घर बैठे नकली घी कैसे पहचानें? ये है सबसे आसान तरीका, आयोडीन टेस्ट से खुल जाएगा राज
नकली घी की पहचान अब घर बैठे आसान है. Food Pharmer द्वारा बताए गए आयोडीन टेस्ट से कुछ मिनटों में पता लगाया जा सकता है कि देसी घी शुद्ध है या उसमें स्टार्च मिलाया गया है. यह तरीका FSSAI की गाइडलाइंस पर आधारित है.
Fake Ghee Test: आज मिलावटी खाद्य पदार्थों को लेकर लगातार चिंता बढ़ती जा रही है और इनमें घी सबसे ज्यादा संवेदनशील प्रोडक्ट्स में शामिल है. इसी मुद्दे पर फूड सेफ्टी को लेकर जागरूकता फैलाने वाले चर्चित इन्फ्लुएंसर Food Pharmer (रेवंत हिमात्सिंगका) ने एक सरल घरेलू तरीका बताया है. इस तरीके की मदद से आम लोग घर बैठे यह जांच कर सकते हैं कि उनका देसी घी शुद्ध है या उसमें मिलावट की गई है. हाल ही में साझा किए गए एक वीडियो में उन्होंने आयोडीन टेस्ट के जरिए घी की शुद्धता जांचने का आसान तरीका समझाया है.
आयोडीन टेस्ट से कैसे पकड़ें नकली घी
फूड फार्मर के मुताबिक, यह टेस्ट FSSAI की आधिकारिक टेस्टिंग मैनुअल में बताए गए दिशा-निर्देशों पर आधारित है. इस टेस्ट के लिए ज्यादा मेहनत या किसी खास उपकरण की जरूरत नहीं होती. सबसे पहले एक कटोरी में थोड़ी मात्रा में घी लें और उसमें आयोडीन की कुछ बूंदें डालें. अगर आयोडीन डालते ही घी का रंग नीला हो जाता है, तो इसका मतलब है कि उसमें स्टार्च की मिलावट मौजूद है. स्टार्च आमतौर पर आलू या अन्य सस्ते पदार्थों से मिलाया जाता है, ताकि मात्रा बढ़ाई जा सके.
रंग बदलने का क्या है मतलब
वीडियो में फूड फार्मर साफ शब्दों में कहते हैं कि अगर रंग नीला हो जाए, तो समझ लें कि आप घी के नाम पर स्टार्च खा रहे हैं. यह सीधे तौर पर मिलावट का संकेत है. वहीं, अगर आयोडीन डालने के बाद घी के रंग में कोई बदलाव नहीं होता, तो यह माना जा सकता है कि घी शुद्ध है. यह जानकारी खासतौर पर उन लोगों के लिए अहम है, जो रोजमर्रा के खाने में घी का इस्तेमाल करते हैं.
क्यों सबसे ज्यादा मिलावट का शिकार होता है घी
फूड फार्मर का कहना है कि घी की कीमत ज्यादा होने और इसकी खपत व्यापक होने की वजह से इसमें मिलावट करना आसान और मुनाफे वाला हो जाता है. थोड़ी सी मिलावट से ही प्रोडक्ट का वॉल्यूम बढ़ जाता है और ज्यादा मुनाफा कमाया जा सकता है, जबकि उपभोक्ताओं की सेहत खतरे में पड़ जाती है. इसी कारण घी लंबे समय से मिलावटखोरों के निशाने पर रहा है.
लेबल नहीं, रिपोर्ट भी पढ़ने की सलाह
उन्होंने उपभोक्ताओं से अपील की कि सिर्फ पैकेज पर लिखे दावों और मार्केटिंग पर भरोसा न करें. “लेबल ही नहीं, रिपोर्ट भी पढ़ें,” यह कहते हुए उन्होंने ज्यादा जागरूक और सतर्क बनने की जरूरत पर जोर दिया. उनका मानना है कि उपभोक्ताओं की सजगता ही इस तरह की मिलावट पर लगाम लगा सकती है और पब्लिक हेल्थ को बेहतर बना सकती है.
मिलावटी घी पर लगातार कार्रवाई
हाल के दिनों में मिलावटी घी के कई मामले सामने आए हैं. इसी महीने की शुरुआत में दिल्ली पुलिस ने अलीपुर इलाके में नकली देसी घी बनाने वाली एक बड़ी यूनिट का भंडाफोड़ किया था. इस कार्रवाई में करीब 1500 किलोग्राम नकली घी और 55 लीटर सिंथेटिक एसेंस बरामद किया गया था. ऐसे मामलों ने यह साफ कर दिया है कि घर बैठे जांच के आसान तरीकों को जानना अब पहले से कहीं ज्यादा जरूरी हो गया है.
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