चेक इंजन लाइट जलने के ये हैं प्रमुख कारण, इग्नोर करने पर हो सकता है बड़ा नुकसान; भूल कर भी न करें गलती
कार के डैशबोर्ड पर ‘Check Engine’ लाइट जलना किसी गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है. इसे इग्नोर करने पर भारी मरम्मत खर्च और इंजन डैमेज का जोखिम बढ़ जाता है. Check Engine लाइट अक्सर O2 Sensor खराब होने, Catalytic Converter फेलियर, Spark Plug डैमेज, MAF Sensor समस्या की खराबी के कारण जलती है. समय पर जांच और सेंसर की सफाई से आप अनावश्यक खर्च से बच सकते हैं.
Check Engine light reasons: अगर आपकी कार के डैशबोर्ड पर ‘Check Engine’ की चेतावनी वाली लाइट जलती है, तो उसे कभी भी हल्के में नहीं लेना चाहिए. यह छोटी सी लाइट आपके वाहन की सेहत के प्रति एक गंभीर संकेत हो सकती है, जिसे नजरअंदाज करने पर भारी मरम्मत लागत और सुरक्षा जोखिम हो सकता है. यह लाइट किसी बड़ी मैकेनिकल समस्या की पहली चेतावनी हो सकती है. इसे इग्नोर करना आपकी जेब पर भारी पड़ सकता है. तो चलिए आपको बताते हैं कि Check Engine लाइट जलने के प्रमुख कारण क्या हैं.
Check Engine लाइट जलने के प्रमुख कारण
एक्सपर्ट के अनुसार, इस चेतावनी के जलने के पीछे कई संभावित कारण हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:
- खराब ऑक्सीजन सेंसर (O2 Sensor): यह सेंसर इंजन से निकलने वाली गैसों में ऑक्सीजन की मात्रा मापता है. इसके खराब होने से ईंधन की खपत बढ़ सकती है और प्रदूषण भी अधिक हो सकता है.
- कैटालिटिक कन्वर्टर में खराबी: यह घटक हानिकारक गैसों को कम नुकसानदेह गैसों में बदलता है. इसकी मरम्मत काफी महंगी हो सकती है, इसलिए शुरुआती चेतावनी पर ध्यान देना जरूरी है.
- स्पार्क प्लग या वायर का डैमेज होना: यह इग्निशन सिस्टम का हिस्सा है. इनके खराब होने से इंजन मिसफायर कर सकता है और कार की परफॉर्मेंस प्रभावित हो सकती है.
- मास एयर फ्लो (MAF) सेंसर में समस्या: यह सेंसर इंजन में जाने वाली हवा की मात्रा मापता है. इसके खराब होने से इंजन ठीक से काम नहीं कर पाता.
- फ्यूल कैप का ढीला होना: कई बार यह एक छोटी और सामान्य समस्या होती है. ईंधन का ढक्कन ठीक से बंद न होने से भी यह चेतावनी जल सकती है.
- EGR वाल्व या इंजन मिसफायर की समस्या: यह इंजन के उत्सर्जन को नियंत्रित करने में मदद करता है. इसके जाम होने या खराब होने से कई तरह की दिक्कतें पैदा हो सकती हैं.
क्या करें जब जले Check Engine की लाइट
सबसे पहले कार को किसी अधिकृत सर्विस सेंटर या किसी विश्वसनीय मैकेनिक के पास ले जाएं और वाहन का Computer Diagnostic Scan करवाएं. इस स्कैन से यह पता चल जाता है कि समस्या का सही स्रोत क्या है, जिससे अनावश्यक खर्च और समय बर्बाद होने से बचता है.
अगर कोई सेंसर खराब लगे, तो उसे तुरंत बदलने के बजाय एक बार अच्छी तरह साफ करवाने पर जरूर विचार करें. नब्बे फीसदी मामलों में सेंसर साफ होने के बाद ठीक से काम करने लगता है, जिससे आप एक नया पार्ट खरीदने के खर्च से बच सकते हैं.
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