झारखंड में आज से शुरू हुई धान की खरीद, किसानों को 100 रुपये प्रति क्विंटल मिलेगा बोनस
झारखंड के अलावा छत्तीसगढ़ में भी धान की खरीद तेजी से हो रही है. छत्तीसगढ़ सरकार ने धान खरीद अभियान के पहले 28 दिनों में निर्धारित 160 लाख टन लक्ष्य के मुकाबले 25 प्रतिशत से अधिक स्टॉक खरीद लिया है.
झारखंड में आज यानी रविवार से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर धान की खरीद शुरू हो गई है. इस साल कृषि विभाग ने प्रदेश में 41.38 लाख टन धान उत्पादन का अनुमान लगाया है. राज्य के खाद्य आपूर्ति मंत्री इरफान अंसारी ने कहा कि 2,300 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान की खरीद की जाएगा. इसके बाद किसानों को एमएसपी पर 100 रुपये प्रति क्विंटल का बोनस दिया जाएगा, जिससे धान की कुल कीमत 2,400 रुपये प्रति क्विंटल हो जाएगी. यानी एक क्विंटल धान बेचने पर किसानों को 2400 रुपये मिलेंगे.
वहीं, छत्तीसगढ़ में धान की खरीद तेजी चे चल रही है. धान खरीद अभियान के पहले 28 दिनों में छत्तीसगढ़ सरकार ने चालू खरीफ विपणन सत्र के लिए निर्धारित 160 लाख टन लक्ष्य के मुकाबले 25 प्रतिशत से अधिक स्टॉक खरीद लिया है. राज्य सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि अभी तक राज्य में 4570000 टन धान खरीदा जा चुका है. उन्होंने कहा कि प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के माध्यम से किसानों को 10,001 करोड़ रुपये की राशि वितरित की गई है.
छत्तीसगढ़ में किसानों को एक क्विंटल धान के लिए 2,300 रुपये मिलते हैं. 800 रुपये की अंतर राशि बाद में इनपुट सब्सिडी के रूप में दी जाती है. प्रवक्ता ने कहा कि पंजीकरण के लिए मिलरों से लगभग 865 आवेदन प्राप्त हुए हैं और 252 चावल मिलरों ने नामांकन कराया है.
धान खरीद के लिए बना गए 2,739 केंद्र
दरअसल, छत्तीसगढ़ में 15 नवंबर से शुरू हुई खरीद को सुविधाजनक बनाने के लिए 2,739 केंद्र बनाए गए हैं. अब तक 2,768,000 किसानों ने इस प्रक्रिया के लिए खुद को पंजीकृत कराया है, जिनमें से 680,000 किसानों ने अपनी उपज बेची है. प्रवक्ता ने कहा कि 400,000 बंडल बोरियों में से 351,000 उपलब्ध करा दी गई हैं, जबकि शेष एक पखवाड़े के भीतर वितरित की जाएंगी. अधिशेष धान को निकटतम संग्रह केंद्रों पर ले जाया जा रहा है.
आदेश जारी किए गए
प्रवक्ता ने कहा कि अब तक 250,000 टन धान के परिवहन के आदेश जारी किए गए हैं. खास बात यह है कि किसान अब मोबाइल ऐप के माध्यम से टोकन बुक कर सकते हैं. कुल टोकन आवेदनों में से लगभग 40 प्रतिशत खरीद केंद्रों पर बुकिंग के लिए आरक्षित हैं, जबकि 60 प्रतिशत ऐप के लिए रखे गए हैं. सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि छोटे और सीमांत भूमि वाले किसान टोकन का एक सेट प्राप्त कर सकते हैं.
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