धान की बुवाई में इस बार जबरदस्त बढ़ोतरी, इतने हेक्टेयर में हुई बुवाई
2024-25 सीजन में अब तक धान की बुवाई 2.22 प्रतिशत बढ़कर 413.50 लाख हेक्टेयर हो गया है. एक साल पहले इसी दौरान धान का रकबा 404.50 लाख हेक्टेयर था.

धान की बुवाई में इस बार जबरदस्त तेजी देखने को मिल रही है. कृषि मंत्रालय ने कहा कि 2024-25 सीजन में अब तक धान की बुवाई 2.22 प्रतिशत बढ़कर 413.50 लाख हेक्टेयर हो गया है. एक साल पहले इसी दौरान धान का रकबा 404.50 लाख हेक्टेयर था. मुख्य खरीफ फसल धान की बुवाई जून से दक्षिण-पश्चिम मानसून की शुरुआत के साथ शुरू होती है और सितंबर से कटाई होती है.
इसके अलावा, इस सत्र के 23 सितंबर तक दलहन की बुवाई का रकबा बढ़कर 128.58 लाख हेक्टेयर हो गया, जबकि पिछले साल इसी अवधि में दलहन की बुवाई का रकबा 119.28 लाख हेक्टेयर था. अब तक अरहर 46.50 लाख हेक्टेयर और मूंग 35.46 लाख हेक्टेयर की बुवाई रहा, जबकि उड़द का रकबा थोड़ा कम 30.73 लाख हेक्टेयर रहा.
मोटे अनाज और ‘श्री अन्न’ (बाजरा) का रकबा एक साल पहले की समान अवधि के 186.07 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 192.55 लाख हेक्टेयर हो गया. मोटे अनाजों में मक्का का रकबा 84.65 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 88.06 लाख हेक्टेयर हो गया. इस खरीफ सीजन में अब तक तिलहन की बुवाई का रकबा मामूली रूप से बढ़कर 193.84 लाख हेक्टेयर हो गया, जो एक साल पहले की समान अवधि में 190.92 लाख हेक्टेयर था.
नकदी फसलों में गन्ने की बुवाई का रकबा मामूली रूप से बढ़कर 57.11 लाख हेक्टेयर से 57.68 लाख हेक्टेयर हो गया, कपास का रकबा 123.71 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 112.76 लाख हेक्टेयर हो गया, जबकि जूट-मेस्ता का रकबा 6.67 लाख हेक्टेयर से कम होकर 5.74 लाख हेक्टेयर रहा. सभी खरीफ फसलों की बुवाई का कुल रकबा बढ़कर 1104.63 लाख हेक्टेयर हो गया, जबकि पिछले साल इसी अवधि में रकबा 1088.26 लाख हेक्टेयर था.
फसलों की बुआई में कमी और बढ़ोतरी कुछ इस प्रकार है-
- धान की बुवाई में 2.22% की बढ़त हुई है, जो 413.50 लाख हेक्टेयर हो गई है.
- दलहन की बुवाई का रकबा 128.58 लाख हेक्टेयर हो गया है.
- मोटे अनाज का रकबा 192.55 लाख हेक्टेयर हो गया है.
- तिलहन की बुवाई का रकबा 193.84 लाख हेक्टेयर हो गया है.
- सभी खरीफ फसलों की बुवाई का कुल रकबा 1104.63 लाख हेक्टेयर हो गया है.
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