GST Rate Cut: 22 सितंबर से कार-बाइक होंगी सस्ती, जानें आपकी पसंदीदा गाड़ियों पर कितना पड़ेगा असर
जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बड़ा फैसला लिया है. 22 सितंबर 2025 से छोटी कारों, 350 सीसी तक की बाइक, तिपहिया और कमर्शियल वाहनों पर जीएसटी 28 फीसदी से घटाकर 18 फीसदी कर दिया गया है. वहीं लग्जरी कार, SUV, हाई-एंड वाहन, हेलीकॉप्टर, यॉट और निजी विमान पर जीएसटी बढ़ाकर 40 फीसदी कर दिया गया है. इस कदम से आम उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी, परिवहन लागत घटेगी और ऑटोमोबाइल सेक्टर में बिक्री को बढ़ावा मिलेगा.

GST rate cut car-bike: केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई 56वीं जीएसटी काउंसिल की बैठक में ऑटोमोबाइल सेक्टर के लिए ऐतिहासिक निर्णय लिए गए हैं. इस बैठक के अंत में वित्त मंत्री ने आम जनता द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले वाहनों पर GST (गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स) में बड़ी कटौती की घोषणा की, जबकि लग्जरी वस्तुओं पर टैक्स बढ़ाया गया है. यह नया टैक्स स्ट्रक्चर 22 सितंबर, 2025 से लागू होगा, जो त्योहारी सीजन से ठीक पहले उपभोक्ताओं और उद्योग दोनों के लिए एक बड़ी राहत के रूप में देखा जा रहा है. पिछले कुछ समय से ऑटोमोबाइल सेक्टर में थोड़ी सुस्ती देखने को मिली है लेकिन GST रेट में कटौती के कारण इसमें रफ्तार भरने की उम्मीद है.
आम आदमी के वाहनों पर बड़ी राहत
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान की गई घोषणा के मुताबिक, छोटी कारों और 350 सीसी या उससे कम क्षमता वाली मोटरसाइकिलों पर जीएसटी की रेट को 28 प्रतिशत से घटाकर मात्र 18 फीसदी कर दिया गया है. इसका सीधा सा मतलब है कि अब आम आदमी की पहुंच में आने वाले ये वाहन काफी सस्ते होंगे, जिससे उनकी खरीदारी को बल मिलने की उम्मीद है.
इसके अलावा, परिवहन और आपातकालीन सर्विस से जुड़े कमर्शियल वाहनों जैसे कि बस, ट्रक और एम्बुलेंस पर भी जीएसटी में भारी कमी की गई है. इन वाहनों पर भी अब एक समान 18 प्रतिशत की रेट से ही जीएसटी लगेगा, जबकि पहले यह रेट 28 फीसदी थी. इस कदम से सार्वजनिक परिवहन और माल ढुलाई की लागत में कमी आने की संभावना है, जिसका लाभ अंततः आम उपभोक्ता को ही मिलेगा.
ऑटो पार्ट्स और तिपहिया वाहनों पर भी एक समान रेट
नए टैक्स स्ट्रक्चर में ऑटोमोबाइल पार्ट्स के मामले में भी समानता लाने का प्रयास किया गया है. अब चाहे ऑटो पार्ट्स का एचएस कोड (HS Code) कुछ भी हो, उन सभी पर एक समान 18 फीसदी की जीएसटी दर लागू होगी. इससे पार्ट्स की कीमतों में स्थिरता आएगी और मरम्मत एवं रखरखाव की लागत भी नियंत्रित होगी.
इसी तरह, अक्सर छोटे व्यवसायियों और मध्यम वर्ग द्वारा उपयोग किए जाने वाले तिपहिया वाहनों (ऑटोरिक्शा, गूड्स कैरियर आदि) को भी 28 प्रतिशत के हाई स्लैब से निकालकर 18 फीसदी के स्लैब में शामिल किया गया है.
लक्जरी आइटम पर बढ़ा टैक्स
वहीं दूसरी ओर, सरकार ने ‘लक्जरी आइटम’ की कैटेगरी में आने वाले वाहनों पर टैक्स का बोझ बढ़ाने का फैसला किया है. अब मध्यम और बड़ी कारों, 350 सीसी से अधिक क्षमता वाली मोटरसाइकिलों और अन्य लग्जरी वाहनों पर 40 प्रतिशत की जीएसटी दर लागू होगी.
इस नई हाई रेट वाली कैटेगरी में 1200 सीसी से अधिक इंजन क्षमता या 4,000 मिमी से अधिक लंबाई वाले पेट्रोल/हाइब्रिड वाहन और 1500 सीसी से अधिक इंजन क्षमता या 4,000 मिमी से अधिक लंबाई वाले डीजल/हाइब्रिड वाहन शामिल हैं. इनमें बड़ी यात्री कारें, एसयूवी और हाई-एंड वाहन आते हैं.
इसके अलावा, हेलीकॉप्टर, निजी विमान, नौका (यॉट) और मनोरंजन या खेल के लिए उपयोग होने वाले जहाज भी इसी 40 फीसदी के उच्च टैक्स स्लैब में रखे गए हैं.
उद्योग और अर्थव्यवस्था पर प्रभाव
इन निर्णयों को ऑटो उद्योग के लिए एक गेम-चेंजिंग कदम माना जा रहा है. पिछले कुछ समय से यह इंडस्ट्री सुस्त बिक्री से जूझ रही थी. त्योहारी सीजन से ठीक पहले आई इस राहत से कार और दोपहिया वाहनों की बिक्री में तेजी की उम्मीद है, जिससे पूरी मैन्युफैक्चरिंग चेन को गति मिलेगी और रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे. साथ ही, इस नए टैक्स स्लैब का मकसद टैक्स सिस्टम में और अधिक पारदर्शिता और समानता लाना है.
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