल दाल का उत्पादन 6.95 मिलियन टन रहने की संभावना है, जबकि तिलहन का उत्पादन भी अधिक रहने वाला है. तिलहन का उत्पादन पिछले साल 24.16 मिलियन टन के मुकाबले इस बार 25.74 मिलियन टन होने की उम्मीद है.

इस साल देश में मानसून ने बेहतर प्रदर्शन किया है. मानसून में अच्छी बारिश के कारण इस साल खेती की पैदावार बेहतर होने की संभावना है. इस मानसून में कई स्थानों पर उम्मीद से अधिक बारिश हुई है, जिससे किसानों के लिए यह साल फायदेमंद रहने वाला है. सरकार ने भी इस बार अच्छी पैदावार की संभावना जताई है. उम्मीद की जा रही है कि चावल से लेकर मोटे अनाज तक इस साल जमकर पैदावार होगी, जिससे किसानों के साथ-साथ आम लोगों को भी राहत मिलेगी.

कितना होगा उत्पादन

कृषि मंत्रालय ने इस साल अच्छे उत्पादन की संभावना जताई है. कृषि मंत्रालय के अनुमान के मुताबिक, अच्छे मानसून के कारण 2024-25 के इस खरीफ सीजन में 119.93 मिलियन टन चावल का उत्पादन होने की संभावना है, जो पिछले साल से 6.67 मिलियन टन अधिक है. मोटे अनाजों में मक्का का उत्पादन 2024-25 खरीफ सीजन में 24.54 मिलियन टन होने की संभावना है, जो पिछले साल के 22.24 मिलियन टन से अधिक है.

वहीं, ज्वार का उत्पादन 2.19 मिलियन टन और बाजरा का उत्पादन 9.37 मिलियन टन रहने की संभावना है. मोटे अनाज के उत्पादन में पिछले साल की तुलना में थोड़ी गिरावट रहने की संभावना है. पिछले साल इस अवधि में 56.93 मिलियन टन के मुकाबले इस साल 37.81 मिलियन टन उत्पादन रहने का अनुमान है. लेकिन मंत्रालय का अनुमान है कि पिछले साल की तुलना में कुल अनाज का उत्पादन इस बार अधिक रहेगा.

कृषि मंत्रालय के अनुसार, इस साल 164.70 मिलियन टन अनाज का उत्पादन होने की उम्मीद है, जो पिछले साल के 155.76 मिलियन टन से अधिक रहेगा. अगर दाल की बात करें तो इस साल दाल का उत्पादन 6.95 मिलियन टन रहने की संभावना है, जबकि तिलहन का उत्पादन भी अधिक रहने वाला है. तिलहन का उत्पादन पिछले साल 24.16 मिलियन टन के मुकाबले इस बार 25.74 मिलियन टन होने की उम्मीद है.

दालों और तिलहन की घरेलू मांग को पूरा करने के लिए भारत आयात पर निर्भर रहता है. नगदी फसलों में गन्ने के उत्पादन में कमी आने की संभावना है, जो पिछले साल के 453.15 मिलियन टन से घटकर 439.93 मिलियन टन रहने का अनुमान है. कृषि मंत्रालय ने पहली बार डिजिटल कृषि मिशन के तहत डिजिटल फसल सर्वेक्षण (DCS) डेटा का इस्तेमाल करके यह अनुमान लगाया है.