रिकॉर्ड फसल, अच्छी बारिश और GST में राहत, फिर भी क्यों परेशान हैं किसान; इस बीच सरकार ला रही है 2 कृषि कानून

साल 2025 में भारत का एग्रीकल्चर सेक्टर रिकॉर्ड खाद्यान्न उत्पादन की ओर बढ़ा है. बेहतर मानसून से खरीफ और रबी फसलों को मजबूती मिली है. सरकार के GST सुधारों से खेती की लागत घटी और किसानों को राहत मिली. हालांकि किसान इनकम और निर्यात को लेकर चुनौतियां बनी हुई हैं.

Agriculture Sector 2025: देश का एग्रीकल्चर सेक्टर साल 2025 में उतार चढ़ाव भरे दौर से गुजरता नजर आया है. एक ओर रिकॉर्ड खाद्यान्न उत्पादन की संभावना ने उम्मीदें बढ़ाई हैं तो दूसरी ओर अमेरिकी टैरिफ और मौसम की मार ने किसानों की चिंता भी बढ़ा दी है. बेहतर मानसून से खरीफ फसल मजबूत रही है और रबी की बुआई तेजी से आगे बढ़ रही है. GST सुधारों से खेती की लागत घटी है. हालांकि किसान इनकम और निर्यात को लेकर चुनौतियां बनी हुई हैं. अब सभी की नजर 2026 की नीतियों पर टिकी है.

खाद्यान्न उत्पादन में रिकॉर्ड की उम्मीद

साल 2025 26 में भारत के खाद्यान्न उत्पादन के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने की संभावना है. कृषि मंत्रालय के पहले अग्रिम अनुमान के अनुसार खरीफ उत्पादन 173.33 मिलियन टन रहने का अनुमान है. चावल का उत्पादन 124 मिलियन टन से अधिक हो सकता है जबकि मक्का 28 मिलियन टन तक पहुंच सकता है. सामान्य से बेहतर मानसून ने फसलों को मजबूती दी. हालांकि सितंबर में ज्यादा बारिश से कुछ राज्यों में फसलों को नुकसान भी हुआ.

रबी बुआई और कृषि विकास की स्थिति

दिसंबर तक रबी की बुआई 659 लाख हेक्टेयर से ज्यादा क्षेत्र में हो चुकी है. गेहूं और दालों की बुआई में सालाना आधार पर बढ़ोतरी दर्ज की गई है. इसके बावजूद नीति आयोग ने कृषि और इससे जुड़े सेक्टर की विकास दर 4 फीसदी रहने का अनुमान जताया है. आधार प्रभाव के चलते विकास दर में हल्की नरमी देखी जा रही है. उत्पादन बढ़ने के बावजूद किसानों की आमदनी पर दबाव बना हुआ है.

GST राहत और अमेरिकी टैरिफ का असर

साल 2025 में खेती से जुड़े इनपुट्स पर GST दर घटाकर 5 फीसदी करना बड़ी राहत साबित हुआ. ट्रैक्टर कृषि मशीन और सिंचाई उपकरण सस्ते हुए जिससे किसानों की लागत घटी. दूसरी ओर अमेरिका के टैरिफ ने भारत के कृषि निर्यात को झटका दिया. झींगा, मसाले, चावल और प्रोसेस्ड फूड जैसे उत्पाद प्रभावित हुए. इसके बाद भारत ने नए बाजारों की ओर रुख किया और गैर अमेरिकी बाजारों से निर्यात बढ़ा.

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सरकार ला रही नया बिल

सरकार ने पीएम फसल बीमा योजना उर्वरक सब्सिडी और पीएम किसान जैसी योजनाओं को आगे बढ़ाया. वहीं किसान संगठनों ने मिनिमम सपोर्ट प्राइस और कर्ज माफी को लेकर प्रदर्शन किए. सरकार अब सीड बिल और पेस्टिसाइड मैनेजमेंट बिल लाने की तैयारी में है. नकली खाद और कीटनाशकों पर सख्ती का भरोसा दिलाया गया है. साल 2026 में एग्रीकल्चर सेक्टर की दिशा इन नीतिगत फैसलों पर निर्भर करेगी.