कार के हेडलाइट की रोशनी कम हो गई है? पूरी यूनिट बदलने से पहले जान लें ये कारण; घर बैठे खुद करें पहचान

कार के हेडलाइट की रोशनी कम होना ड्राइविंग के लिए खतरनाक हो सकता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि आपको पूरी यूनिट बदलनी पड़े. अक्सर समस्या साधारण कारणों से होती है जैसे बल्ब का खराब होना, लेंस का धुंधला पड़ना, वायरिंग की गड़बड़ी, बैटरी की कमजोरी या रिफ्लेक्टर की खराबी. सही पहचान और समय पर समाधान से आप अतिरिक्त खर्च से बच सकते हैं. सुरक्षित ड्राइविंग के लिए हेडलाइट्स का सही काम करना बेहद जरूरी है.

कार हेडलाइट रोशनी Image Credit: AI/canva

Car headlight lights: कार में हेडलाइट्स का सही और तेज रोशनी देना सुरक्षित ड्राइविंग के लिए बेहद आवश्यक है. अक्सर लोगों को लगता है कि हेडलाइट की रोशनी कम होने पर पूरी यूनिट बदलनी पड़ेगी, जिसमें काफी खर्च आता है. लेकिन ऐसा जरूरी नहीं है. रोशनी कम होने के पीछे कई सामान्य कारण हो सकते हैं, जिनका समाधान बहुत कम खर्च में भी संभव है. तो चलिए जानते हैं कि इस समस्या के पीछे क्या कारण हो सकते हैं और इसकी जांच व समाधान कैसे करें.

रोशनी कम होने के प्रमुख कारण और उनके समाधान

बल्ब का खराब या पुराना होना: यह सबसे सामान्य कारण है. समय के साथ बल्ब कमजोर हो जाते हैं. अगर बल्ब का ग्लास भाग काला या पीला पड़ गया है या फिर रोशनी पहले की तुलना में कम लग रही है, तो सीधा और सरल समाधान है बल्ब बदलना. हमेशा अच्छी क्वालिटी के कंपनी के बल्ब ही लगवाएं.

हेडलाइट लेंस का धुंधला होना: धूल, मिट्टी, सूरज की किरणों और मौसम के प्रभाव से हेडलाइट का प्लास्टिक लेंस धुंधला, पीला या खरोंच हो जाता है. इस पर जमी यह धुंधली परत रोशनी को रोकती है. इसे ठीक करने के लिए पूरा हेडलाइट बदलने की आवश्यकता नहीं है. एक पेशेवर से पॉलिशिंग या रिस्टोरेशन करवाना (जिसकी लागत लगभग 300 से 500 रुपये हो सकती है) रोशनी को फिर से नया जैसा चमका सकता है.

वाहन की वायरिंग में समस्या: अगर कार की बैटरी कमजोर है, अल्टरनेटर ठीक से काम नहीं कर रहा है या वायरिंग में कोई दिक्कत है, तो हेडलाइट्स को पर्याप्त बिजली नहीं मिल पाती. इस स्थिति में अक्सर दोनों हेडलाइट्स की रोशनी एक साथ कम होती है और होर्न भी धीमा लग सकता है. इसके लिए किसी अच्छे मैकेनिक से बैटरी, अल्टरनेटर और वायरिंग की जांच करवानी चाहिए.

रिफ्लेक्टर की खराबी: हेडलाइट के अंदर एक रिफ्लेक्टर होता है जो बल्ब की रोशनी को सही दिशा में फोकस करता है. अगर यह रिफ्लेक्टर खराब हो जाए, उसकी चमकदार कोटिंग उतर जाए या वह डल दिखे, तो रोशनी प्रभावित होती है. इस स्थिति में अक्सर पूरी हेडलाइट असेंबली बदलनी पड़ती है.

खराब क्वालिटी के बल्ब: कई बार लोग कम दाम के कारण स्थानीय या कम गुणवत्ता वाले बल्ब लगवा लेते हैं, जो जल्दी खराब हो जाते हैं या उचित रोशनी नहीं दे पाते. हमेशा विश्वसनीय ब्रांड के बल्बों का ही इस्तेमाल करें.

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आप स्वयं कैसे कर सकते हैं आसान जांच?

हर बार मैकेनिक के पास जाने की जरूरत नहीं है. आप कुछ छोटी जांच खुद भी कर सकते हैं:

  • बल्ब निकालकर देखें: कार का मैन्युअल देखकर सावधानी से बल्ब निकालें. अगर उसका ग्लास काला या धुंधला दिखे, तो उसे बदल दें.
  • लेंस को देखें: हेडलाइट के बाहरी कवर को अच्छी तरह देखें. अगर वह पीला या धुंधला लगे, तो पॉलिशिंग करवाना सही विकल्प है.
  • वोल्टेज की जांच: अगर रोशनी कमजोर है और होर्न भी धीमा है, तो तुरंत मैकेनिक से बैटरी और अल्टरनेटर टेस्ट करवाएं.
  • रिफ्लेक्टर को चेक करें: हेडलाइट खोलकर अंदर के रिफ्लेक्टर को देखें. अगर उसकी चमक खत्म हो गई है तो समझ जाएं कि पूरी यूनिट बदलने का समय आ गया है.