PM E-DRIVE: देशभर में सरकार खोलेगी 72,300 EV चार्जिंग स्टेशन, कौन खोल सकेगा और कितनी मिलेगी सब्सिडी
केंद्र सरकार पीएम इलेक्ट्रिक ड्राइव रिवोल्यूशन इन इनोवेटिव व्हीकल एन्हांसमेंट (PM E-DRIVE) योजना के तहत ₹2,000 करोड़ खर्च कर देशभर में लगभग 72,300 सार्वजनिक इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) चार्जिंग स्टेशन खोलेगी. सरकार ने इसकी गाइडलाइन्स जारी कर दी हैं. आइये पढ़ते हैं कि ये स्टेशन कहां खुल सकेंगे और इन्हें लगाने पर कितनी सब्सिडी मिलेगी.

केंद्र सरकार ने पीएम ई-ड्राइव योजना के तहत भारत में लगभग 72,300 पब्लिक ईवी चार्जिंग स्टेशनों को खोलने के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं. सरकार के अनुसार, इससे सार्वजनिक चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार होगा व शहरों और राजमार्गों में कवरेज बढ़ेगा और देश की क्लीन मोबिलिटी को समर्थन मिलेगा. सरकार की 10,900 करोड़ रुपये की पीएम ई-ड्राइव योजना के तहत ईवी चार्जिंग स्टेशनों को खोलने के लिए 2,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गये हैं. आइये पूरी गाइडलाइन पर नजर डालते हैं.
कौन खोल सकेगा ये स्टेशन
दिशानिर्देशों के अनुसार, मंत्रालय, केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम (सीपीएसई), राज्य सरकारें, केंद्र शासित प्रदेश और उनके सार्वजनिक उपक्रम चार्जिंग स्टेशनों के लिए प्रपोजल जमा करने के लिए पात्र हैं. इन संस्थाओं द्वारा नियुक्त नोडल एजेंसियां डिमांड का आकलन करेंगी और उपयुक्त स्थलों की पहचान करेंगी. संस्थायें स्वयं ईवी पीसीएस स्थापित, संचालित और उनका रखरखाव कर सकती हैं या इसके लिए चार्ज पॉइंट ऑपरेटरों (सीपीओ) को नियुक्त कर सकती हैं.
पात्र संस्थायें दस लाख से अधिक आबादी वाले शहरों, स्मार्ट शहरों, राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों की राजधानियों, महानगरों के उपनगरों और राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम के अंतर्गत आने वाले शहरों को प्राथमिकता देंगी ताकि एक केंद्रित दृष्टिकोण सुनिश्चित किया जा सके।
उच्च वाहन घनत्व वाले या प्रमुख औद्योगिक केंद्रों और बंदरगाहों को जोड़ने वाले इंटर-सिटी और इंटर-स्टेट राजमार्गों की भी सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के परामर्श से पहचान की जाएगी.
सब्सिडी
- गाइडलाइंस के मुताबिक, कार्यालयों, आवासीय परिसरों, अस्पतालों और शैक्षणिक संस्थानों सहित सरकारी परिसरों के लिए अपस्ट्रीम बुनियादी ढांचे और चार्जिंग उपकरणों दोनों पर 100% सब्सिडी दी जाएगी, जहां सभी लोग बिना किसी प्रतिबंध के अपने इलेक्ट्रिक वाहन चार्ज कर सकेंगे।
- हवाई अड्डों, रेलवे स्टेशनों, बस डिपो, मेट्रो स्टेशनों और सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों के ईंधन आउटलेट जैसे परिवहन केंद्रों पर, बुनियादी ढांचे की लागत का 80% और उपकरणों की लागत का 70% समर्थन दिया जाएगा.
- शॉपिंग मॉल, बाजार और शहर की सड़कों जैसे अन्य स्थानों के लिए, बुनियादी ढांचे के लिए 80% सब्सिडी दी जाएगी.
- बैटरी स्वैपिंग और चार्जिंग स्टेशनों को बुनियादी ढांचे के लिए 80% सहायता मिलेगी.
यह भी जानें
सरकार की तरफ से भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (BHEL) को इस परियोजना के लिए प्रोजेक्ट इम्प्लीमेंटेशन एजेंसी (PIA) बनाया गया है. वहीं, सब्सिडी दो चरणों में मिलेगी. बता दें कि सरकार सार्वजनिक परिवहन को स्वच्छ और टिकाऊ बनाते हुए और इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को बढ़ावा दे रही है. इस योजना का मकसद देश में ईवी चार्जिंग नेटवर्क का तेजी से विस्तार करना है.
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